उत्तराखंड कोरोना 16 जून:353 नये केस,छह मौतें, ठीक हुए 398
उत्तराखंड में कोरोना: 24 घंटे में 353 नए संक्रमित मिले, छह की मौत, 398 मरीज हुए ठीक
उत्तराखंड में कोरोना की दूसरी लहर थमने लगी है। प्रदेश में अब संक्रमित मरीजों का रिकवरी रेट 95.16 फीसदी तक पहुंच गया है।
उत्तराखंड में पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 353 नए मामले दर्ज किए गए। वहीं छह मरीजों की मौत हुई है। इसके अलावा 398 मरीजों को आज ठीक होने के बाद घर भेजा गया।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, बुधवार को 24165 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। वहीं, अल्मोड़ा में 20, बागेश्वर में दो, चमोली में नौ, चंपावत में सात, देहरादून में 75, हरिद्वार में 94, नैनीताल में 30, पौड़ी में 27, पिथौरागढ़ में 24, रुद्रप्रयाग में 15, टिहरी में 20, ऊधमसिंह नगर में 10 और उत्तरकाशी में 20 मामले सामने आए हैं।
प्रदेश में अब तक कोरोना के कुल मामलों की संख्या तीन लाख 37 हजार 802 हो गई है। इनमें से तीन लाख 21 हजार 462 लोग ठीक हो चुके हैं। वहीं, सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 3572 पहुंच गई है। राज्य में कोरोना के चलते अब तक चुल 6997 लोगों की जान जा चुकी है।
हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराएं कोरोना टेस्ट में गड़बड़ी की जांच
हरिद्वार कुंभ के दौरान कोरोना जांचों में हुई गड़बड़ी को बड़ा घोटाला बताते हुए मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने तीरथ सरकार पर जोरदार हमला बोला है। कांग्रेस ने इसे शर्मनाक व सनातनी हिन्दू धर्म के लोगों के साथ विश्वासघात बताते हुए घोटाले की उच्च न्यायालय के सिटिंग न्यायाधीश से न्यायिक जांच कराने की मांग की है।
बुधवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि अगर सरकार वास्तव में निष्पक्ष जांच कराना चाहती है तो बिना देरी किए इस मामले की न्यायिक जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज की देखरेख में करवाए। आरटीपीसीआर जांच के मामले में उच्च न्यायालय नैनीताल ने राज्य सरकार को स्पष्ट आदेश देकर कुंभ मेले के दौरान 50 हजार आरटीपीसीआर टेस्ट प्रतिदिन कराने के आदेश दिए थे। अत: इस मामले की जांच व समीक्षा उच्च न्यायालय की देखरेख में ही होनी चाहिए।
धस्माना ने कहा कि प्रथम दृष्टया ये एक बड़ा घोटाला प्रतीत हो रहा है, जिसमें बड़े लोगों के लिप्त होने की पूरी आशंका है। ऐसे में कोई सीडीओ स्तर का अधिकारी इसकी निष्पक्ष जांच नहीं कर सकता।
धस्माना ने कहा कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने स्वयं शपथ लेते ही हरिद्वार जाकर बेरोकटोक दिव्य व भव्य महाकुंभ के आयोजन की न सिर्फ घोषणा की थी, बल्कि श्रद्धालुओं को बेधड़क आने का खुला आमंत्रण भी दिया था। कहा कि राज्य सरकार ने कुंभ मेले की कोई व्यवस्था कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार नहीं की, जिसका परिणाम न केवल उत्तराखंड ने, बल्कि पूरे देश ने भुगता है। कांग्रेस इस घोटाले का पर्दाफाश होने तक खामोश नहीं बैठेगी। शीघ्र ही प्रदेश अध्यक्ष इस मुद्दे पर कोई बड़ा एलान करेंगे।
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