पीएम केयर्स फंड पर सुको में भी याचिका खारिज,पैसा NDRF में डालने की जरूरत नहीं
PM Cares Fund पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज की, NDRF में ट्रांसफर नहीं होगा पैसा
महेश गुप्ता Tue, 18 Aug 2020-12:27 pm,
PM Cares Fund पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज की, NDRF में ट्रांसफर नहीं होगा पैसा
PM Cares Fund में जमा हुए पैसे को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (NDRF) में ट्रांसफर नहीं किया जा सकता. सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में दायर याचिका खारिज कर दी. कोरोना महामारी से लड़ने के लिए केंद्र सरकार की ओर PM Cares Fund ट्रस्ट का गठन किया गया है.
नई दिल्ली: PM Cares Fund में जमा हुए पैसे को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (NDRF) में ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में दायर याचिका खारिज कर दी. कोरोना महामारी से लड़ने के लिए केंद्र सरकार की ओर PM Cares Fund ट्रस्ट का गठन किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एनडीआरएफ में योगदान करने के लिए किसी भी व्यक्ति और कॉर्पोरेट्स के लिए कोई वैधानिक बाधा नहीं है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि सरकार PM Cares Fund की राशि को उचित जगह ट्रांसफर करने के लिए स्वतंत्र है क्योंकि ये दोनों फंड अलग हैं.
सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (CPIL) की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 17 जून को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था. इस याचिका में PM Cares Fund में जमा हुए पैसे को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष NDRF फंड में ट्रांसफर करने की मांग की गई थी.
इससे पहले मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि एनडीआरएफ फंड भी सीएसआर लाभ के लिए पात्र है. वहीं कपिल सिब्बल ने तर्क दिया था कि एनडीआरएफ में कॉर्पोरेट्स का योगदान नहीं होगा क्योंकि एनडीआरएफ का योगदान सीएसआर के माध्यम से नहीं हो सकता है और उन्हें कोई लाभ नहीं मिलेगा.
वहीं सीनियर वकील दवे ने कहा था कि आपदा राहत के लिए योगदान देने वाले हर फंड को एनडीआरएफ को हस्तांतरित किया जाना चाहिए. कैसे PM Cares Fund निजी है जबकि इसके ट्रस्टी मंत्री हैं और कैसे PM Cares Fund को सीएसआर का फायदा दिया जा रहा है?
सुप्रीम कोर्ट में हुई पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार ने यह फंड बनाए जाने का बचाव किया था. सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर केंद्र सरकार ने कहा था कि पीएम केयर फंड बनाने पर रोक नहीं है. राष्ट्रीय या राज्य आपदा के समय पीएम केयर फंड दूसरे फंड पर रोक नहीं लगाते हैं. लोग इस फंड में स्वेच्छा से दान दे सकते हैं. इसलिए सारा पैसा NDRF में ट्रांसफर करने की मांग सुनवाई योग्य नहीं है. केंद्र सरकार ने इस मामले में दायर जनहित याचिका खारिज करने की मांग की थी.
वहीं CPIL की ओर से मामले की पैरवी करते हुए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने केंद्र सरकार पर कई अनियमितताओं के आरोप लगाए थे. प्रशांत भूषण ने कहा कि केंद्र सरकार को डीएमए के अनुसार कोविड -19 को शामिल करने के लिए एक राष्ट्रीय योजना तैयार करनी चाहिए. इस योजना में केंद्र को राहत के लिए न्यूनतम मानक जारी करने चाहिए. पीएम केयर फंड की सभी रसीदें सीएजी की ओर से ऑडिट कर इसकी जानकारी सार्वजनिक होनी चाहिए. जिस धनराशि का खुलासा नहीं किया गया है. उन सभी को NDRF कोष में स्थानांतरित किया जाना चाहिेए
योगी ने राहुल पर साधा निशाना, कहा- अपरिपक्व, ओछी राजनीति के लिए दें जवाब
योगी आदित्यनाथ-राहुल गाँधी
PM Cares मामले में CM योगी आदित्यनाथ ने राहुल गाँधी पर साधा निशाना
प्राइम मिनिस्टर्स सिटिजन असिस्टेंस एंड रिलीफ इन इमर्जेंसी सिचुएशंस (PM CARES) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका खारिज कर दी गई। याचिका खारिज होने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि पीएम केयर्स पर सवाल उठाना राहुल गाँधी की अपरिपक्वता का उदाहरण था। सुप्रीम कोर्ट ने बुद्धिजीवियों को आइना दिखा दिया।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद योगी आदित्यनाथ ने एक के बाद एक दो ट्वीट किए। पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा, “कोरोना महामारी में जनहित की सुरक्षा के दृष्टिगत पीएम नरेंद्र मोदी के नूतन प्रयास PM CARES का विशिष्ट योगदान रहा है। इस पर सवाल उठाना राहुल गाँधी की अपरिपक्वता का उदाहरण था। आज माननीय सुप्रीम कोर्ट ने PM CARES की महत्ता को वैधानिकता प्रदान कर दी। सत्यमेव जयते!”
