उत्तराखंड कोरोना 11जुलाई:नये केस42,मौत एक,एक्टिव केस 1094
उत्तराखंड में कोरोना: 42 नए संक्रमित मिले, एक की मौत, घटकर 1094 पहुंची एक्टिव केस की संख्या
उत्तराखंड में अब कोरोना संक्रमण थम रहा है। प्रदेश में संक्रमितों का रिकवरी रेट 95.77 पहुंच गया है।उत्तराखंड में बीते 24 घंटे में 42 संक्रमित मिले हैं। वहीं एक मरीज की मौत हुई है। जबकि 112 मरीजों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया। वहीं, सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 1094 पहुंच गई है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, रविवार को 24355 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। वहीं चार जिलों अल्मोड़ा, चंपावत, पौड़ी और पिथौरागढ़ में एक भी संक्रमित मरीज सामने नहीं आया है। वहीं, बागेश्वर में दो , चमोली में एक, देहरादून में पांच, हरिद्वार में पांच, नैनीताल में सात, रुद्रप्रयाग में चार, टिहरी में दो, ऊधमसिंह नगर में सात और उत्तरकाशी में नौ मामले सामने आए हैं।
प्रदेश में अब तक कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या 341179 हो गई है। इनमें से 326763 लोग ठीक हो चुके हैं। प्रदेश में कोरोना के चलते अब तक कुल 7339 लोगों की जान जा चुकी है।
खानपुर-पुरकाजी और बालावाली बॉर्डर पर कोरोना जांच शुरू
स्वास्थ्य विभाग ने क्षेत्र के यूपी बॉर्डर से आने वाले यात्रियों की फिर से कोरोना की जांच शुरू कर दी है। बॉर्डर पर बाहरी राज्यों से आ रहे हर व्यक्ति की जांच की जा रही है।
बाहरी प्रदेशों से बिना कोरोना निगेटिव रिपोर्ट के हरिद्वार आने वाले यात्रियों को बॉर्डर से लौटाया जा रहा है। वहीं, खानपुर क्षेत्र के दोनों बॉर्डर पर कोरोना जांच नहीं होने से भी ऐसे यात्रियों को राहत नहीं मिल पा रही थी। खानपुर-पुरकाजी और बालावाली-मंडावर बॉर्डर पर पिछले एक महीने से कोरोना जांच ठप पड़ी थी।
अब स्वास्थ्य विभाग ने इसका संज्ञान लेते हुए बॉर्डर पर कोरोना जांच शुरू कर दी है। खानपुर सीएचसी प्रभारी डॉ. विनीत कुमार ने बताया कि सरकार के निर्देशानुसार, बाहरी राज्यों से आने वाले यात्रियों को 72 घंटे पहले की कोरोना निगेटिव जांच रिपोर्ट लानी अनिवार्य है। यदि कोई किसी कारण से कोरोना जांच नहीं करा पाया है तो उसके लिए बॉर्डर पर ही जांच की व्यवस्था कर दी गई है। उन्होंने बताया कि बॉर्डर पर रोजाना करीब 50 से अधिक लोगों की जांच की जा रही है।
उत्तराखंड में निचले स्तर पर पहुंची कोरोना संक्रमण दर
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण दर अभी तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है।
कोरोना के मोर्चे पर राहतभरी खबर है। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण दर अभी तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। बीते सप्ताह राज्य में संक्रमण दर 0.26 फीसद रही है। अच्छी बात ये भी है कि पिछले हफ्ते चार सप्ताह में सबसे ज्यादा जांच हुई हैं।कोरोना के मोर्चे पर राहतभरी खबर है। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण दर अभी तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। बीते सप्ताह राज्य में संक्रमण दर 0.26 फीसद रही है। अच्छी बात ये भी है कि पिछले हफ्ते चार सप्ताह में सबसे ज्यादा जांच हुई हैं। पिछले सप्ताह 1.88 लाख सैंपल की जांच की गई है। यानी जांच की रफ्तार फिर बढ़ रही है।
विशेषज्ञ यह मान रहे हैं कि कोविड नियमों का सख्ती से पालन कराया जाए तो स्थिति काबू में रहेगी। पर लापरवाही हुई तो स्थिति फिर पहली जैसी बन जाएगी।कोरोना की दूसरी लहर अब कमजोर हो चुकी है। नए मामले मिलने की दर तो कम हुई ही है, वहीं मौत पर भी अब लगाम लग गई है। जानकार मानते हैं कि खतरा अभी भी टला नहीं है। कोविड कफ्र्यू में ढील के बाद राज्य में पर्यटकों की आमद एकाएक बढ़ गई है। बाजार से लेकर सार्वजनिक स्थलों पर भी भारी भीड़ दिखाई देने लगी है। वहीं अब कांवड़ यात्रा भी शुरू होने जा रही है। जिससे कोरोना की तीसरी लहर की भी आशंका बनी हुई है।
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सोशल डेवलपमेंट फार कम्युनिटी के संस्थापक व स्वास्थ्य मामलों के जानकार अनूप नौटियाल का कहना है कि कम होते मामलों के बावजूद कोरोना का संक्रमण अब भी बरकरार है और ऐसे में बेहद सावधान रहने की जरूरत है। मामले कम होने पर यह मतलब नहीं है कि हम मास्क, सैनिटाइजेशन, शारीरिक दूरी आदि को भुला दें। कोविड-प्रोटोकाल का पालन हमें करने रहना होगा। तभी हम खुद सुरक्षित रहेंगे और बाकी लोग भी। कोरोना के मामलों में कमी का बावजूद जांच की रफ्तार में किसी तरह की कमी नहीं होनी चाहिए। जांच में कमी से संक्रमण में वृद्धि का खतरा बढ़ जाएगा।