उत्तराखंड कोरोना 13 जून:263 नये केस,सात मौतें,सक्रीय केस चार हजार
उत्तराखंड में कोरोना: 24 घंटे में 263 नए संक्रमित मिले, सात की मौत, 629 मरीज हुए ठीक
उत्तराखंड में कोरोना की दूसरी लहर काबू में आ गई है। प्रदेश में अब एक्टिव केस की संख्या भी घटकर चार हजार तक पहुंच गई है। वहीं, संक्रमित मरीज और मौत के मामले भी कम होने लगे हैंं।
उत्तराखंड में पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 263 नए मामले दर्ज किए गए। वहीं सात मरीजों की मौत हुई है। इसके अलावा 629 मरीजों को आज ठीक होने के बाद घर भेजा गया।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, रविवार को 31168 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। वही, अल्मोड़ा में 12, बागेश्वर में 8, चमोली में 11, चंपावत में 11, देहरादून में 67, हरिद्वार में 55, नैनीताल में 23, पौड़ी में नौ, पिथौरागढ़ में पांच, रुद्रप्रयाग में पांच, टिहरी में 20, ऊधमसिंह नगर में 15 और उत्तरकाशी में 22 मामले सामने आए हैंैैं
प्रदेश में अब तक कोरोना के कुल मामलों की संख्या तीन लाख 36 हजार 879 हो गई है। इनमें से तीन लाख 19 हजार 559 लोग ठीक हो चुके हैं। वहीं, सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 4633 पहुच गई है। राज्य में कोरोना के चलते अब तक चुल 6935 लोगों की जान जा चुकी है।
ऋषिकेश एम्स निदेशक की बहन का कोरोना से निधन
एम्स ऋषिकेश के निदेशक प्रोफेसर रविकांत की बड़ी बहन प्रोफेसर डााक्टर शशि प्रतीक (71वर्ष) का बीते शनिवार को एम्स में निधन हो गया। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार वे कोविड संक्रमित थीं। वे कुछ समय से अस्वस्थ चल रही थीं। एम्स ऋषिकेश में उनका उपचार चल रहा था।
एम्स निदेशक प्रोफेसर रविकांत ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए बताया कि चंद्रेश्वरनगर घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके पुत्र आदित्य ने उन्हें मुखाग्नि दी। उन्होंने बताया कि प्रोफेसर शशि प्रतीक पूर्व में वर्धमान मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल, नई दिल्ली में स्त्री रोग विभाग की विभागाध्यक्ष रह चुकी हैं।
वे लंदन और सिडनी से चिकित्सा प्रशिक्षित थीं, उन्होंने विदेश में शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद अपने देश के लोगों की चिकित्सा सेवा का रास्ता चुना व आजीवन लोगों को सेवाएं दी।
उन्होंने कहा वे यूपी के अपने गृह जनपद मुजफ्फरनगर के आसपास के गांवों से पहली महिला चिकित्सक रही हैं। उनके पति प्रोफेसर केपीएस मलिक जाने माने नेत्र विशेषज्ञ हैं। उनकी पुत्री कोकिल केलिफोर्निया और पुत्र पेरिस से सप्ताहभर पहले ही यहां आए थे।ज्स्स्स्फी्स्स््स््