उत्तरकाशी अपडेट: सभी श्रमिकों को निकालने में लगेंगें पांच घंटे
NDMA CONFIRMS STATUS ON DRILLING UTTARKASHI TUNNEL
एनडीएमए ने कहा, ‘मजदूरों को निकालने में थोड़ा और वक्त लगेगा, एक बार में एक ही मजदूर निकल पाएंगे’
sayed Ata Hasnain
NDMA on Uttarkashi tunnel operation : नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथारिटी के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन ने कहा कि इस ऑपरेशन को पूरा होने में थोड़ा और वक्त लगेगा.उन्होंने कहा कि सबसे अंतिम पाइप पुश किया जा रहा है.हसनैन ने कहा कि एक बार जब पाइप पुश कर लिया जाएगा,तो एक मजदूर को निकालने में अधिकतम पांच मिनट का समय लगेगा,यानी सभी मजदूरों को निकालने में पांच घंटे या उससे थोड़ा अधिक का वक्त लग सकता है.
नई दिल्ली 28 नवंबर : उत्तराखंड सुरंग दुर्घटना में फंसे मजदूरों को निकालने में समय लग सकता है.नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट ऑथरिटी के सदस्य सैयद अता हसनैन ने कहा कि अंतिम पाइप टनल में धकेला जा रहा है.उन्होंने कहा कि इस पाइप को पुश करने में जितना समय लगेगा, उतना ही समय मजदूरों को निकालने में लगेगी.
नई दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए जनरल हसनैन ने कहा कि मजदूरों के फंसने को लेकर 12 नवंबर को सबसे पहली खबर आई थी.तब हमने सबसे पहले रेलवे से संपर्क किया था क्योंकि रेलवे को इसका अनुभव है,वो सुरंगें खोदते रहते हैं,इसलिए उनसे संपर्क किया गया था.हालांकि,इसके बाद अलग-अलग एजेंसियों की मदद ली गई.
उन्होंने कहा कि इस अभियान में एयरफोर्स और बीआरओ ने भी अपना योगदान किया.हसनैन ने कहा कि बीआरओ ने वहां सड़कें चौड़ा करने में मदद की,ताकि बड़ी-बड़ी मशीनें लाई जा सके.उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार और वहां की डिजास्टर मैनेजमेंट ने बेहतरीन योगदान किया.जनरल हसनैन ने कहा कि प्रधानमंत्री से लेकर उनके प्रधान सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने स्पष्ट दिशा-निर्देश दिया था कि किसी प्रकार की कोई दिक्कत हो,आप तुरंत संपर्क करें. जनरल हसनैन ने कहा कि जितनी भी एजेंसियां इस अभियान में हैं, सभी में बेहतरीन समन्वय रहा.उन्होंने बताया कि केंद्र की ओर से मंत्री जनरल वीके सिंह खुद वहां पर मौजूद रहे.
अभियान की जानकारी देते हुए जनरल हसनैन ने कहा कि भारत में जहां कहीं भी इससे संबंधित किसी के पास भी कोई विशेषज्ञता उपलब्ध थी,तो न केवल उनकी मदद और राय ली गई,बल्कि उन्हें घटनास्थल पर बुलाया भी गया.एनडीएमए ने कहा कि यह अपने आप ही बहुत बड़ा अभियान था और इसके पहले ऐसा अभियान नहीं चलाया गया.लंबवत खुदाई अभी भी जारी है.जनरल हसनैन ने कहा कि कुछ अन्य मशीनें भी बैकअप में रखी हुई हैं,अगर कुछ भी अनहोनी हुई,तो हमारे पास बैकअप तैयार है.उन्होंने कहा कि एनडीएमए और मेडिकल टीम पूरी तरह तैयार है,मजदूरों को निकालते समय स्ट्रेचर फंसा तो उसे कैसे निकालेंगे, इसकी भी प्लानिंग तैयार है.जनरल हसनैन ने कहा कि एक मजदूर निकालने में अधिकतम पांच मिनट का समय लग सकता है, इस तरह से कुल पांच घंटे या उससे अधिक का समय लगने की आशा है. जनरल हसनैन के अनुसार स्थानीय स्तर पर अस्पताल में 30 बेड तैयार हैं.10 अतिरिक्त बेड साइड में तैयार रखे गए हैं.ऋषिकेश एम्स भी अलर्ट पर है. सभी मजदूरों की तीन दिनों तक मॉनिटरिंग होगी.एक अन्य अधिकारी ने कहा कि इस अभियान में गृह मंत्रालय का बेहतरीन योगदान रहा, किसी भी जिले के जिलाधिकारी या पुलिस अधीक्षक से बात करने की जरूरत महसूस हुई, तो बात तत्काल हो पाई ताकि किसी भी प्रक्रिया में देरी न हो.