उत्तराखंड कोरोना 17 जून:264 नये केस,सात मौतें,345 हुए ठीक

उत्तराखंड में कोरोना: 24 घंटे में 264 नए संक्रमित मिले, सात की मौत, 345 मरीज हुए ठीक
देेेहरादून17जून।उत्तराखंड में कोरोना की दूसरी लहर थमने लगी है। प्रदेश में अब संक्रमित मरीजों का रिकवरी रेट 95.19 फीसदी तक पहुंच गया है।

उत्तराखंड में पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 264 नए मामले सामने आए हैं। वहीं सात मरीजों की मौत हुई है। इसके अलावा आज 345 मरीजों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया। वहीं, आज कुल संक्रमितों की मौत का आंकड़ा सात हजार पार पहुंच गया है।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, गुरुवार को 28671 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। वहीं, अल्मोड़ा में 17, बागेश्वर में 12, चमोली में आठ, चंपावत में 26, देहरादून में 55, हरिद्वार में 45, नैनीताल में 12, पौड़ी में 14, पिथौरागढ़ में 27, रुद्रप्रयाग में सात, टिहरी में 11, ऊधमसिंह नगर में 24 और उत्तरकाशी में छह मामले सामने आए हैं।

प्रदेश में अब तक कोरोना के कुल मामलों की संख्या तीन लाख 38 हजार 66 हो गई है। इनमें से तीन लाख 21 हजार 807 लोग ठीक हो चुके हैं। वहीं, सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 3471 पहुंच गई है। राज्य में कोरोना के चलते अब तक चुल 7011 लोगों की जान जा चुकी है।

विदेश जाने वालों को 28 दिन में लगेगी वैक्सीन की दूसरी डोज

प्रदेश से जो लोग नौकरी, पढ़ाई, कोरोबार के मकसद से विदेश जाने की तैयारी कर रहे हैं और कोविड वैक्सीन की पहली डोज लगा चुके हैं। उन्हें सरकार ने पहली व दूसरी डोज के बीच की समय अवधि में छूट दी है।

विदेश जाने वालों को 28 दिन बाद दूसरी डोज लग सकेगी। उन्हें मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में विदेश जाने का वीजा व अन्य प्रमाण पत्र दिखाने होंगे। बाकी लोगों के लिए वैक्सीन लगवाने की गाइडलाइन पूर्व की भांति रहेगी।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक डाक्टर सरोज नैथानी का कहना है कि विदेश जाने वालों को दूसरी डोज लगाने में समय सीमा में कम किया गया है। ऐसे लोगों को वीजा, पासपोर्ट व अन्य प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने होंगे। जिसके 28 दिन के बाद दूसरी डोज लगा सकते हैं। बाकी लोगों के लिए कोविड वैक्सीन लगाने की गाइडलाइन पहले की तरह रहेगी, जिसमें 84 दिन के बाद वैक्सीन की दूसरी डोज लगाई जाएगी।

वैक्सीन की कमी से धीमी पड़ रही टीकाकरण की रफ्तार
प्रदेश में कोविड वैक्सीन की कमी के कारण टीकाकरण की रफ्तार कम हो रही है। मई की तुलना में जून में अब तक 12 प्रतिशत कम टीकाकरण हुआ है। प्रदेश में 18 से 44 आयु वर्ग के लिए फिर से टीकों की कमी हो गई है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने 70 हजार से अधिक डोज का आर्डर किया है। सरकार को उम्मीद है कि 21 जून के बाद केंद्र से मिलने वाली वैक्सीन में तेजी आने से टीकाकरण की रफ्तार बढ़ेगी।

प्रदेश में 16 जनवरी से कोविड टीकाकरण अभियान शुरू किया गया था। अब तक 27.46 लाख अधिक लोगों को वैक्सीन की पहली खुराक लग चुकी है। जबकि 7.24 लाख से ज्यादा को दूसरी डोज के साथ टीकाकरण पूरा किया गया है। वैक्सीन की कमी के कारण प्रदेश में टीकाकरण की रफ्तार धीमी हो रही है। 1 से 15 अप्रैल को प्रदेश में 7.32 लाख लोगों को वैक्सीन लगी थी। वहीं, मई में इसी समय अंतराल में 5.62 लाख से अधिक लोगों ने टीका लगवाया। जबकि जून में अब तक 4.96 लाख को टीका लग चुका है।

सोशल डेवलपमेंट फार कम्युनिटी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल का कहना है कि अप्रैल से टीकाकरण में लगातार कमी आ रही है। प्रदेश में मानसून आ चुका है। ऐसे में टीकाकरण कार्य प्रभावित हो सकता है।

