उत्तराखंड में भी 18-44 वर्ष का टीकाकरण हफ्ताभर टला
उत्तराखंड को बड़ा झटका: टीके की खेप न मिलने से 18 से 45 आयु वर्ग का टीकाकरण टला
प्रदेश सरकार की ओर से टीके की मांग केंद्र को भेज दी गई थी, लेकिन अभी तक केंद्र से टीके की खेप नहीं मिल पाई है। टीका मिलने के बाद ही टीकाकरण अभियान शुरू हो पाएगा।
देहरादून 30 अप्रैल। उत्तराखंड में एक मई से 18 से 45 आयु वर्ग के लोगों का कोविड टीकाकरण शुरू नहीं हो पाएगा। प्रदेश सरकार की ओर से टीके की मांग केंद्र को भेज दी गई थी, लेकिन अभी तक केंद्र से टीके की खेप नहीं मिल पाई है। टीका मिलने के बाद ही टीकाकरण अभियान शुरू हो पाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने 18 से 45 आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण शुरू करने के लिए एक सप्ताह का समय लगने का अनुमान लगाया है।
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शुक्रवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में प्रेस ब्रीफिंग में स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने बताया कि प्रदेश में 18 वर्ष से 44 वर्ष तक की आयु के लोगों को कोविड वैक्सीन के लिए सीरम इंस्टीट्यूट पुणे से 122108 कोविशील्ड डोज और भारत बायो टेक से 42 हजार 370 कोवैक्सीन डोज की आपूर्ति की जाएगी। इसके लिए केंद्र को वैक्सीन की मांग भेज दी गई है। टीके मिलने के बाद ही प्रदेश में 18 से 45 आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण शुरू हो पाएगा। वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों से लगातार संपर्क किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि टीके की खेप मिलने में एक सप्ताह का समय लग सकता है।
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नेगी ने कहा कि सरकार की ओर से आम जनता तक पहुंचने के लिए एक पोर्टल भी बनाया गया है। जिसकी कंट्रोल रूम के माध्यम से लगातार निगरानी की जा रही है। ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से प्रदेश के दूरस्थ इलाकों में रहने वाले लोगों को लाभ दिया जा रहा है। वर्तमान में प्रतिदिन करीब 900 की ओपीडी हो रही है। दूरस्थ क्षेत्र के लोगों को घर बैठे ही विशेेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श मिल रहा है। इसके साथ 104, ई-संजीवनी और व्हाट्सअप कॉल पर प्रतिदिन करीब दो हजार कॉल आ रही हैं। कोविड संक्रमण रोकने के लिए सरकार की ओर से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, एम्स एवं सेवानिवृत्त चिकित्सकों से भी मदद ली जा रही है।
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कालाबाजारी रोकने का जिम्मा सिन्हा को
दवाईयों व इंजेक्शन की कालाबाजारी रोकने के लिए आईजी अमित सिन्हा को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। दवाओं, रेमडेसिविर इंजेक्शन, मेडिकल उपकरणों की कालाबाजारी रोकने हेतु शासन और पुलिस के स्तर पर नोडल अधिकारियों की तैनाती की गई है।
10 दिन में 1500 ऑक्सीजन सपोर्ट बेड
सचिव ने बताया कि कोरोना मरीजों के इलाज के लिए प्रदेश में 10 दिनों के भीतर 1500 ऑक्सीजन सपोर्ट बेड बढ़ाए गए हैं। इसके अलावा कोविड हेल्थ सेंटरों की संख्या बढ़ाई गई है।