उत्तराखंड में अब विवाह आयोजन में 25 की सीमा,आशा कार्यकर्त्रियों को प्रोत्साहन राशि
विवाह समारोह में अब अधिकतम 25 को ही अनुमति, CM राहत कोष से आशा कार्यकर्त्ताओं को मिलेगी प्रोत्साहन राशि
CM रावत ने दिए निर्देश, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को उपलब्ध कराई जाए एक हजार प्रोत्साहन राशि।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री राहत कोष से आशा कार्यकर्ताओं को एक-एक हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही शादियों में अधिकतम संख्या 25 करने को भी कहा। ग्रामीण बाज़ारों में भी बाजार खुलने के समय को ज़िलाअधिकारी अपने अनुसार घटा सकते।
देहरादून एक मई। उत्तराखंड में बढते कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने विवाह समारोह में अधिकतम व्यक्तियों की संख्या नए सिरे से तय कर दी है। अब विवाह समारोह में अधिकतम 25 व्यक्ति ही शामिल हो पाएंगे। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इस आशय के निर्देश दिए हैं। साथ ही आशा कार्यकर्त्ताओं को मुख्यमंत्री राहत कोष से एक-एक हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराने के निर्देश भीउन्होंने दिए हैं। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में बाजार बंद करने के समय तय करने का निर्णय लेने का अधिकार भी जिलाधिकारियों को दे दिया है।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शनिवार को सचिवालय में वीडियों कान्फ्रेंसिंग के जरिये शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर प्रदेश में कोरेाना की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि हर जिले में डोर टू डोर सर्वे कर कोरोना संक्रमितों के संबंध में जानकारी हासिल की जाए। डायल 104 के अलावा मुख्यमंत्री हेल्पलाइन और पुलिस विभाग के काल सेंटर में फोन लाइनों की संख्या बढ़ाई जाए। काल सेंटर और हेल्पलाइन पूरी तरह से सक्रिय रहें और बेड व इंजेक्शन आदि से संबधित जानकारी भी अपडेट करते रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आक्सीजन के सिलिंडरों की संख्या बढ़ाने के लिये हर संभव कोशिश की जाए। इसमें विभिन्न संगठन और उद्योगों की सहायता ली जा सकती है। कोविड अस्पतालों में भर्ती मरीजों को भोजन, पानी जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने में कोई ढिलाई न हो। इसके साथ ही उन छोटे- छोटे स्थानों में सैनिटाइजेशन किया जाए, जहां संक्रमण की अधिक आशंका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आक्सीजन प्लांटों में बिजली की निर्बाध आपूर्ति हो। सभी कोविड केयर सेंटर व अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। कोविड टेस्ट की रिपोर्ट में समय न लगे। टेस्ट होते ही तुरंत सभी को कोविड किट दिया जाए। टेस्ट और वैक्सीनेशन केंद्रों में कोविड प्रोटोकाल का ध्यान रखा जाए।
ई-संजीवनी पोर्टल को और प्रभावी बनाते हुए प्रचारित किया जाए ताकि जन सामान्य उसका अधिक लाभ उठा सके। होम आइसोलेशन में रहने वालों को मालूम होना चाहिए कि उन्हें किन बातों का ध्यान रखना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहर से आने वालों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। इसका पालन कड़ाई से हो। बार्डर पर रजिस्ट्रेशन की क्यूआर कोड रीडर के जरिए जांच की जाए। सरकारी व निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों की व्यवस्था को लगातार क्रास चेक किया जाए। संबंधित मरीजों और उनके स्वजनों से इसका फीड बैक लिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड मरीजों के लिए एंबुलेंस की दरें निर्धारित की जाएं, ताकि उनमें ओवर रेटिंग की शिकायत न हो। दवाओं के कालाबाजारी को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। अभिसूचना तंत्र को मजबूत किया जाए।
सरकारी अस्पतालों के साथ ही निजी अस्पतालों में भी आक्सीजन बेड की उपलब्धता की व्यवस्था को पारदर्शी बनाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड कर्फ्यू में निर्माण कार्यों को छूट है, इसलिए निर्माण से संबंधित सीमेंट, सरिया की दुकानों को बंद न कराया जाए। बैठक में जानकारी दी गई कि बार्डर पर अधिकतर लोगों की कोविड नेगेटिव रिपोर्ट प्राप्त हो रही है, जिनकी रिपोर्ट नहीं है, उनकी सैंपलिंग भी की जा रही है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, सचिव अमित नेगी, शैलेश बगोली, डाक्टर पंकज कुमार पांडेय व महानिदेशक सूचना रणबीर सिंह चौहान सहित वरिष्ठ अधिकारी व जिलाधिकारी उपस्थित थे।