उत्तराखंड के आखिरी गांव से 61घंटे सफ़र बाद कोविड केयर सेंटर पहुंचा संक्रमित
उत्तराखंड के आखिरी गांवों तक पहुंचा कोरोना, कई गांवों का सड़क से न जुड़ना बना परेशानी का कारण
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में ही करीब 23 गांव ऐसे हैं जो सड़क से नहीं जुड़े हैं। इन गांवों की कुल आबादी करीब 20 हजार है। इन गांवों की सड़क से दूरी 5 किलोमीटर से लेकर 42 किलोमीटर तक है।
हाइलाइट्स:
+चीन और नेपाल बॉर्डर पर बसे गांवों तक पहुंचना मुश्किल
+स्वास्थ्य विभाग की टीम 40 किलोमीटर पैदल चल पहुंची
+कोरोना मरीज को डोली में बैठाकर 61 घंटे बाद पहुंचाया जा सका कोविड केयर सेंटर
पिथौरागढ़ 31मई । कोरोना का कहर बॉर्डर के अंतिम गांवों तक भी पहुंच गया है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के ये गांव चीन और नेपाल बॉर्डर पर बसे हैं। यहां न तो स्वास्थ्य सुविधाएं हैं, न सड़क और न ही कम्युनिकेशन का कोई साधन। चीन बॉर्डर पर बसे पातो गांव के नरेंद्र सिंह ढकरियाल को तीन-चार दिनों से तेज बुखार था। जब हालत गंभीर होने लगी तो गांव वालों ने प्रशासन से मदद मांगी। हेलिकॉप्टर की मांग की गई लेकिन मौसम खराब होने की वजह से हेलिकॉप्टर का इंतजाम नहीं हो पाया।
32 साल के नरेंद्र सिंह को तब प्रशासन और गांव के 16 लोगों ने 54 किलोमीटर दूर कोविड केयर सेंटर पहुंचाया। इसमें 61 घंटों का वक्त लगा क्योंकि बॉर्डर का यह गांव सड़क से नहीं जुड़ा है।
61 घंटे में बॉर्डर के गांव से कोविड केयर सेंटर पहुंच पाया मरीज
मरीज को डोली में रखकर उबड़-खाबड़ रास्तों में 42 किलोमीटर पैदल चलकर पहले सड़क तक पहुंचाया गया। यहां से 12 किलोमीटर का सफर एंबुलेंस में तय किया। इस तरह 61 घंटे में बॉर्डर के गांव से मरीज मुनस्यारी के कोविड केयर सेंटर तक पहुंचाया जा सका। यह सिर्फ एक गांव का हाल नहीं है।
23 गांव ऐसे हैं जो सड़क से नहीं जुड़े हैं
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में ही करीब 23 गांव ऐसे हैं जो सड़क से नहीं जुड़े हैं। इन गांवों की कुल आबादी करीब 20 हजार है। इन गांवों की सड़क से दूरी 5 किलोमीटर से लेकर 42 किलोमीटर तक है। यहां जब भी कोई बीमार होता है तो मरीज को डोली में बैठाकर ही लोग सड़क तक उठाकर लाते हैं। ये गांव अति दुर्गम इलाके में हैं।
40 किलोमीटर पैदल चलकर स्वास्थ्य विभाग की टीम इन गांवों में पहुंची
चीन बॉर्डर पर बसे गांव पातो, धापा, मिलम सहित कई गांवों से जब यह जानकारी आई कि कई लोगों को सर्दी जुकाम और बुखार है तब स्वास्थ्य विभाग की टीम इन गांवों में भेजी गई। 40 किलोमीटर पैदल चलकर स्वास्थ्य विभाग की टीम इन गांवों में पहुंची और कोविड टेस्ट के लिए लोगों के सैंपल लिए। इनमें एक दर्जन से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित पाए गए।
टेस्ट करने के लिए कई दिन पैदल चलकर पहुंचती है टीम
वैसे तो पूरे राज्य में कोरोना के केस बढ़ रहे हैं लेकिन दूर दराज के इलाकों में संक्रमण फैलना बड़ी मुसीबत इसलिए हो सकता है क्योंकि यहां स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है। यहां टेस्ट करने के लिए कई दिन पैदल चलकर टीम भेजी जाती है और गंभीर मरीज को हॉस्पिटल पहुंचाने में ही काफी वक्त लग जाता है।