उत्तराखंड:4396 आंगनवाड़ियों में पेयजल, 4980 में शौचालय सुविधा शेष
प्रदेश की महिला कल्याण एवं बाल विकास, पशुपालन, भेड़ एवं बकरी पालन, चारा एवं चारागाह विकास एवं मत्स्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्या ने विधान सभा स्थित सभाकक्ष में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की केन्द्र पोषित एवं राज्य द्वारा संचालित योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की।
महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री ने महिलाओं के स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं रोजगार से सम्बन्धित विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की। उन्होने वर्ष 2020-21 में राज्य सरकार की ओर से शुरू की जाने वाली नवीन योजनाएं मुख्यमंत्री सौभाग्यवती योजना, मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना, मुख्यमंत्री बाल संजीवनी योजना तथा किशोरियों के लिए प्रस्तावित योजना की विस्तार से समीक्षा की। उन्होने वर्षवार तथा जिलावार तुलनात्मक प्रगति के साथ योजनाओं का विवरण तैयार किये जाने के निर्देश दिये। उन्होने बच्चों के पोषण के लिए संचालित आंचल अमृत योजना तथा नन्दा गौरा योजना की विस्तार से समीक्षा की। उन्होने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महिला स्वयं सहायता समूह को सुदृढ़ करने पर जोर दिया। उन्होने उत्तराखण्ड में लिंगानुपात में सुधार पर सन्तोष प्रकट करते हुए लिंग चयन की रोकथाम के लिए अपने अधीनस्थ तैनात सुपरवाईजरों तथा आंगनवाडी कार्यकर्त्रियों के माध्यम से जागरूकता बढाने के निर्देश दिये।
उन्होने विवरण में केन्द्र पोषित योजनाओं का अंशदान का अनुपात भी दर्शाने के निर्देश दिये। महिला शक्ति केन्द्र योजना की समीक्षा के दौरान बाल विकास मंत्री ने योजना में लाभान्वित 39 लाभार्थियों के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त की । उन्होने विभाग की संचालित आईसीडीएस योजना में बच्चों को दिये जाने वाले अनुपूरक पोषाहार, टीकाकरण ,स्वास्थ्य जाॅच तथा रेफरल सेवाओं का प्रगति रिपोर्ट में विस्तार से उल्लेख करने के निर्देश दिये तथा अब तक हुई प्रगति को आकड़ों में दर्शाने के निर्देश दिये।
उन्होने सचिव,महिला एवं बाल विकास को पदोन्नति से भरे जाने वाले बाल विकास परियोजना अधिकारी के रिक्त पद शीध्र भरने हेतु कार्यवाही के निर्देश दिये। आंगनवाडी केन्द्रो में पेयजल एवं शौचालय सुविधा की समीक्षा के दौरान मंत्री के संज्ञान में लाया गया कि वर्तमान में 15621 आंगनवाडी केन्द्रों में पेयजल सुविधा तथा 15037 आंगनवाडी केन्द्रो में शौचालय सुविधा विद्यमान है। मंत्री ने अवशेष 4396 आंगनवाडी केन्द्रों में पेयजल एवं अवशेष 4980 आंगनवाडी केन्द्रों में शौचालय सुविधा जल जीवन मिशन योजना से शीध्र आच्छादित करने के निर्देश दिये।
आंगनवाडी भवनों की समीक्षा के दौरान मंत्री ने 2019-20 में स्वीकृत 1608 केन्द्रों को जारी किये गये धनराशि का तेजी से उपयोग करने के निर्देश दिये । समीक्षा के दौरान बताया गया कि 3470 आंगनवाडी केन्द्र अपने भवन में चल रहे है तथा वर्ष 2019-20 में स्वीकृति 130 आंगनवाडी केन्द्रो के लिए राज्य सरकार द्वारा 1.50 लाख रूपये प्रति भवन स्वीकृत किया जा चुका है। मंत्री द्वारा मुख्यमंत्री बाल पोषण योजना, मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना, प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना, नन्दा गौरा योजना,की भी विस्तार से समीक्षा की गई। बैठक में बताया गया कि नन्दा गौरा योजना के अन्तर्गत 23182 बालिकाओं को सात चरण तथा 20901 बालिकाओ को दो चरण में लाभान्वित किया गया। जिसमें अब तक 9852.60 लाख रूपये की धनराशि उपयोग किया गया।
वन स्टाॅप सेन्टर योजना में एकल खिड़की प्रणाली के अन्तर्गत पीडित महिलाओं को आवश्यक सेवाएं, सहायता, सुरक्षा, एवं संरक्षण प्रदान कर उनके पुनर्वास हेतु आश्रय, चिकित्सा, कानूनी सलाहकार सुविधा देने के बारे में विस्तार से मंत्री द्वारा जानकारी प्राप्त की गई।
महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री द्वारा निर्भया फण्ड योजना,कामकाजी महिलाओ के छात्रावास निर्माण,महिला शक्ति केन्द्र योजना,महिला समेकित विकास योजना की विस्तार से अद्यतन समीक्षा की गई। उन्होने सखी महिला ई-रिक्शा वितरण की प्रगति की समीक्षा करते हुए पौडी आदि जनपदों में जहाॅ यह योजना संभव नही है,में स्वीकृत धन को अन्य योजना से लाभार्थियो को लाभान्वित करने के निर्देश दिये है।
मंत्री द्वारा तीलू रौतेली पुरस्कार,Scheme For Adolescent Girls, सेनेटरी नैपकिन योजना की भी विस्तार से समीक्षा की गई।
बैठक में महिला कल्याण एवं बाल विकास,प्रभारी सचिव हरिचन्द्र सेमवाल,संयुक्त सचिव,लक्ष्मण सिंह,वित्त नियंत्रक संजीव कुमार,मुख्य परीवीक्षा अधिकारी, मोहित चौधरी, उप निदेशक, एस के सिंह, तथा जिला प्रोबेशन अधिकारी अंजना गुप्ता सहित समस्त विभागीय अधिकारी उपस्थिति थे।