हाथरस: कांग्रेस के ‘सवर्ण’ नेता बेचैन,ऊपर से ये दो वीडियो

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Hathras Case: हाथरस कांड में कांग्रेस की ‘अतिसक्रियता’ से पार्टी के सवर्ण नेता बेचैन
कांग्रेस (Congress) के हाथरस कांड (Hathras Kand) को लेकर ‘अति सक्रियता’ से पार्टी के सवर्ण नेताओं में बेचैनी शुरू हो गई है। वहीं बुलंदशहर में कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष के एक विडियो ने सवर्णों के बीच आग में घी का काम किया है।
हाइलाइट्स:
कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपना खोया जनाधार वापस पाने और पार्टी को मजबूत करने का कर रही है प्रयास
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका वाड्रा शनिवार को हाथरस कांड के पीड़ितों से मिलने पहुंचे
हाथरस जाने के दौरान सवर्ण परिषद के कुछ लोगों ने काली पट्टी दिखाकर राहुल और प्रियंका का किया था विरोध
प्रेमदेव शर्मा, मेरठ
हाथरस कांड से उठी चिंगारी तालानगरी अलीगढ़ से निकलकर वेस्ट यूपी के अन्य जिलों तक पहुंच रही है। हाथरस में सवर्णों के विरोध में खड़े होने के बाद उसके स्वर मेरठ सहित आसपास के जिलों में भी सुनाई देने लगे हैं। धीरे-धीरे सवर्ण समाज (खासतौर पर क्षत्रिय और ब्राह्मण) के लोग आरोपितों को निर्दोष बताते हुए विरोध में आने लगे हैं। ऐसे में कांग्रेस के हाथरस कांड को लेकर ‘अति सक्रियता’ से पार्टी के सवर्ण नेताओं में बेचैनी शुरू हो गई है। इस बीच बुलंदशहर में कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष निजाम मलिक के एक विडियो ने सवर्णों के बीच आग में घी का काम किया है, जिसमें वह आरोपितों के सिर कलम करने पर एक करोड़ इनाम देने का ऐलान कर रहे हैं।
कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपना खोया जनाधार वापस पाने और पार्टी को मजबूत करने का प्रयास कर रही है। हाथरस के रूप में उन्हें एक नया हथियार मिला है। दिल्ली से लेकर हाथरस तक प्रदर्शनों से पार्टी में नई संगठनात्मक ताकत दिखाई दी है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के एससी/एसटी विंग के प्रदीप नरवाल कई बार पीड़ित परिवार के साथ दिखे। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका वाड्रा शनिवार को हाथरस कांड के पीड़ितों से मिलने पहुंचे। इन तमाम कवायद को दलितों खासकर वाल्मीकि समाज तक अपनी पहुंच और पकड़ मजबूत करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
अस्सी के दशक तक कांग्रेस के साथ था वाल्मीकि समाज
वाल्मीकि समाज अस्सी के दशक तक कांग्रेस के साथ था। इसके बाद में बीएसपी से होते हुए बीजेपी में चले गए। दलितों के बीच पैठ बढ़ाने के लिए कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को लेकर पूरी तरह से ऐक्टिव है। लेकिन कांग्रेस की यह ‘अतिसक्रियता’ पार्टी के कई सवर्ण नेताओं को रास नहीं आ रही है। हालांकि, कांग्रेस के सवर्ण नेता इस मामले में खुलकर बोलने को तो तैयार नहीं है, लेकिन ऑफ द रिकॉर्ड उनका कहना है कि कहीं इससे कांग्रेस के परंपरागत सवर्ण वोटर पूरी तरह से बिदक न जाएं।
नेताओं का कहना है कि क्षेत्र के लोगों में आम भावना यह पनप रही है कि इस घटना में तीन आरोपित निर्दोष हैं और इसके लिए क्षेत्र में पंचायतें हो रही हैं। इससे जातीय टकराव की आशंका बन रही है। उनका कहना है कि पीड़ित परिवार के लोगों की ओर से नार्को टेस्ट न कराने और आरोपियों के नार्को टेस्ट के लिए तैयार होने से नामजदगी पर भी सवाल उठ रहे हैं।
कांग्रेस के आंदोलन से सवर्ण में आक्रोश
