उत्तराखंड में प्रथम दो बालिकाओं के जन्म पर मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट
*मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना का हुआ शुभारम्भ*
*मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लाभार्थी माताओं और नवजात शिशुओं को महालक्ष्मी किट वितरित किये*
*मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना में प्रथम दो बालिकाओं/जुङवा बालिकाओं के जन्म पर माता और नवजात कन्या शिशु को मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट उपलब्ध कराई जा रही है*
देहरादून 17 जुलाई।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने लाभार्थी महिलाओं को महालक्ष्मी किट का वितरण किया। मुख्यमंत्री ने चयनित लाभार्थी माताओं और नवजात शिशुओं को महालक्ष्मी किट वितरित किये। पूरे राज्य में समस्त जनपदों के कुल 16929 लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेटी बचाओ, बेटी पढाओ का अभियान शुरू किया। प्रधानमंत्री जी की दूरदर्शिता का परिणाम है कि इस अभियान से व्यापक जनजागरूकता आई है। इससे लिंगानुपात मे सुधार भी देखने को मिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अपने आस पास देखें तो पाएंगे कि बेटों की बजाय बेटियां माता- पिता का अधिक ख्याल रखती हैं। आज जीवन का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं है जहाँ बेटियों ने सफलता न पाई हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नंदा गौरा देवी कन्याधन योजना बेटियों को प्रोत्साहित करने की महत्वपूर्ण योजना है। मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना भी शुरू की गयी है।
कैबिनेट मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने कहा कि हमें बेटियों को आगे बढाने के लिए दोहरी मानसिकता को खत्म करना है। प्रकृति और संविधान ने समानता का संदेश दिया है। इसलिए बेटियों को प्रोत्साहित करना जरूरी है। महिला-पुरूष का समाज में समान महत्व है। भेदभाव की सोच को समाप्त करना है।
प्रसवोपरांत मातृ व कन्या शिशु के पोषण और अतिरिक्त देखभाल सुनिश्चित करने के उद्देश्य से संचालित मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना में प्रथम दो बालिकाओं/जुङवा बालिकाओं के जन्म पर माता और नवजात कन्या शिशु को मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट उपलब्ध कराई जा रही है।
इस अवसर पर सचिव हरि चंद्र सेमवाल व अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना मे आवेदन हेतु आवश्यक अभिलेख / शर्ते :
1. आंगनवाडी केंद्र पर पंजीकरण
2.सरकारी अथवा प्राइवेट माता-शिशु रक्षा कार्ड की प्रति (MCP कार्ड)
3. संस्थागत प्रसव प्रमाण पत्र (यदि किसी आकस्मिक कारणवश रास्ते में या घर में प्रसव है हुआ है तो तद्विषयक आंगनवाडी कार्यकर्त्री/ मिनी कार्यकर्त्री/आशा वर्कर / चिकित्सक द्वारा जारी प्रमाण पत्र )
4. परिवार रजिस्टर की प्रति
5. प्रथम द्वितीय / जुड़वाँ कन्या के जन्म हेतु स्वप्रमाणित घोषणा
6. नियमित सरकारी /अर्धसरकारी सेवक तथा आयकरदाता न होने विषयक प्रमाण पत्र |