पुण्य स्मृति:1882 में अंग्रेजों भारत छोड़ो युद्ध छेड़ने वाले असमी वीर संभुधन फोंगलो ने पाई थी वीरगति
असम के लंकर माईवांग में 1850 में जन्मे वीर संभुधन फोंगलो ने अंग्रेजों के असम में डिमासा और कछारी राज्यों को छिन्न-भिन्न करने से समझ आ गया था कि ये विदेशी गोरे ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति से पूरे देश पर कब्जा करेंगें। उन्होंने युवाओं को इसके विरुद्ध संगठित करकोकरदो दर्जन दल बना अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया। मेजर बोयाड के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ने हमला किया तो वीर संभुधन फोंगलो ने मेजर बोयाड को मार अंग्रेजी सेना को भगा दिया। उन्होंने बराक नदी किनारे देवस्थानों में आपने सैन्यदलों के अड्डे बनाये हुए थे। आखिर इग्रालिंग में विश्राम करते वीर संभुधन फोंगलो को घेर लिया गया। वीर संभुधन फोंगलो इस लड़ाई में वीरगति को प्राप्त हुए। असम में की जगह उनकी प्रतिमायें स्थापित है जिनसे वहां की जनता प्ररेणा प्राप्त करतीं हैं और मानती है कि अंग्रेजों से स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत असम से ही हुई थी।