यह है स्थिति

महीना टीकाकरण
1 से 15 अप्रैल 732261
1 से 15 मई 562421
1 से 15 जून 496720

उत्तराखंड में कोरोना से मौतों पर हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को लगाई फटकार

उत्तराखंड में कोरोना से मौतें सरकारी की लापरवाही से हुई। सरकार की आधी-अधूरी तैयारियों के कारण लोग मारे गए। अब डेल्टा प्लस वैरिएंट का खतरा मंडरा रहा है। इसे फैलने में तीन महीने भी नहीं लगेंगे। ऐसे में हमारे बच्चों को बचाने के लिए आप क्या कर रहे हैं? क्या सरकार अब तक यही सोच रही है कि डेल्टा प्लस तैयारियां पूरी होने के बाद अटैक करेगा? ये सख्त टिप्पणी बुधवार को मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ ने की। अदालत प्रदेश की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाओं और चारधाम यात्रा शुरू करने के खिलाफ दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।

बुधवार को सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार ने 700 पेज का शपथपत्र कोर्ट में पेश किया। मुख्य सचिव ओम प्रकाश, स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी और पर्यटन सचिव डॉक्टर आशीष चौहान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए। अदालत ने सरकार की तरफ से पेश शपथ पत्र को भ्रामक और कोर्ट को गुमराह करने वाला है। कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि सरकार ने कोविड के नियमों का अनुपालन नहीं किया। हाल ही में गंगा दशहरा पर हजारों लोगों ने हरकी पैड़ी में स्नान किया, लेकिन सरकार नदारद थी। अदालत ने कहा ये सरकार की आधी अधूरी व्यवस्थाओं का प्रमाण है। कोर्ट ने 7 जुलाई से दोबारा विभिन्न बिंदुओं पर सरकार से जवाब तलब किया है और शपथ पत्र के साथ मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिव से मौजूद रहने को कहा है।

उत्तराखंड में कोरोना से मौतों पर हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को लगाई फटकार

चारधाम यात्रा स्थगित करें या तिथि बढ़ाएं
अदालत ने चारधाम यात्रा स्थगित करने या तिथि बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में 28 जून से पूर्व कैबिनेट की बैठक कर निर्णय लेने को कहा है। अदालत ने कहा है कि 28 तारीख को मुख्य सचिव और अपर सचिव पर्यटन आशीष चौहान कोर्ट में उपस्थित होकर इस बाबत बताएंगे कि चारधाम यात्रा के संबंध में कैबिनेट ने क्या फैसला लिया है। 7 जुलाई को शपथ पत्र के विस्तृत विवरण में इसे भी शामिल करें।

कोरोना छोड़ हृदय गति रुकने से बताई अधिकांश मौतें

कोर्ट ने कहा कि डेथ ऑडिट पूर्णता अस्पष्ट और भ्रमित करने वाला है, क्योंकि इसमें अधिकांश मृत्यु हृदय गति रुकने से बताई गई हैं। दूसरी लहर में कितने लोगों की मौत मात्र कोविड-19 के कारण हुई नहीं बताया और साथ ही पूरे शपथ पत्र में स्वास्थ्य सचिव द्वारा तर्कहीन तथ्य प्रस्तुत किए गए हैं। कोर्ट ने कहा कि मृत्यु के ऑडिट करते समय कोर्ट के पूर्व आदेश का उल्लंघन किया। सरकार ने निकायों द्वारा जारी किए गए मृत्यु प्रमाण पत्रों के सापेक्ष मृत्यु की गणना नहीं की, इसलिए सरकार द्वारा कराए गए डेथ ऑडिट की सत्यता को कोर्ट द्वारा स्वीकार नहीं किया जा सकता।

बच्चों को मरने के लिए छोड़ देंगे क्या?

हाईकोर्ट ने कहा कि देहरादून में तीसरी लहर से लड़ने को बच्चों के लिए आपके पास 10 वेंटिलेटर हैं। अदालत ने कहा कि यदि 80 बच्चे क्रिटिकल हो गए तो 70 बच्चों को मरने के लिए छोड़ देंगे क्या? कोर्ट द्वारा शपथ पत्र में रुद्रप्रयाग में 11 वेंटीलेटर में से नौ ख़राब बताने के सवाल पर स्वास्थ्य सचिव ने कहा कोर्ट के आदेश के क्रम में सिर्फ ज़िला अस्पतालों की डिटेल दी गई है, जबकि हमारे पास मेडिकल कॉलेजों और निजी अस्पतालों में वेंटलेटर-आईसीयू के और इंतज़ाम हैं। कोर्ट ने कहा, आपको जानकारी देने से किसने रोका है।

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