न्यूयार्क के टाईम्स स्क्वायर पर भी रामजन्म मंदिर भूमि पूजन के दर्शन
अमेरिका में भी लोगों ने किए राम के दर्शन:न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर की एलईडी स्क्रीन पर दिखाई गई राम की तस्वीर और राम मंदिर का मॉडल, जय श्री राम के नारे भी लगे
राम जन्मभूमि के शिलान्यास के मौके को और खास बनाने के लिए न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर को चुना गया।
टाइम्स स्कवायर की सबसे हाई रिजोल्यूशन की एलईडी स्क्रीन हुआ डिस्प्ले
प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को किया अयोध्या में राम मंदिर का भूमिपूजन
न्यूयार्क:अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित टाइम्स स्क्वायर बुधवार को राम के रंग में रंग गया। फेमस टाइम्स स्क्वायर के बिलबोर्ड पर राम मंदिर का मॉडल और श्री राम की तस्वीर हाई रिजोल्यूशन वाली एलईडी स्क्रीन पर दिखाई गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार दोपहर को अयोध्या में राममंदिर का भूमि पूजन किया था। इस ऐतिहासिक दिन को यादगार बनाने के लिए न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर में ये प्रोग्राम किया गया।
टाइम्स स्क्वायर में इस भव्य नजारे को देखकर लोग जय श्रीराम के नारे लगा रहे थे। टाइम्स स्क्वायर के बिलबोर्ड पर भगवान राम और मंदिर के मॉडल के अलावा भारत का झंडा भी डिस्प्ले हो रहा था।
ये मानव समाज के लिए भी बड़ा अवसर
अमेरिकन इंडियन पब्लिक अफेयर कमेटी के अध्यक्ष जगदीश सेवहानी ने बताया था कि ये जीवन में एक बार या सदी में एक बार होने वाली घटना नही हैं। बल्कि, पूरी मानवजाति के जीवन में इस तरह के मौके एक ही बार आते हैं। इस मौके को खास बनाने के लिए हमने टाइम्स स्क्वायर को चुना।
बुधवार दोपहर में हुआ भूमिपूजन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में बुधवार को राम मंदिर की नींव रखी। इसके बाद उन्होंने कहा कि राम सबके हैं, राम सबमें हैं। उन्होंने कोरोना काल में राम की मर्यादा का महत्व भी बताया। मोदी ने भूमि पूजन के बाद पूजन स्थल की मिट्टी को माथे से लगाया। इससे पहले रामलला के दर्शन के वक्त मोदी ने साष्टांग प्रणाम किया.
राम मंदिर पर वर्ल्ड मीडिया:सीएनएन ने कहा- कोरोनावायरस के बावजूद मोदी ने नींव का पत्थर रखा; द गार्जियन ने लिखा- अयोध्या में तीन महीने पहले ही दिवाली आ गई. मंदिर के भूमि पूजन पर वर्ल्ड मीडिया का कवरेज। ज्यादातर मीडिया ने संतुलित प्रतिक्रिया दी।
द गार्जियन, बीबीसी, अल जजीरा और सीएनएन ने अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यास की खबर प्रमुखता से ली
अल जजीरा ने लिखा- बाबरी विध्वंस मामले की कानूनी सुनवाई अभी पूरी नहीं हुई और मंदिर की नींव रखी जा रही
अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास पूरे वर्ल्ड मीडिया की सुर्खियों में है। सीएनएन, द गार्जियन, बीबीसी, अल जजीरा और डॉन ने इस घटना को प्रमुखता से कवर किया। अमेरिकी न्यूज साइट सीएनएन ने कहा कि देश में फैले कोरोनावायरस के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी ने मंदिर निर्माण का भूमि पूजन किया। पाकिस्तान के अखबार द डॉन ने लिखा कि राम मंदिर का शिलान्यास दरअसल भारत के बदल रहे संविधान का शिलान्यास है।
कोरोनावायरस के बावजूद शिलान्यास: सीएनएन
