उत्तरकाशी सुरंग दुर्घटना 33 घंटे: फंसे मजदूरों को आक्सीजन,खाना,पानी पहुंचा,बात भी
उत्तरकाशी टनल दुर्घटना: CM धामी ने बता दिया वो पेंच, जिस वजह से सुरंग में 33 घंटे से फंसे हैं 40 मजदूर
Uttarkashi Tunnel collapse: उत्तराखंड के उत्तरकाशी टनल में मजदूरों को फंसे 33 घंटे हो चुके है और मजदूरों को सुरक्षित निकालने को काम जारी है. इस बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि बचाव कार्य में चुनौती आ रही है.
उत्तरकाशी 13 नवंबर । टनल में मजदूरों को फंसे 33 घंटे हो चुका है. ऑल वेदर रोड की टनल टूटने से 40 मजदूर फंसे हुए हैं.इन मजदूरों को सुरक्षित निकालने का काम जारी है. पुलिस के उच्चाधिकारियों के अलावा NDRF और SDRF की टीमें राहत और बचाव में जुटी है. इस बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी घटनास्थल पर पहुंचे.
33 घंटे बाद भी क्यों नहीं निकाले जा सके 40 मजदूर?
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि उत्तरकाशी टनल से मलबा हटाने को खुदाई करने वाली कई मशीनें बुलाई गईं हैं, जिनसे टनल से मलबा हटाने का काम चल रहा है. लेकिन, टनल में लगातार मलबा आने से रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे लोगों को काफी कठिनाई हो रही है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता सभी को सकुशल बाहर निकालना है. इसको पूरी रात रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जिसे मैं खुद मॉनिटर कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के निर्देश पर सभी एक्सपर्ट और एजेंसियां मौके पर मौजूद हैं और मजदूर निकालने को लगातार प्रयास कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि टनल संबंधित सभी टेक्निकल एक्सपर्ट बचाव राहत कार्यों में जुटे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से टनल के बचाव राहत कार्यों को लेकर पूरी जानकारी ली है. प्रधानमंत्री ने हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है. रेल मंत्री से भी उनकी बातचीत हुई है. टनल से संबंधित सभी एक्सपर्ट बचाव राहत कार्यों में जुटे हुए हैं. फंसे हुए लोगों से प्रशासन की बातचीत भी हुई है. उनको ऑक्सीजन, पानी और खाना भी भेजा गया है.सभी टीम युद्ध स्तर पर काम कर रही हैं. उम्मीद है कि जल्द से जल्द सभी को सकुशल बाहर निकाल दिया जाएगा.
मुख्यमंत्री धामी ने सुरंग का किया निरीक्षण
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटनास्थल पर पहुंचकर उत्तरकाशी सुरंग दुर्घटना स्थल का निरीक्षण कर कहा कि हम विशेषज्ञों से बात कर रहे हैं. प्राथमिकता है कि सभी को सुरक्षित बचाया जाए.
मजदूरों तक पाइप से पहुंचाई जा रही ऑक्सीजन
उत्तरकाशी के सर्किल ऑफिसर प्रशांत कुमार ने बताया कि बचाव अभियान में टनल के अंदर मलबा बार बार आने से कठिनाई है.इसलिऐ बचाव कार्य उतनी तेजी से नहीं हो पा रहा,जैसी कोशिश हो रही है. NHAI के अधिकारी अंशु मनीष खलखो के अनुसार टनल में फंसे मजूदरों को खाने और पानी आपूर्ति हो रही है. टनल में फंसे मजदूरों को ऑक्सीजन पहुंचाने की व्यवस्था हुई है. इसको ऑक्सीजन पाइप टनल में पहुंचाया गया है,ताकि अंदर फंसे मजदूरों को जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन मिल सके.
