उत्तराखण्ड स्टार्ट अप प्रोत्साहन नीति मंत्री मंडल में अनुमोदित

Uttarakhand Cabinet: स्टार्टअप नीति स्वीकार, शहरी क्षेत्र में 15000 और ग्रामीण क्षेत्र में 20000 रुपये भत्ता

उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए छात्र-उद्यमी स्टार्ट अप को बढ़ावा दिया जाएगा।
प्रदेश में मजबूत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के विकास रोजगार सृजन और धनोपार्जन के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए स्टार्ट अप नीति को कैबिनेट ने मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके अंतर्गत आगामी पांच वर्षों में प्रौद्योगिकी संचालित उद्यमों सहित 1000 स्टार्टअप के विकास को बढ़ावा दिया जाएगा।

देहरादून, 15 फरवरी: प्रदेश में मजबूत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के विकास, रोजगार सृजन और धनोपार्जन के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए स्टार्ट अप नीति मंत्री मंडल ने स्वीकार कर दी है। इसमें पांच वर्षों में प्रौद्योगिकी संचालित उद्यमों सहित 1000 स्टार्टअप विकसित करने को प्रोत्साहित किया जाएगा। मान्यता प्राप्त स्टार्टअप या छात्र-उद्यमी स्टार्ट अप, जिनकी परियोजना कार्यबल से अनुमोदित होंगी, उन्हें 15000 रुपये प्रति स्टार्ट अप मासिक भत्ता और ग्रामीण प्रभाव वाले स्टार्टअप को 20 हजार रुपये मासिक भत्ता दिया जाएगा।

स्टार्टअप की निवेशकों तक आसान पहुंच के लिए 200 करोड़ रुपये के वेंचर फंड की स्थापना भी की गई है। बुधवार को मंत्री मंडल ने उत्तराखंड स्टार्ट अप नीति स्वीकार की गई। नीति में स्कूल कालेज के स्तर पर ही नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने को छात्र-उद्यमी स्टार्ट अप को बढ़ावा दिया जाएगा।

मान्यता प्राप्त स्टार्ट अप को 10 लाख रुपये तक की एकमुश्त सीड फंडिंग दी जाएगी। महिला उद्यमी और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, दिव्यांग, ट्रांसजेंडर व ग्रामीण प्रभाव वाले स्टार्ट अप को 12.5 लाख रुपये की सीड फंडिंग होगी।

नवाचार का पेटेंट करने पर इसके लिए एक लाख रुपये तक की राशि प्रति पेटेंट और अंतरराष्ट्रीय पेटेंट के लिए पांच लाख रुपये प्रति पेटेंट दिया जाएगा। ट्रेड मार्क आवेदन दाखिल करने पर 10 हजार रुपये प्रति ट्रेडमार्क की प्रतिपूर्ति की जाएगी। नए इंक्यूबेशन केंद्रों को अधिकतम एक करोड़ एवं विस्तारीकरण पर 50 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी।

गति पकड़गा रेरा, 31 पद स्वीकृत

कामकाज के दबाव से हांफ रही उत्तराखंड रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (रेरा) की मशीनरी को राज्य कैबिनेट ने राहत दी है। बेहद सीमित मानव शक्ति पर काम कर रहे रेरा के लिए सरकार ने 31 पदों की स्वीकृति दी है।

रेरा के ढांचे में अब तक 17 पद स्वीकृत किए गए थे। इसमें भी चार पदों पर तैनाती नहीं हो पाई थी। यहां तक कि सचिव, वित्त अधिकारी व सलाहकार के पदों पर स्थायी नियुक्ति नहीं थी। इसको लेकर रेरा लंबे समय से ढांचे में संशोधन की मांग कर रहा था।

रेरा अध्यक्ष रबिंद्र पंवार ने पद बढ़ाने के लिए शासन से मांग की थी। साथ ही 42 पदों की स्वीकृति का प्रस्ताव भी भेजा गया था। प्रस्ताव पर सरकार ने हूबहू तो मुहर नहीं लगाई, लेकिन बड़ी राहत देते हुए 31 पद स्वीकृत कर दिए। अब रेरा का प्रयास है कि स्वीकृत पदों पर शीघ्र नियुक्ति हो जाए। इससे रेरा में शिकायतों के निस्तारण में तेजी आ सकेगी।

 

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