उत्तराखंड कोरोना 25 मई : मृतक संख्या पहुंची 6020,सक्रीय केस 45568
Corona Second Wave:कोविड-19 की रफ्तार पर लगा ब्रेक, 81 मौतों के साथ 2756 मिले पॉजिटिव
देहरादून25मई । उत्तराखंड में कोरोना के 2756 नए मरीज मिले और 81 की मौत हो गई। इसके साथ ही राज्य में कुल मरीजों की संख्या तीन लाख 18 हजार से अधिक हो गई है। जबकि मरने वालों का आंकड़ा 6020 पहुंच गया है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार मंगलवार को राज्य में कुल 73 हजार के करीब सैंपलों की जांच रिपोर्ट आई जिसमें से 34 हजार से अधिक सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। मंगलवार को विभिन्न अस्पतालों से 36 हजार से अधिक सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। जबकि 13 हजार की रिपोर्ट आना बाकी है। राज्य में अभी तक दो लाख 61 हजार से अधिक मरीज इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं।
जबकि 45 हजार के करीब अभी अस्पतालों और होम आईसोलेशन में हैं। मंगलवार को सबसे अधिक 524 मरीज देहरादून में जबकि 452 यूएस नगर जिले में मिले हैं। राज्य के विभिन्न अस्पतालों से ठीक होने के बाद कुल 6674 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। राज्य में मंगलवार को 81 मरीजों की मौत हो गई। जबकि 12 मरीजों की मौत की सूचना देरी से दी गई। मंगलवार को सबसे अधिक 14 मरीजों की मौत एम्स ऋषिकेश में हुई। जबकि दून मेडिकल कॉलेज में आठ मरीजों ने दम तोड़ा है।
मंगलवार को पिथौरागढ़ में कोरोना से ढाई साल की बच्ची की मौत हो गई। अल्मोड़ा व देहरादून जिले में अलग-अलग अस्पतालों ने पूर्व में हुई 16 करोना मरीजों की डेथ ऑडिट रिपोर्ट दी है। इन्हें मिलाकर अब तक प्रदेश में 6020 मरीजों की मौत हो चुकी है।
वहीं, 6674 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। प्रदेश में 251328 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। संक्रमितों की तुलना में ज्यादा मरीज ठीक होने से रिकवरी दर लगातार बढ़ रही है। वर्तमान में 45568 सक्रिय मरीजों का उपचार चल रहा है। प्रदेश की रिकवरी दर 82.09 प्रतिशत और संक्रमण दर 6.94 प्रतिशत दर्ज की गई।
सक्रिय मामले और संक्रमण दर में लगातार कमी
प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार घटने के साथ ही सक्रिय मामले और संक्रमण दर लगातार कम हो रही है। बीते चार सप्ताह से संक्रमित मामलों में कमी दर्ज की गई है। वहीं, 15 दिनों में 34 हजार से अधिक सक्रिय मामले कम हुए हैं। कोरोना के वर्तमान आंकड़े से सरकार व स्वास्थ्य विभाग को थोड़ी राहत मिली है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी कोरोना रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में रोजाना 30 हजार से अधिक कोविड सैंपल जांच की जा रही हैं। यह जांच दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है। बीते चार सप्ताह से संक्रमण दर में कमी दर्ज की गई। 18 से 24 मई के बीच संक्रमण दर 9.3 प्रतिशत दर्ज की गई।
15 मई को प्रदेश में सक्रिय मामले 80 हजार थे। जो घट कर 25 मई को 45568 हो गए हैं। इससे अस्पतालों में कोरोना मरीजों के इलाज का दबाव थोड़ा कम हुआ है। वहीं, मई में 19 से 45 आयु वर्ग के लोग सबसे ज्यादा संक्रमित हुए हैं, लेकिन अब इस आयु वर्ग में संक्रमितों की संख्या कम हो रही है।
