उत्तराखंड कोरोना 13 जुलाई: नये केस 44,ठीक हुए 144, सक्रीय केस819

उत्तराखंड में कोरोना: मंगलवार को 44 नए संक्रमित मिले, एक भी मरीज की मौत नहीं
उत्तराखंड में अब कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम हो रही है। प्रदेश में संक्रमितों का रिकवरी रेट 95.85 पहुंच गया है।

देहरादून 13 जुलाई।उत्तराखंड में बीते 24 घंटे में 44 संक्रमित मिले हैं। वहीं बीते 24 घंटे में एक भी मरीज की मौत नहीं हुई है। जबकि 144 मरीजों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया। वहीं, सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 819 पहुंच गई है।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, मंगलवार को 24576 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। वहीं चार जिलों, बागेश्वर, चमोली, रुद्रप्रयाग और टिहरी में एक भी संक्रमित मरीज सामने नहीं आया है। वहीं, अल्मोड़ा में आठ, चंपावत में दो, देहरादून में 11, हरिद्वार में आठ, नैनीताल में पांच, पौड़ी में दो, पिथौरागढ़ में एक, ऊधमसिंह नगर में चार और उत्तरकाशी में तीन मामले सामने आए हैं।

प्रदेश में अब तक कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या 341274 हो गई है। इनमें से 327112 लोग ठीक हो चुके हैं। प्रदेश में कोरोना के चलते अब तक कुल 7351 लोगों की जान जा चुकी है।

ब्लैक फंगस के 530 मामले, 133 हुए ठीक

प्रदेश में ब्लैक फंगस के अब तक कुल 530 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 133 मरीज ठीक हो चुके हैं। 106 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है। मंगलवार को एम्स ऋषिकेश में ब्लैक फंगस के चार केस सामने आए।

29 हजार को लगी वैक्सीन

टीकाकरण अभियान में मंगलवार को प्रदेश में 29 हजार 486 लोगों को वैक्सीन दी गई। अभी तक प्रदेश में 39 लाख 37 हजार 115 लोगों को पहली डोज, 10 लाख 20 हजार 87 लोगों को दोनों डोज दी जा चुकी हैं। 18 से 44 आयु वर्ग में अभी तक 40 हजार 905 लोगों को दोनों डोज दी जा चुकी हैं।

देहरादून में आसपास के स्कूलों से मिलेगी औषधि किट

विशेषज्ञों का दावा है कि कोरोना की तीसरी लहर देश में दस्तक दे सकती है। इससे निपटने के लिए देहरादून जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति कोरोना की तीसरी लहर में संक्रमित होता है तो वह अपने आसपास के स्कूल से औषधि किट प्राप्त कर सकता है। इस संबंध में जिलाधिकारी डॉक्टर आशीष श्रीवास्तव की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं।

जिला प्रशासन ने जिले के कई स्कूलों, पंचायती भवनों और नगर निगम के जोनल कार्यालयों को अधिसूचित किया गया है। स्कूलों, पंचायती भवनों और नगर निगम के जोनल कार्यालयों को औषधि वितरण केंद्र बनाने के साथ ही नौ नोडल अधिकारियों बनाए हैं। हर एक केंद्र पर सहायक नोडल अधिकारी तैनात रहेगा। औषधि वितरण केंद्र में संक्रमित व्यक्ति को प्राथमिक उपचार के लिए औषधि किट दी जाएगी।

कोरोना मौतों का आंकड़ा उत्तराखंड में फिर बदलेगा,काेविड संक्रमण से मृत्यु का होगा डेथ ऑडिट

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उत्तराखंड में कोरोना से हुई मौतों का आंकड़ा एक बार फिर बदल सकता है। दरअसल हाईकोर्ट के आदेश के बाद कोरोना संक्रमण से मरे लोगों का नए सिरे से डेथ ऑडिट किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग कोविड से जान गंवाने वाले लोगों का ऑडिट कर रहा है। नैनीताल जिले में इसके लिए सात डॉक्टरों की टीम तैनात की गई है, जो करीब एक माह से इसी काम में जुटी है। एसटीएच के साथ निजी अस्पतालों से भी कोविड मरीजों का डाटा जुटाया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो ऑडिट में कई चौंकाने वाले मामले भी सामने आ रहे हैं। दरअसल कोरोना संक्रमण के बीच अस्पतालों में कई दूसरे रोगों से भी लोगों की मौत हुई। मगर उनका अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल से कर दिया गया है। इस कारण दस्तावेजों में वे कोविड डेथ में चढ़ गए। कई अन्य मृतकों के नाम और दस्तावेज भी मेल नहीं खा रहे हैं। ऐसे में टीम को सही जानकारियां जुटाने में काफी दिक्कत पेश आ रही है।

कोविड से मृत्यु का प्रमाण पत्र नहीं
कोविड से हुई मृत्यु का प्रमाणपत्र भी लोगों को नहीं मिल पा रहा है। दरअसल नगर निकायों से जारी होने वाले मृत्यु प्रमाणपत्र में केवल मृत्यु होना प्रमाणित किया जाता है। मृत्यु किस कारण हुई इसका उल्लेख प्रमाणपत्र में नहीं होता है। ऐसे में कोविड से मृत्यु हुई इस बात का कोई सरकारी सबूत नहीं मिल पा रहा। इसे पुख्ता करने के लिए अस्पतालों की उपचार की रिपोर्ट ही एकमात्र जरिया है। पर कई बार इसे लेकर भी भ्रांति पेश आ रही है।ल्र्ट्शीीी

हाईकोर्ट की सख्ती के बाद डेथ ऑडिट

कोर्ट ने कोविड डेथ ऑडिट पर काफी सख्त रुख अपनाया है। स्वास्थ्य सचिव समेत कई अफसरों को इस मामले में फटकार लगी थी। इसके बाद शासन ने पूरे राज्य में फिर नए सिरे से डेथ ऑडिट करवा रहा है, जिसके बाद हर जिले से आंकड़े जुटाए जा रहे हैं, जो कोर्ट में पेश किए जाएंगे।

कोविड डेथ ऑडिट चल रहा है। हर मृतक के दस्तावेजों की जांच की जा रही है। जिसमें कई तरह की तकनीकी बातों की जांच की जा रही है। रिपोर्ट शासन को भेजी जानी है। आंकड़ों में क्या बदलाव होता है, इसे लेकर अभी कुछ साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता।
डॉ. भागीरथी जोशी, सीएमओ, नैनीताल

 

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