उत्तराखंड कोरोना 06 जुलाई:नये केस 89, मौतें तीन, ठीक हुए 101,एक्टिव केस 1538

उत्तराखंड में कोरोना: 24 घंटे में 89 संक्रमित मिले, तीन की मौत, घटकर 1538 हुए एक्टिव केस
देहरादून 06 जुलाई।उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण और मौत के मामलों में कमी आई है। प्रदेश का रिकवरी रेट 95.65 पहुंच गया है
उत्तराखंड में लंबे समय बाद एक दिन में सबसे कम 89 संक्रमित मिले हैं। वहीं तीन मरीजों की मौत हुई है। इसके अलावा आज 101 मरीजों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया। वहीं, सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 1538 से कम पहुंच गई है।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, मंगलवार को 26083 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। चमोली जिले में एक भी संक्रमित मरीज सामने नहीं आया है। वहीं, अल्मोड़ा में पांच, बागेश्वर में एक, चंपावत में छह, देहरादून में 20, हरिद्वार में 15, नैनीताल में 14, पौड़ी में एक, पिथौरागढ़ में सात, रुद्रप्रयाग में दो, टिहरी में छह, ऊधमसिंह नगर में तीन और उत्तरकाशी में नौ मामले सामने आए हैं।

प्रदेश में अब तक कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या तीन लाख 40 हजार 882 हो गई है। इनमें से तीन लाख 26 हजार 43 लोग ठीक हो चुके हैं। प्रदेश में कोरोना के चलते अब तक कुल 7338 लोगों की जान जा चुकी है।

ब्लैक फंगस का कोई केस नहीं

मंगलवार को प्रदेश में ब्लैक फंगस का कोई केस सामने नहीं आया। छह मरीज ठीक होकर अपने घर लौट गए। प्रदेश में अब तक ब्लैक फंगस के 509 केस आ चुके हैं, जिनमें से 101 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है। 116 मरीज ठीक हो चुके हैं।

कहां कितने एक्टिव केस?

अल्मोड़ा में 31, बागेश्वर में 180, चमोली में 89, चंपावत में 88, देहरादून में 570, हरिद्वार में 32, नैनीताल में 123, पौड़ी में 117, पिथौरागढ़ में 117, रुद्रप्रयाग में 40, टिहरी में 46, ऊधमसिंह नगर में 36 और उत्तरकाशी में 69 एक्टिव केस हैं।

दून में सबसे ज्यादा मरीज हुए ठीक

पिछले 24 घंटे में प्रदेशभर में 101 मरीजों ने कोरोना से जंग जीती है। इनमें देहरादून में सर्वाधिक 50 मरीज शामिल हैं। जबकि अल्मोड़ा में एक, चमोली में पांच, हरिद्वार में दो, नैनीताल में 20, पिथौरागढ़ में 10, रुद्रप्रयाग में दो, ऊधमसिंह नगर में दो और उत्तरकाशी में नौ मरीजों ने कोरोना से जंग जीती।

84 हजार को दी गई वैक्सीन

मंगलवार को प्रदेश में 84 हजार 590 लोगों को कोरोना की वैक्सीन दी गई। अब तक 38 लाख 11 हजार 566 लोगों को पहली डोज दी जा चुकी है, जबकि नौ लाख 37 हजार 752 को दोनों डोज दी जा चुकी है। 18 से 44 आयु वर्ग में 39 हजार 105 को दोनों डोज दी जा चुकी है।

कोरोना संक्रमित कैदी की मौत की मजिस्ट्रीयल जांच के निर्देश
नई टिहरी जिला कारागार में पोक्सो एक्ट में सजा काट रहे एक कैदी की कोरोना संक्रमण के कारण मौत होने पर डीएम इवा आशीष श्रीवास्तव ने कैदी की मौत की मजिस्ट्रीयल जांच के निर्देश दिए हैं।

जिला कारागार अधीक्षक ने जिलाधिकारी को भेजे पत्र में बताया कि पोक्सो एक्ट में बीस साल की सजा से दंडित किए गए बंदी परमेश कुमार का स्वास्थ्य खराब होने पर 16 जून को उसे जांच के लिए जिला अस्पताल बौराड़ी भेजा गया। 18 जून को जांच रिपोर्ट में बंदी कोरोना पॉजिटिव पाया गया।

जिससे उसे कोविड केयर सेंटर नरेंद्रनगर भेजा गया, लेकिन वहां उसके स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने के कारण 19 जून को उपचार के लिए सिद्ध दोष बंदी को एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया। वहां उपचार के दौरान 30 जून को बंदी की मौत हो गई।

कारागार अधीक्षक ने कहा कि बंदी की मृत्यु की मजिस्ट्रीयल जांच जरूरी है। जिस पर डीएम ने एम्स में भर्ती किए गए बंदी की मौत की मजिस्ट्रीयल जांच के लिए एडीएम को जांच अधिकारी नामित किया है। डीएम ने 15 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

स्वास्थ्य केंद्र तक मजबूत होंगी व्यवस्थाएं

कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर में बचाव को लेकर मंगलवार को सभी जिलों के जिला सर्विलांस अधिकारियों और एपिडिमियोलॉजिस्ट का प्रशिक्षण हुआ। तीन दिवसीय प्रशिक्षण में सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के स्तर तक व्यवस्था मजबूत की जाएगी।

केंद्र सरकार के राष्ट्रीय रोग नियंत्रण संस्थान, सीडीसी, डब्ल्यूएचओ, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सहयोग से यह कार्यशाला आयोजित की जा रही है। शुभारंभ स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने किया। उन्होंने तीसरी संभावित लहर को नियंत्रित किए जाने के लिए जनपद स्तर पर की जा रही तैयारियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महामारी से निपटने के लिए प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है। कोविड-19 की जांच सुविधा सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध कराई जा रही है। स्वास्थ्य सचिव के अनुसार राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं किसी भी आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

कार्यशाला में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण संस्थान के निदेशक डॉक्टर सुजीत कुमार सिंह ने कोविड-19 महामारी के वर्तमान परिदृश्य एवं महामारी की स्थिति के प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर लिए जा रहे निर्णयों एवं सुझावों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने उत्तराखंड को कोविड नियंत्रण के लिए सभी संभव सहायता दिए जाने के बारे में आश्वस्त किया। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉक्टर तृप्ति बहुगुणा ने जिला सर्विलांस अधिकारियों एवं ऐपेडिमोयोलॉजिस्ट को निर्देशित किया कि वह प्रशिक्षण में बताई जा रही गाइडलाइंस के अनुसार अपने-अपने जनपदों में रोग निगरानी तंत्र को अधिक सुदृढ़ करने की दिशा में कार्य करें।

आईडीएसपी के राज्य नोडल अधिकारी डॉक्टर पंकज कुमार सिंह ने उत्तराखंड में कोविड-19 की स्थिति के बारे में बताया। उन्होंने रोग निगरानी में रियल टाइम डाटा रिपोर्टिंग और मॉनिटरिंग के लिए इंटिग्रेटेड हेल्थ इंफोर्मेशन प्लेटफॉर्म के बारे में बताया। इस मौके पर एचएनबी मेडिकल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर हेमचंद्र पांडेय भी मौजूद रहे।

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