सचिव स्वास्थ्य अमित सिंह नेगी का कहना है कि प्रदेेश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम हो रही है। संक्रमण में काफी हद तक रोक लग रही है। संक्रमित मामले कम होने के साथ ही रिकवरी दर बढ़ रही है। साथ ही सैंपल जांच के आधार पर संक्रमण दर भी कम हो रही है। रिकवरी दर 81 प्रतिशत से अधिक हो गई है। पहले की तुलना में कोरोना संक्रमण की रोकथाम में पहले से बेहतर स्थिति है।
पिथौरागढ़ में कोरोना से ढाई साल की बच्ची की मौत
पिथौरागढ़ जिले में पहली बार कोरोना से ढाई साल की बच्ची की मौत हो गई। मंगलवार को बच्ची का सीएचसी बेड़ीनाग में प्राथमिक उपचार किया गया था। इसके बाद उसे जिला अस्पताल लाया जा रहा था लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
सीएचसी बेड़ीनाग के डॉक्टर सिद्धार्थ पाटनी ने बताया कि मंगलवार सुबह 7:30 बजे बच्ची को उसके माता-पिता अस्पताल लेकर आए थे। बच्ची की सांसें तेज चल रहीं थीं। इसके बाद उसकी रैपिड एंटीजन जांच की गई। इसमें वह पॉजिटिव मिली। प्राथमिक उपचार के बाद उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया।
उसके माता-पिता ने कोविड जांच कराने से मना कर दिया। बच्ची गंगोलीहाट क्षेत्र की निवासी है। वहीं सीएमओ डॉक्टर एचसी पंत ने बताया कि मंगलवार को जिला अस्पताल में कोरोना से तीन लोगों की मौत हुई हैं।
इसमें ढाई साल की एक बच्ची भी है। बच्ची को बेरीनाग में प्राथमिक उपचार के बाद 108 से जिला अस्पताल लाया जा रहा था लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष दो बच्चे संक्रमित हुए थे लेकिन वे स्वस्थ हो गए थे।
कोरोना मरीजों के लिए काउंसिलिंग केंद्र शुरू
कोरोना संक्रमित होने पर होम आइसोलेट हुए मरीजों की काउंसिलिंग करने के लिए काउंसिलिंग केंद्र शुरू हो गया है। इसमें तैनात डॉक्टर काउंसलर के रूप में मरीजों की प्रतिदिन काउंसिलिंग करेंगे।
मंगलवार को ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज परिसर में शुरू हुए काउसंलर केंद्र का उद्घाटन एडीएम वित्त और राजस्व केके मिश्रा ने किया। उन्होंने कहा कि केंद्र के शुरू होने से डॉक्टरों की टीम प्रतिदिन होम आइसोलेट मरीजों की काउंसिलिंग करेगी। इससे मरीजों को स्वस्थ होने में काफी सहयोग मिलेगा।
एसीएमओ डॉक्टर एचडी शाक्या ने बताया कि कोरोना संक्रमित होम आईसोलेट होने पर घबराहट महसूस करते हैं, जिससे उन्हें स्वस्थ होने में परेशानी आती है। सेंटर के जरिए काउंसिलिंग होने से मरीजों का बीमारी से मजबूती के साथ लड़ने से मनोबल बढ़ेगा।
उन्होंने बताया कि सेंटर में फिलहाल 27 डॉक्टरों की टीम को काउंसलर के रूप में नियुक्त किया गया है, जो दस दिन तक 50-50 मरीजों की काउंसिलिंग करेंगे। काउंसिलिंग सेंटर का टेलीफोन नंबर 73518087598 और 9758140983 है। यदि किसी मरीज को परेशानी होती है तो वह फोन कर सकता है।
उत्तराखंड: एम्स में ब्लैक फंगस से एक और मौत, प्रदेश में 15 नए संक्रमित मिले, 133 पहुंची मरीजों की संख्या
