उत्तराखंड कोरोना 23 जुलाई :नये केस 11, ठीक हुए 58, ब्लैक फंगस एक,कोई मौत नही
उत्तराखंड में कोरोना: 24 घंटे में मिले केवल 11 नए संक्रमित, नहीं हुई किसी मरीज की मौत
देहरादून 23जुलाई।शुक्रवार को सात जिलों अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, टिहरी और ऊधमसिंह नगर में एक भी संक्रमित मरीज सामने नहीं आया है।
उत्तराखंड में बीते 24 घंटे में केवल 11 नए कोराेना संक्रमित मिले हैं। वहीं शुक्रवार को किसी मरीज की मौत नहीं हुई है। जबकि 58 मरीजों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया। वहीं, सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 606 हो गई है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार शुक्रवार को सात जिलों अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, टिहरी और ऊधमसिंह नगर में एक भी संक्रमित मरीज सामने नहीं आया है। वहीं चमोली और पिथौरागढ़ में दो-दो, देहरादून, हरिद्वार और उत्तरकाशी में एक-एक और नैनीताल में चार संक्रमित मिले हैं।
प्रदेश में अब तक कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या 341640 हो गई है। इनमें से 327664 लोग ठीक हो चुके हैं। प्रदेश में कोरोना के चलते अब तक कुल 7359 लोगों की जान जा चुकी है।
पूर्णागिरि जा रहे 13 श्रद्धालु कोरोना पॉजिटिव, वापस लौटाया
चंपावत जिले में स्थित प्रसिद्ध धाम मां पूर्णागिरि के दर्शन के लिए आ रहे 12 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उन्हें बॉर्डर से वापस लौटा दिया। बता दें कि हल्दी घेरा बॉर्डर में हुई रैपिड जांच में 12 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
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ब्लैक फंगस का एक मामला सामने आया
शुक्रवार को प्रदेश में ब्लैक फंगस का एक मामला सामने आया है और किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है। अब कुल मरीजों की संख्या 549 हो गई है। अब तक ब्लैक फंगस से 121 मौतें हो चुकी हैं। स्वास्थ्य विभाग के हेल्थ बुलेटिन के अनुसार दो मरीजों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया है।
कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए रहे तैयार
उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन मंत्री डााक्टर धन सिंह रावत ने नई टिहरी में अधिकारियों की बैठक लेते हुए आपदा और कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। कहा है कि चिह्नित संवेदन और अति संवेदनशील स्थानों पर जेसीबी तैनात की जाए।
स्वास्थ्य मंत्री डाक्टर रावत ने कहा है कि कोरोना की तीसरी संभावित लहर से निपटने को दवा, ऑक्सीजन, उपकरण, एंबुलेंसों की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। एंबुलेंसों के ड्राइवर से लेकर अन्य स्टाफ को आउट सोर्सिंग से रखा जाए। ब्लॉक स्तर पर तैनात चिकित्सकों के लिए आवास की व्यवस्था की जाएगी।
कुंभ में कोरोना जांच फर्जीवाड़ा: शरत और मल्लिका ने कराया था आरोपी व नलवा लैब के बीच करार
पकड़े गए आरोपित आशीष वशिष्ठ ने बताया कि उसकी लैब आईसीएमआर में पंजीकृत नहीं थी। लिहाजा मैक्स कॉरपोरेट सर्विस के पार्टनर शरत और मल्लिका पंत ने उसका करार नवला लैब से कराया था।
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महाकुंभ 2021 में धर्मनगरी आने वाले श्रद्धालुओं की कोविड जांच में हुए फर्जीवाड़े की जांच कर रही एसआईटी की टीम ने पहली गिरफ्तारी की है। पकड़े गए आरोपित आशीष वशिष्ठ ने बताया कि उसकी लैब आईसीएमआर में पंजीकृत नहीं थी। लिहाजा मैक्स कॉरपोरेट सर्विस के पार्टनर शरत और मल्लिका पंत ने उसका करार नवला लैब से कराया था। इसके बाद श्रद्धालुओं की जांच करने के लिए उसने भिवानी, हरियाणा और हरिद्वार के जगजीतपुर की एक संस्था से कोरोना जांच के लिए कर्मचारी रखे थे।
एसआईटी की जांच में सामने आया था कि मैक्स कॉरपोरेट फर्म के पार्टनर शरत और उसकी पत्नी मल्लिका पंत ने कुंभ मेला अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) को गुमराह करते हुए एक एमओयू नलवा लैब हिसार व डॉक्टर लाल चंदानी लैब दिल्ली के साथ दिखाते हुए श्रद्धालुओं की कोरोना जांच का ठेका लिया था। इसके बाद पति-पत्नी ने अपने एक परिचित की मदद से भिवानी, हरियाणा स्थित डेलफिया लैब के आशीष वशिष्ठ को भी इसमें शामिल कर लिया। इसके बाद उन्होंने आशीष वशिष्ठ और नलवा लैब हिसार के मालिक नवतेज नलवा के साथ एमओयू तैयार कराया और आशीष को नलवा लैब के नाम से कोविड टेस्टिंग के लिए तैयार किया गया।
जांच में यह भी सामने आया है कि आशीष वशिष्ठ ने टेस्टिंग के लिए अधिकृत न होते हुए भी शरत और मल्लिका पंत के कहने पर भिवानी व जगजीतपुर की संस्था से अकुशल कर्मचारी लेकर गलत तरीके से कोविड जांच कराई। एसआईटी के जांच अधिकारी राजेश शाह ने बताया कि आरोपी आशीष को पुलिस तीन दिन बाद रिमांड पर लेगी। उसकी निशानदेही पर टेस्टिंग के दौरान प्रयुक्त रजिस्टर और लैपटॉप बरामद किया जाएगा।
एक लाख 10 हजार टेस्ट किए अपलोड
एसआईटी के जांच अधिकारी राजेश शाह के मुताबिक, आरोपित आशीष ने वास्तविक संख्या से कई गुना अधिक टेस्टिंग दिखाकर लगभग एक लाख 10 हजार टेस्ट के आंकडे़ आईसीएमआर के पोर्टल पर अपलोड किए। इसके बाद चार करोड़ रुपये की धनराशि अवमुक्त कराने के लिए नलवा लैब से फर्जी बिल तैयार कर शरत पंत और मल्लिका पंत को दिए गए। वहीं, एसआईटी की जांच में सामने आया है कि आईसीएमआर के पोर्टल पर महाकुंभ के दौरान टेस्टिंग कर दिखाए गए लोगों की संख्या और उनके मोबाइल नंबरों में काफी विभिन्नता मिली है। इस मामले की लगातार जांच जारी रहेगी।
पांच खातों को किया गया फ्रीज
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, शरत और मल्लिका पंत से संबंधित मैक्स कारपोरेट फर्म के पांच बैंक खातों समेत कुल सात खातों को फ्रीज किया गया है। इन खातों मेंं साढ़े 31लाख रूपये मौजूूद हैं।