उत्तराखण्ड में अनु. 371 और 1950 से मूल निवास को नौ अगस्त मुख्यमंत्री आवास मार्च
देहरादून तीन अगस्त। उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा दोपहर 12 बजे क़े बाद शहीद स्मारक पर 09 अगस्त क्रांति दिवस पर परेड ग्राउण्ड से मुख्यमंत्री आवास मार्च/कूच के आह्वान को लेकर *सशक्त भू-कानून को संविधान के अनुच्छेद 371और मूल निवास 1950* लागू कराए जाने हेतु प्रेस वार्ता आयोजित की गई।
प्रेस वार्ता में आज सभी प्रदेशवासियों से अपील की गई हैं कि प्रदेश को बचाना हैं तो प्रदेश के अपने नियम कायदे बनाने होंगे जैसे अन्य पर्वतीय प्रदेशों में बने हैं।
राज्य आंदोलनकारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी और संयुक्त परिषद क नवनीत गुसाईं ने स्पष्ट कहा कि सभी सरकारें आई लेकिन प्रदेश के लियॆ मजबूत भू कानून औऱ मूल निवास की नीति ढंग से लागू नहीं कराई गई औऱ उसी का परिणाम हैं कि तराई से लेकर पहाड़ों तक भू माफिया बेधड़क सक्रिय हैं औऱ हमारे स्थानीय लोगों को अपने ही प्रदेश में महंगी कीमत पर अपने लियॆ भू खण्ड खरीदना पड़ रहा है । इसके साथ ही उत्तर प्रदेश काल में हमें जो मूल निवास बना मिलता था, वह अब अचानक बन्द कर दिया गया । इसका दुष्परिणाम भगवानपुर जिला हरिद्वार से लेकर उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ व उधमसिंहनगर तक का व्यक्ति सीधा प्रभावित हो रहा है। आजादी क़े बाद तमाम लोग यहां आकर बसे औऱ कई जगह बंजर भूमि को उपजाऊ बनाया जिसमें हमारे सिक्ख समाज , पाल समाज , सैनी समाज , कई दलित परिवारों क़े साथ ही चौहान, वालिया व पहाड़ व गोर्खाली समाज ने अपनी मेहनत से इसको संवारा है । आज हम सभी को इससे वंचित किया जा रहा हैं । इसके पीछे जो भी कारण रहे हों, अब हम सभी मिलकर ये हक लेकर रहेंगें।
प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती व संयोजक उर्मिला शर्मा क़े साथ पुष्पलता सीलमाणा ने भी कहा कि 42 से ज्यादा बलिदान इस राज्य के लियॆ हुए औऱ हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई नारे को लेकर प्रदेश का आन्दोलन हुआ परन्तु आज 23 वर्षों बाद भी हमारे बच्चे स्कूलों व संस्थानों में एडमिशन को परेशान हैं। फैक्ट्री से लेकर सरकारी नौकरी क़े लियॆ खाक छान रहे, अपनी ही भूमि बचाने को आन्दोलन को मजबूर हैं। ये हमारे ही आन्दोलन का नतीजा हैं जो मुख्यमंत्री ने राज्य आंदोलनकारी मंच की मांग का संज्ञान लिया कि अस्थाई राजधानी के जिला मुख्यालय में मुख्यमंत्री को रिकार्ड रूम से लेकर रजिस्ट्रार कार्यालय में अधिकारियों क साथ दस्तक देनी पड़ी।
मोर्चे के विनोद असवाल व स्वाभिमान संगठन के मोहित डिमरी एवं यूo एसo एफo क़े लुशुन टोडरिया ने कहा कि सामान्य जन को यह समझना होगा औऱ अब भविष्य को बचाने की लड़ाई को आगे आना होगा। ऐसा ना हो कि हमारी भूमि लगातार छीनती जाय और मूल निवासी पलायन को मजबूर हो जाय। भविष्य में इससे हमारी दोनों अंतरराष्ट्रीय सीमाओं में भी संकट पैदा हो जाय। मोहन खत्री के साथ देव नौटियाल व सुरेश कुमार ने कहा कि पिछले 22 वर्षों से प्रदेश को केवल प्रयोगशाला बनाकर रख दिया गया और हमारे प्रदेशवासियों के अधिकारों का हनन हो रहा हैं। इससे देवभूमि में अपराध , भूमाफिया और नशे के कारोबार के साथ ही बेरोजगारी बढ़ रही हैं।
आज प्रेस वार्ता करते हुये राज्य आंदोलनकारी मंच ने सशक्त भू–कानून और मूल निवास का एक पोस्टर जारी कर उसे तेजी से प्रचार प्रसार करने की सभी से अपील की।
योजना के अनुसार 09 अगस्त क्रांति दिवस को प्रातः 11 बजे परेड ग्राउण्ड से मुख्यमंत्री आवास कूच* किया जायेगा।
वयोवृद्ध आंदोलनकारी कमला काला के निधन पर श्रद्धांजलि
उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच ने वयोवृद्ध राज्य आंदोलनकारी *कमला देवी काला (97वर्ष) के निधन* पर गहरा शोक व्यक्त कर श्रद्धांजलि दी।
राज्य आंदोलनकारी कमला देवी देहरादून के नाक- कान- गले के प्रतिष्ठित डॉक्टर डीo एमo काला की माता थी। उन्होने आज सुबह 5 बजे अपने निवास लक्ष्मी रोड़ पर अन्तिम सांस ली। वह काफी दिनों से बीमार चल रही थी। पिछले कुछ दिनों से खाना पीना भी छोड़ा हुआ था। पृथक राज्य आन्दोलन में कमला जी ने सुशीला बलूनी व कौशल्या डबराल के साथ जगह- जगह बैठकों,धरना प्रदर्शन व रेल रोको के साथ ही चक्का जाम में भाग लिया था।
वह चिन्हित पेंशनधारी राज्य आंदोलनकारी थी और बढ़ी आयु से कुछ दिनों से निष्क्रिय थी।
श्रद्धांजलि देने वालों में मुख्यतः पुष्पलता सिलमाणा,केशव उनियाल,जगमोहन सिंह नेगी,प्रदीप कुकरेती,उर्मिला शर्मा, नवनीत गुसांई,सुलोचना भट्ट,रामलाल खंडूड़ी,देव नौटियाल, मोहन खत्री,सुरेश कुमार,विनोद असवाल,प्रभात डण्डरियाल , चन्द्र किरण राणा,विक्रम राणा,हरीश पन्त आदि रहें।