उत्तराखंड कोरोना 06 सितंबर: नये केस 25, ठीक हुए 35, सक्रीय केस 379
उत्तराखंड में कोरोना: सोमवार को मिले 25 नए संक्रमित, एक भी मरीज की मौत नहीं
Coronavirus Cases in Uttarakhand Today: प्रदेश में सोमवार को तीन जिलों बागेश्वर, पिथौरागढ़ और टिहरी में एक भी संक्रमित मरीज नहीं मिला है। वहीं संक्रमित मरीजों का रिकवरी रेट 95.97 पहुंच गया है।
उत्तराखंड में बीते 24 घंटे में 25 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। वहीं, एक भी मरीज की मौत नहीं हुई है। जबकि 35 मरीजों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया। सक्रिय मामलों की संख्या 379 पहुंच गई है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, सोमवार को 16474 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। जबकि तीन जिलों बागेश्वर, पिथौरागढ़ और टिहरी में एक भी संक्रमित मरीज नहीं मिला है। उधर, अल्मोड़ा में चार, चमोली, हरिद्वार, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर में एक-एक, चंपावत, पौड़ी और रुद्रप्रयाग में दो-दो, देहरादून में आठ और उत्तरकाशी में तीन संक्रमित मरीज मिले हैं। प्रदेश में अब तक कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या 343125 हो गई है। इनमें से 329306 लोग ठीक हो चुके हैं। प्रदेश में कोरोना के चलते अब तक कुल 7388 लोगों की जान जा चुकी है।
वैक्सीन की दोनों डोज लगाओ, संक्रमण से खुद को बचाओ
कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने के बाद कोरोना संक्रमण घातक नहीं होगा। लोग दोनों डोज लगवाकर संक्रमण से खुद को बचा सकते हैं। जिन लोगों ने दोनों डोज लगवाई हैं, उनमें संक्रमण का प्रभाव नाम मात्र है। ब्रेक थ्रू इंफेक्शन (दो डोज लगवाने के बाद संक्रमित होना) से संक्रमण कम पाया जा रहा है। वैक्सीन के सुरक्षा कवच से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने या मौत का खतरा कम है। केरल समेत अन्य राज्यों में कोरोना संक्रमित मामले लगातार बढ़ रहे हैं ऐसे में अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है।
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्रदेश में टीकाकरण
अभियान तेजी से चल रहा है। अब तक 87 लाख लोगों को वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है। जिसमें 85 प्रतिशत से अधिक लोगों को पहली और लगभग 27 प्रतिशत ने दूसरी डोज लगवाई है। प्रदेश में अलग-अलग आयु वर्ग में अभी तक 73 प्रतिशत लोगों को दूसरी डोज लगाई जानी बाकी है। संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीन की दोनों डोज लगवानी अनिवार्य हैं। राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉक्टर कुलदीप सिंह मर्तोलिया ने बताया कि केरल समेत अन्य राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। जहां पर यह देखा गया कि वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने वालों के लिए संक्रमण घातक नहीं है। ब्रेक थ्रू इंफेक्शन से मरीज के अस्पताल में भर्ती करने या मौत की संभावना काफी कम है। उन्होंने लोगों से अपील की है जिन लोगों ने वैक्सीन की पहली डोज लगवाई है, वे दूसरी डोज अवश्य लगवाएं। जिससे संक्रमण से सुरक्षा कवच मिल सके।
टीकाकरण केंद्र में लोग भूले सामाजिक दूरी
कोरोना की पहली और दूसरी लहर का प्रकोप छाने के बाद भी लोग संक्रमण के बचाव को लेकर गंभीर नहीं दिखाई दे रहे हैं। कोरोना टीकाकरण के लिए लोगों की खूब भीड़ उमड़ रही है। लोग जल्दी टीकाकरण के चक्कर में सामाजिक दूरी का पालन करना ही भूल रहे हैं।
सोमवार को कोटद्वार के बेस अस्पताल के कोरोना
वैक्सीनेशन सेंटर में लोगों ने कोरोना गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ाई। सुबह आठ बजे से ही लोग वैक्सीनेशन सेंटर के बाहर एकत्र होना शुरू हो गए। करीब साढ़े दस बजे तक केंद्र के अंदर और बाहर लोगों का जमावड़ा लग गया। नंबर लगाने के चक्कर में लोग सामाजिक दूरी का पालन करना भूल गए। अस्पताल में तैनात पीआरडी के जवानों ने लोगों को अलग होने की बार-बार कोशिश की, लेकिन लोग नहीं माने। दोपहर बाद तक कोविड वैक्सीनेशन सेंटर के बाहर लोगों की भीड़ लगी रही।
वैक्सीन लगाने के लिए पहुंचे विनोद चौहान, कल्पना शर्मा, केशवानंद थपलियाल, राजेश्वरी देवी ने पीआरडी के जवानों पर मनमानी करने का आरोप लगाया। बेस अस्पताल के वैक्सीनेशन नोडल अधिकारी डॉक्टर हरेंद्र कुमार ने बताया कि सामाजिक दूरी का पालन करने के लिए लोगों के लिए गोले बनाए गए हैं। बावजूद इसके लोग एकत्र होकर कोरोना गाइड लाइन का उल्लंघन कर रहे हैं।