सीएनएन ने लिखा कि मोदी ने हिंदुओं के सबसे पवित्र स्थान पर राम मंदिर का भूमि पूजन किया। यह जगह सालों से हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच विवाद का जड़ रही है। बुधवार को भूमि पूजन कार्यक्रम ऐसे समय हो हुआ, जब भारत में लगातार पांच दिनों से 50 हजार से ज्यादा संक्रमण के नए मामले आ रहे हैं। संक्रमण के मामले में भारत दुनिया में तीसरे नंबर है। गृह मंत्री अमित शाह और अयोध्या में मंदिर के पुजारी समेत चार सिक्युरिटी गार्ड भी संक्रमित हुए हैं।
तीन महीने पहले ही अयोध्या में दिवाली: द गार्जियन
ब्रिटेन के अखबार द गार्जियन ने लिखा कि अयोध्या में दिवाली तीन महीने पहले ही आ गई है। शहर में राम मंदिर की आधारशिला रखी जा रही है। दशकों से यह भारतीय इतिहास का सबसे भावनात्मक और विभाजनकारी मुद्दा रहा है। भगवान राम हिंदुओं में सबसे ज्यादा पूजनीय हैं। उनका मंदिर बनना बहुत से हिंदुओं के लिए गर्व का क्षण है। लेकिन, भारतीय मुसलमानों के मन में दो तरह की भावनाएं हैं। एक तो उनकी मस्जिद के जाने का दु:ख है जो 400 सालों से वहां खड़ी थी। दूसरा- उन्होंने मंदिर निर्माण पर अपनी मौन सहमति भी दे दी है।
नए तरह के भारतीय संविधान का शिलान्यास: डॉन
पाकिस्तान के अखबार डॉन ने लिखा कि बाबरी मस्जिद की जगह पर हिंदू मंदिर का शिलान्यास किया गया। इस जगह पर करीब 500 सालों से बाबरी मस्जिद थी। मोदी के आलोचक मानते हैं कि यह सेक्युलर भारत को हिंदू राष्ट्र में बदलने का एक और कदम है। भारत के सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (सीपीआर) के पूर्व अध्यक्ष प्रताप भानु मेहता के हवाले से डॉन ने लिखा – राम मंदिर का शिलान्यास एक तरह से अलग प्रकार के भारतीय संविधान का शिलान्यास है। यह इस बात को बताता है कि भारत का मौलिक संवैधानिक ढांचा बदल रहा है।
भारत की सेक्युलर विचारधारा से समझौता: अल जजीरा
खाड़ी देशों के चैनल अल जजीरा ने लिखा कि मस्जिद की जगह पर मंदिर बनाया जा रहा है। भारत की सेक्युलर विचारधारा से समझौता किया गया है। भारत की सत्ता में मौजूद हिंदू राष्ट्रवादी भारतीय जनता पार्टी ने 1980 के दशक से मंदिर आंदोलन छेड़ा था। 1992 में हिंदू कट्टरपंथियों ने मस्जिद गिरा दी। नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुओं को मस्जिद की जगह दे दी। इस फैसले की बड़ी आलोचना हुई थी। विडंबना यह है कि मंदिर की नींव रखी जा रही और बाबरी विध्वंस मामले की कानूनी सुनवाई तक अभी पूरी नहीं हुई है।
भारत के हिंदू खुश हैं: एबीसी न्यूज
एबीसी न्यूज ने अपनी वेबसाइट पर लिखा- कोरोनावायरस जैसी महामारी की वजह से भारी भीड़ नहीं हुई, लेकिन भारत के हिंदू खुश हैं। प्रधानमंत्री मोदी राम मंदिर का भूमि पूजन किया। यहां पहले कथित तौर पर मस्जिद थी। राम मंदिर के निर्माण में तीन से साढ़े तीन साल लगेंगे। यह दुनिया के सबसे भव्य मंदिरों में से एक होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया था मंदिर निर्माण का रास्ता: बीबीसी
बीबीसी ने भूमि पूजन के साथ ही राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद का भी जिक्र किया। लिखा- प्रधानमंत्री मोदी ने मंदिर का भूमि पूजन किया। 1992 तक यहां मस्जिद थी। जिसे भीड़ ने गिरा दिया था। दावा किया जाता है कि यहां मस्जिद से पहले मंदिर था। इसलिए दोनों समुदाय इस जगह पर दावा करते रहे। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया। मुस्लिमों को मस्जिद के लिए अलग जगह दी गई है।