उत्तराखंड कोरोना 26 सितं.:नये केस और ठीक हुए एक बराबर 16,25 हजार को लगे कोरोनारोधी टीके
उत्तराखंड में कोरोना: रविवार को मिले 16 नए संक्रमित, एक भी मरीज की मौत नहीं
Corona Cases in Uttarakhand Today: आठ जिलों अल्मोड़ा, चंपावत, हरिद्वार, नैनीताल, पौड़ी, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में एक भी संक्रमित मरीज नहीं मिला है।
देहरादून 26 सितंबर। उत्तराखंड में बीते 24 घंटे में 16 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। वहीं, एक भी मरीज की मौत नहीं हुई है। जबकि 16 मरीजों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया। सक्रिय मामलों की संख्या 226 पहुंच गई है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, रविवार को 15571 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। आठ जिलों अल्मोड़ा, चंपावत, हरिद्वार, नैनीताल, पौड़ी, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में एक भी संक्रमित मरीज नहीं मिला है। वहीं, बागेश्वर, टिहरी और ऊधमसिंह नगर में एक-एक, चमोली में छह और देहरादून में सात संक्रमित मरीज मिले हैं।
प्रदेश में अब तक कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या 343490 हो गई है। इनमें से 329774 लोग ठीक हो चुके हैं। प्रदेश में कोरोना के चलते अब तक कुल 7393 लोगों की जान जा चुकी है। प्रदेश की रिकवरी दर 96.01 प्रतिशत और संक्रमण दर 0.10 प्रतिशत दर्ज की गई है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बीते 24 घंटे में निजी और सरकारी लैब से 15 हजार 587 सैंपल की जांच रिपार्ट प्राप्त हुई है। इनमें से 15 हजार 571 सैंपल की रिपार्ट निगेटिव आई है। देहरादून में सबसे ज्यादा सात लोग संक्रमित मिले हैं।
उत्तराखंड में कोरोना का संक्रमण दिनोंदिन कम होता जा रहा है।उत्तराखंड में कोरोना का संक्रमण दिनोंदिन कम होता जा रहा है। रविवार को प्रदेश में संक्रमण दर 0.10 फीसद रही। आठ जिलों में कोरोना का कोई नया मामला नहीं मिला। वहीं, तीन जिलों में एक-एक व्यक्ति में ही कोरोना की पुष्टि हुई। राज्य में कुल 16 नए मामले आए हैं और 16 मरीज स्वस्थ भी हुए हैं। वहीं, ऋषिकेश एम्स में कोरोना संक्रमित एक मरीज की मौत भी हुई है। उसे शनिवार शाम को भर्ती कराया गया था। अभी तक प्रदेश में कोरोना के तीन लाख 43 हजार 490 मामले आए हैैं। इनमें से तीन लाख 29 हजार 774 (96.01 फीसद) स्वस्थ हो चुके हैं। फिलवक्त राज्य में कोरोना के 226 सक्रिय मामले हैं, जबकि 7394 मरीजों की मौत हो चुकी है।
24 हजार 78 व्यक्तियों को लगा टीका
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान भी जारी है। रविवार को राज्य में 457 केंद्रों पर 24 हजार 78 व्यक्तियों का टीकाकरण हुआ। राज्य में अब तक 73 लाख 23 हजार 204 व्यक्तियों को वैक्सीन की पहली खुराक लग चुकी है। वहीं, 30 लाख 14 हजार 47 व्यक्तियों का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है।
प्रदेश में लचर स्वास्थ्य सुविधाएं बन रहीं पलायन का कारण
राज्य के लिए नासूर बन चुके पलायन के मुद्दे पर राज्य गठन के बाद से जितनी बातें हो चुकी हैं, अगर इसका कुछ प्रतिशत भी जमीन पर काम हो गया होता तो पहाड़ खाली नहीं होते। उत्तराखंड ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग भी इस मुद्दे पर सरकार को तमाम सुझाव दे चुका है लेकिन हकीकत यह है कि जब तक पहाड़ में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं जुटाई जाएंगी, तक तक पहाड़ों से पलायन नहीं रुकेगा।
राज्य में पलायन की स्थिति देखें तो अपने गठन से लेकर अब तक 1702 गांव पूरी तरह से खाली हो चुके हैं। सैकड़ों गांवों की संख्या ऐसी है, जिनकी आबादी को अंगुलियों पर गिना जा सकता है। खाली होते गांवों के कारण राज्य में 77 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि बंजर पड़ी है। अगर गैर सरकारी आंकड़ों की नजर से देखें तो यह एक लाख हेक्टेयर अधिक बैठता है। ऐसे में राज्य में पलायन के सवाल में ही इसका जवाब भी छिपा है, लेकिन राज्य के नीति नियंताओं को यह दिखाई नहीं देता है।
कोरोनाकाल में तमाम प्रवासी इस संकल्प के साथ अपने गांवों की ओर लौटे थे कि वह अब वापस नहीं जाएंगे लेकिन राज्य में फैली बेरोजगारी ने आखिरकार उसके कदम फिर से वापस मोड़ दिए। पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एसएस नेगी भी इसी बात को दोहराते हैं। उनका कहना है कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले इस प्रदेश में स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार की व्यवस्थाएं दुरुस्त कर दी जाएं तो काफी हद तक पलायन रुक जाएगा।