उनका कहना है कि मेडिकल रिपोर्ट में भी युवती के साथ रेप की पुष्टि नहीं हुई है। ऐसी विषम परिस्थिति में कांग्रेस के आंदोलन से सवर्ण तबका के बीच पार्टी को लेकर आक्रोश पनप रहा है। इनका कहना है कि यूपी में लगभग 20% सवर्ण हैं, इनकी नाराजगी भारी पड़ सकती है। हालांकि कांग्रेस के प्रवक्ता अशोक सिंह ने सवर्णों की नाराजगी की बात से इनकार करते हुए कहा कि किसी भी जाति के साथ अत्याचार होता तो कांग्रेस यही करती, जो आज वह हाथरस कांड में कर रही है। अपराध को राजनीतिक चश्में से नहीं देखना चाहिए।
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काली पट्टी दिखाकर राहुल और प्रियंका का विरोध
शनिवार को हाथरस जाने के दौरान सवर्ण परिषद के कुछ लोगों ने काली पट्टी दिखाकर राहुल और प्रियंका का विरोध किया। इनका नेतृत्व सवर्ण परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता पंकज धवरैया कर रहे थे। जैसे ही कांग्रेस नेताओं की गाड़ियां गांव से बाहर हाइवे पर आईं तो वैसे ही यह लोग विरोध करते हुए इन गाड़ियों के पीछे भागे। बाद में इन लोगों ने नारेबाजी की और कांग्रेस नेताओं के खिलाफ प्रदर्शन किया।
पीएसपी ने दिया ये तर्क
मामले में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (पीएसपी) के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. रक्षपाल सिंह ने कहा कि हाथरस की बेटी हत्याकांड में जब यूपी सरकार ने सारी मांगें मान लीं हैं। सरकार ने सीबीआई जांच का भी आदेश दे दिया है। नार्को टेस्ट का आश्वासन भी दे दिया, तब विभिन्न दलों को आंदोलन करने की आवश्यकता नहीं रह जाती है।
उधर, एक दूसरे वीडियो में पुलिस परमीशन के बाद हाथरस जाते राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की कार के अंदर का वीडियो वायरल हो गया है जिसमें दोनों भाई बहन हंसी ठठ्ठा करते जा रहे हैं। जाहिर है, वीडियो कार में पीछे की सीट पर बैठे कांग्रेस जन का ही शूट किया हुआ है। इसकी सोशल मीडिया पर आलोचना हो रही है।
UP: ठहाके लगाते हुए हाथरस जाते राहुल-प्रियंका का Video Viral,BJP ने कही ये बात
पूरे देश में हाथरस कांड (Hathras Case) को लेकर रोष व्याप्त है. योगी सरकार के खिलाफ सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपने स्तर से मोर्चा खोल रखा है. इसी बीच सोशल मीडिया पर शनिवार को एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) कार से हाथरस जाते हुए दिख रहे हैं. पीड़ित परिवार से मिलने के लिए हाथरस जा रहे राहुल और प्रियंका इस वीडियो में ठहाके लगाते हुए दिख रहे हैं.
राहुल-प्रियंका गांधी का वीडियो वायरल होने के बाद सूचना विभाग के मीडिया सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि ये बेहद शर्मनाक है. उन्होंने कहा कि हाथरस की बेटी के लिए ग़म और शोक मनाने निकले भइया बहना का असली चेहरा देख लीजिए, देखिए कि कैमरा देखते ही मातम मनाने वाले राहु़ल-प्रियंका गाड़ी में कैसे हंसी ठहाके लगाते मस्ती करते हाथरस आ रहे, दरअसल ये ख़ुशी UP में नफरत की आग फैलाने को लेकर है, हाथरस बहाना है, UP जलाना है.
आपको बता दें कि कांग्रेस राहुल गांधी ने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि दुनिया की कोई भी ताक़त मुझे हाथरस के इस दुखी परिवार से मिलकर उनका दर्द बांटने से नहीं रोक सकती है. उन्होंने आगे लिखा कि इस प्यारी बच्ची और उसके परिवार के साथ उत्तर प्रदेश सरकार और उसकी पुलिस द्वारा किया जा रहा व्यवहार मुझे स्वीकार नहीं है. किसी भी हिन्दुस्तानी को ये बिल्कुल स्वीकार नहीं करना चाहिए.

इससे पहले राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को गुरुवार को गौतम बुद्ध नगर में रोक दिया गया था. उस दौरान राहुल और प्रियंका समेत 200 लोगों के खिलाफ एफआईआर भी हुई थी. इसके बाद योगी सरकार ने शनिवार को राहुल-प्रियंका समेत 5 लोगों को हाथरस जाने की इजाजत दे दी है.

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