Uttarkashi Tunnel Collapse 40 Workers Trapped In Uttarkashi Under-Construction Tunnel Safe
उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग में भूस्खलन के बाद बचाव अभियान दूसरे दिन भी जारी है। 40 मजूदरों को फंसे 33 घंटे बीत गये है। मजदूर सुरक्षित हैं। बचाव दलों ने 15 मीटर से ज्यादा मलबा हटाया लेकिन 35 मीटर से ज्यादा मलबा और साफ करना होगा।
उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और पुलिसकर्मी राहत एवं बचाव कार्य में लगे हैं। मलबा हटाने को हैवी एक्सकैवेटर मशीन लगी हैं। वॉकी-टॉकी से मजदूरों से संपर्क हो गया है।
निर्माणाधीन सुरंग में पानी की आपूर्ति को बिछी पाइप लाइन से ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही है। इसके साथ ही इसी पाइप लाइन से कंप्रेसर से दबाव बनाकर टनल में फंसे मजदूरों तक खाना और पानी भेजा गया है।
उत्तरकाशी के सर्कल अधिकारी प्रशांत कुमार ने बताया कि मलबा लगभग 60 मीटर गहरा है। जैसे ही हम मलबा हटा रहे हैं, यह ऊपर से गिर रहा है। कल सुरंग के अंदर फंसे लोगों से बात हुई थी। हम सुरंग के अंदर जाने को बगल में रास्ता बना रहे हैं।
एनडीआरएफ टीमों का कहना है कि आज शाम तक वे मलबा तोड़ मजदूरों को बाहर निकाल लेंगे। हम पुष्टि कर सकते हैं कि श्रमिक सुरक्षित स्थिति में हैं।
एनडीआरएफ के सहायक कमांडर कर्मवीर सिंह भंडारी ने बताया कि बचाव अभियान जारी है, उम्मीद है कि शाम तक मलबा तोड़ मजदूरों तक पहुंच जाएंगे। उस हिस्से में प्लास्टर का काम पूरा नहीं था, इसी से सुरंग ढह गई।
प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) के रणवीर सिंह चौहान ने बताया कि काम बहुत तेजी से चल रहा है। हर कोई बहुत मेहनत कर रहा है। हम कल दुखी थे क्योंकि हम फंसे लोगों से बात नहीं कर पा रहे थे। लेकिन अब हम उनसे बात कर रहे हैं।
लोडर ऑपरेटर मृत्युंजय कुमार ने बताया कि मकिंग का काम चल रहा है। लोडर और एक्सकेवेटर से मलबा हटाया जा रहा है। सुरंग 30-35 मीटर टूट गई है। घटना रविवार की सुबह 5:30 बजे के आसपास हुई थी।
जान लें,चारधाम सड़क परियोजना में यमुनोत्री हाईवे पर सिलक्यारा से पोलगांव के बीच राज्य की सबसे लंबी (4.5 किलोमीटर) सुरंग बन रही है जिसमें अब 500 मीटर हिस्सा ही सुरंग के आर-पार होने को बचा है। दिन-रात दो शिफ्ट में मजदूर सुरंग बना रहे हैं।
बीते शनिवार रात आठ बजे शिफ्ट शुरू हुई थी जिसमें 40-50 मजदूर काम पर थे। शिफ्ट रविवार बड़ी दीपावली को सुबह 8 बजे खत्म होने वाली थी। मजदूर दीपावली मनाने को उत्साहित थे। लेकिन सुबह पांच बजे सिलक्यारा मुहाने से 230 मीटर अंदर सुरंग का 30 से 35 मीटर हिस्सा टूट गया। पहले धीरे-धीरे मलबा गिरा। जिसे सभी ने हल्के में लिया।
फिर अचानक भारी मलबे से सुरंग बंद हो गई। 3-4 मजदूरों ने भाग कर जान बचाई। अन्य सुरंग में फंस गए। संख्या 40 बताते है। सुरंग निर्माणकार्य में लगे झारखंड निवासी मजदूर हेमंत नायक ने बताया कि 12 घंटे की शिफ्ट में 65 से 70 मजदूर काम करते हैं। शनिवार रात की शिफ्ट रविवार सुबह 8 बजे खत्म होती। लेकिन ढाई घंटे पहले 5:30 बजे सुरंग ढह गई।
रात-दिन दो शिफ्ट में चल रहा था काम
सुरंग में दो शिफ्टों में दिन की शिफ्ट सुबह 8 से रात 8 बजे और फिर रात की शिफ्ट रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक चलती थी। शिफ्ट में चार कंपनियों नवयुगा,श्री सांई कंस्ट्रक्शन,नव दुर्गा व पीबी चंडा कंपनी के मजदूर लगे हैं।