इस ट्वीट के बाद योगी ने दूसरा ट्वीट किया और कहा कि राहुल गाँधी को अब जवाब देना होगा। योगी ने लिखा, “कोरोना काल में आमजन का सहारा बने PM CARES के संबंध में कुप्रचार कर रहे ‘स्वयंभू’ बुद्धिजीवियों को आज सुप्रीम कोर्ट ने आईना दिखा दिया। PM CARES जन संपत्ति है। जनहित में ही इसका उपयोग हो रहा है। ओछी राजनीति के लिए राहुल गाँधी और स्वयंभू बुद्धिजीवियों को जनता को जवाब देना होगा।”
इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि शीर्ष कोर्ट के फैसले से पीएम केयर्स फंड को लेकर राहुल गाँधी के नापाक मंसूबों पर पानी फिर गया। जेपी नड्डा ने ट्वीट किया, “पीएम केयर्स पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने राहुल गाँधी और उनके भाड़े के आदमियों (रेंट-ए-कॉज बैंड) के कुटिल मंसूबों पर पानी फेर दिया है। यह दर्शाता है कि कॉन्ग्रेस पार्टी और उसके सहयोगियों के गलत इरादे और दुर्भावनापूर्ण प्रयासों के बावजूद सच्चाई सामने आती है।”
उन्होंने आरोप लगाया,“राहुल गाँधी के इस बारे में हल्ला मचाने को आम आदमी ने बार-बार खारिज किया है,जिन्होंने पीएम-केयर्स में भारी योगदान दिया है। शीर्ष कोर्ट ने भी अपना फैसला सुना दिया है,क्या राहुल और उनके रेंट-ए-कॉज कार्यकर्ता खुद में सुधार लाएँगे या आगे भी शर्मिदा होते रहेंगे।”
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, “गाँधी परिवार ने पीएमएनआरएफ को दशकों से व्यक्तिगत संपत्ति के रूप में संचालित किया। पीएमएनआरएफ से नागरिकों की मेहनत से अर्जित धन को अपने परिवार के ट्रस्टों को ट्रांसफर कर दिया है। देश बहुत अच्छी तरह से जानता है कि पीएम केयर्स फंड के खिलाफ अभियान कॉन्ग्रेस द्वारा अपने पापों को धोने का एक प्रयास है।”
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट किया, “सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ अभियान चलाए जाने की उम्मीद कर सकते हैं, क्योंकि शीर्ष अदालत ने NDRF को पीएम केयर्स फंड के ट्रांसफर का आदेश देने से इनकार कर दिया है।” अमित मालवीय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि पीएम केयर्स फंड पब्लिक चैरिटेबल फंड की तरह ही है। इसे एनडीआरएफ को ट्रांसफर किए जाने की जरूरत नहीं है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (अगस्त 18, 2020) को पीएम केयर्स फंड में जमा पैसों को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष में ट्रांसफर करने की माँग ठुकरा दी। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये दोनों फंड अलग हैं। नवंबर 2019 में बनी योजना ही पर्याप्त है। अलग से योजना बनाने की जरूरत नहीं है।