प्रदेश में ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) के लगातार नए मामले सामने आ रहे हैं। मंगलवार को 15 और मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है। इसी के साथ कुल मरीजों की संख्या 133 हो गई है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में ब्लैक फंगस से देहरादून निवासी एक मरीज की मौत हो गई। वहीं ब्लैक फंगस के 15 नए मरीज भी मिले हैं। एम्स में ब्लैक फंगस के अब तक 92 केस मिले हैं। इनमें से एम्स में अब सात संक्रमितों की मौत भी हो चुकी है।
एम्स ऋषिकेश में ब्लैक फंगस संक्रमितों का आंकड़ा सौ के पार होने जा रहा है। एम्स ऋषिकेश के जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल ने बताया मंगलवार को देहरादून के माजरा निवासी 68 वर्षीय मरीज की उपचार के दौरान मौत हो गई।
उन्होंने बताया मरीज ब्लैक फंगस के संक्रमण से ग्रस्त था। उन्होंने बताया स्वस्थ होने के बाद एक मरीज को डिस्चार्ज भी किया गया है। हरीश मोहन थपलियाल ने बताया कि अब तक संस्थान में ब्लैक के 92 मरीज मिल चुके है।
इनमें सात संक्रमितों की उपचार के दौरान मौत हुई थी। जबकि दो मरीजों को स्वस्थ्य होने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया था। उन्होंने बताया वर्तमान में म्यूकोरमाइकोसिस केयर वार्ड में 83 मरीज भर्ती है।
कोरोना संक्रमण के साथ बढ़ रहे ब्लैक फंगस के मामले
संक्रमितों का इलाज देहरादून, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिले के अस्पतालों में चल रहा है। अब तक ब्लैक फंगस से 11 मरीजों की मौत हो चुकी है। जबकि ब्लैक फंगस से पीड़ित नौ मरीज ठीक भी हुए हैं।
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में ब्लैक फंगस के 15 और मरीज मिले हैं। अभी तक तीन जिलों में ही ब्लैक फंगस के मामले सामने आ रहे हैं। सबसे ज्यादा मरीज एम्स ऋषिकेश में भर्ती है। देहरादून जिले में 126, नैनीताल में छह और ऊधमसिंह नगर जिले में एक ब्लैक फंगस का मामला सामने आया है।
प्रदेश में ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने अब इलाज के लिए 12 डेडिकेटिड कोविड अस्पतालों को अधिकृत किया है। सरकार की ओर से सीधे ब्लैक फंगस के इंजेक्शन व दवाइयों कोविड अस्पतालों को भेजी जाएगी। इसके अलावा प्रदेश के अन्य अस्पताल ब्लैक फंगस का इलाज करते हैं तो सरकार की तरफ से किसी तरह की कोई सहायता नहीं की जाएगी।
एसटीएच में ब्लैक फंगस के दो और संदिग्ध मरीज भर्ती
सुशीला तिवारी अस्पताल में ब्लैक फंगस के दो और संदिग्ध मरीज भर्ती हुए हैं। दोनों मरीजों की आंख में लाली के साथ ही अन्य लक्षण हैं। वहीं, किच्छा के ब्लैक फंगस के मरीज की हालत गंभीर बनी हुई है।
एसटीएच में पिछले सप्ताह नानकमत्ता के ब्लैक फंगस के मरीज की मौत हो गई थी। मरीज कोविड पॉजिटिव भी था। एसटीएच के एमएस डॉक्टर अरुण जोशी ने बताया कि दमुवाढूंगा हल्द्वानी निवासी 64 वर्षीय कोविड पॉजिटिव मरीज में ब्लैक फंगस के लक्षण भी हैं।
मरीज की हालत गंभीर है। चेहरे पर सूजन भी है। काशीपुर निवासी 63 वर्षीय मरीज की कोविड रिपोर्ट निगेटिव है। मरीज की आंखों में लाली के साथ सूजन जैसे लक्षण हैं। दोनों का इलाज शुरू कर दिया गया है। डॉक्टर जोशी ने बताया कि ब्लैक फंगस के इलाज में प्रयोग किए जाने वाले इंजेक्शन एम्फोटेरेसिन की बीस वॉयल आई हैं।