अविजित अजातशत्रु हरबंस कपूर अब स्मृति शेष, हृदयाघात ने ली जान

उत्तराखंड भाजपा के वरिष्ठ नेता हरबंस कपूर का निधन, सीएम धामी समेत कई हस्तियों ने दी श्रद्धांजलि; दून में सार्वजनिक अवकाश
Harbans Kapoor Passes Away भाजपा के वरिष्ठ नेता और कैंट विधानसभा सीट से विधायक हरबंस कपूर का निधन हो गया है। कैंट क्षेत्र में उनकी मजबूत पकड़ थी। उनके निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक है। विधायक की सियासी व्यवहार-कुशलता उन्हें दूसरों से अलग करती थी

देहरादून 13 दिसंबर। भाजपा के वरिष्ठ नेता और अविभाजित उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड में आठ बार के विधायक हरबंस कपूर का आकस्मिक निधन हो गया। मृत्यु का कारण हार्ट अटैक बताया जा रहा है। वे पूरी तरह स्वस्थ थे और पार्टी की तमाम बैठक और अन्य गतिविधियों में भी सक्रिय थे। रविवार को भी उन्होंने विभिन्न बैठकों और विवाह आयोजनों में प्रतिभाग किया। रात को वे भोजन करने के बाद अपने इंदिरा नगर स्थित आवास पर सो गए थे। सुबह जब उन्हें चाय पीने के लिए उठाया गया तो वे नहीं उठे। वे अभी 75 वर्ष के थे। उनके निधन से भाजपा समेत क्षेत्रवासियों में भी शोक की लहर है। वहीं, दून में एक दिन का सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है।

हरबंस कपूर के निधन पर राजनेताओं ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। उनका अचानक इस तरह से चले जाने से हर कोई शोक में है। राज्यपाल गुरमीत सिंह ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी उनके निधन पर उनके निवास जाकर दुख जताया और कहा, अपने वरिष्ठ सहयोगी और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हरबंस कपूर के निधन से दुखी हूं। मृदुभाषी कपूर ने हमेशा सादगी के साथ जीवन जिया। उन्होंने कपूर के आवास पर पहुंच स्वजन को सांत्वना दी और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया।

निशंक ने जताया शोक, बताया अपूरणीय क्षति

पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद हरिद्वार डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने कैंट देहरादून के वरिष्ठ विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री हरबंस कपूर के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। डॉक्टर निशंक ने कहा कि स्व. कपूर मृदुभाषी, जमीनी नेता और सादगी के प्रतीक थे। उनका निधन भाजपा समेत पूरे प्रदेश की क्षति है जिसे पूरा किया जाना संभव नहीं है। निशंक ने कहा कि वह सदैव आम लोगो की समस्याओं के समाधान के लिए जूझते रहे और इस दौरान उन्होंने बड़ी जिम्मेदारियों का निर्वहन भी किया। निशंक ने बताया कि उत्तरप्रदेश विधान सभा से लेकर उत्तराखंड में भी उन्हें उनका सदैव स्नेह और सानिध्य मिला। उन्हे एक समर्पित जननेता के तौर पर सदैव याद किया जाएगा। उन्होंने उनके परिजनों, समर्थकों और शुभचिंतकों को इस दुख की घड़ी में धैर्य प्रदान करने की कामना की है।

वहीं, पिथौरागढ़ से विधायक चंद्रा पंत ने ट्वीट किया, हमारे सुख-दुख के साथी, जिनका आशीर्वाद, मार्गदर्शन सदैव मिलता रहा वरिष्ठतम नेता हरबंस कपूर के निधन से मन बहुत दुखी है। ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और साथ ही उनके परिवारीजनों को इस असीम दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।

पार्टी को खड़ा करने में महत्वपूर्ण योगदान

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हरबंस कपूर के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड भाजपा के वरिष्ठतम विधायकों में से एक हरबंस कपूर ने अनेक संघर्षों से पार्टी संगठन को खड़ा करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उत्तराखंड बनने के बाद विधानसभा के अध्यक्ष के रूप आपने अपनी अमिट छाप छोड़ी।

गणेश जोशी बोले, आज जो हूं उन्हीं की वजह से हूं

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने हरबंस कपूर के आकस्मिक निधन पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि मैं आज जो भी हूं, सब उनका आशीर्वाद है। उनका निधन भाजपा के साथ ही मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। उन्होंने प्रार्थना की कि पुण्यआत्मा को अपने चरणों में स्थान दे शोकाकुल परिवारजनों को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।

भाजपा ने स्थगित किए सभी कार्यक्रम

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए उनके निधन को पार्टी के लिए अपूर्णीय क्षति बताया। पार्टी के मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश भर में आज आयोजित होने वाले सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए हैं। सभी जिलाध्यक्षों को इस बारे में अवगत करा दिया गया है।

कांग्रेस ने भी रैली की स्थगित

देहरादून दिलाराम चौक के समीप कांग्रेस की होने वाली रैली को स्थगित किया गया। इस दौरान विधायक स्वर्गीय हरबंस कपूर के निधन पर दिलाराम चौक पर श्रंद्धाजलि कर दो मिनट मौन रखा। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल समेत कांग्रेसी कार्यकर्त्ता मौजूद रहे।

नाम है लगातार आठ बार विधायक बनने का रिकार्ड

सात जनवरी 1946 को जन्मे हरबंस कपूर एक कुशल राजनीतिज्ञ रहे हैं। वे भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और कैंट विधानसभा सीट से विधायक थे। कैंट क्षेत्र में उनका ही दबदबा रहा है। उन्होंने लगातार आठ बार इस सीट पर काबिज हुए। इससे जनता के बीच उनकी पकड़ का भी अंदाजा लगाया जा सकता है। हरबंस कपूर 2007 से 2012 तक उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष भी रह चुके हैं। 1985 में उन्हें पहली हार मिली थी, लेकिन इसके बाद से वे कभी विधानसभा चुनाव नहीं हारे और लगातार आठ बार विधायक बने।

वरिष्ठ पत्रकार जीतेंद्र अन्थवाल की कलम से

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रिकॉर्ड बनाने से पहले ही चले गए हरबंस कपूर….

आजादी के बाद उत्तराखंड क्षेत्र के तीसरे सबसे वरिष्ठ विधायक हरबंस कपूर अब हमारे बीच नहीं रहे। हरबंस कपूर पुराने दूनवासियों को एक सहज, मिलनसार, संघर्षशील और अपेक्षाकृत निर्विवादित जनप्रतिनिधि के तौर पर याद रहेंगे। 1946 में अविभाजित भारत के बन्नू क्षेत्र में जन्में कपूर एनडी तिवारी और गुलाब सिंह के बाद ऐसे तीसरे विधायक हुए, जो 8वीं बार विधानसभा का हिस्सा बने। उम्मीद की जा रही थी कि वे दो महीने बाद नया रिकॉर्ड कायम करेंगे, मगर उससे पहले ही चले गए। 1985 में देहरादून नगर विधानसभा सीट से कांग्रेस के हीरा सिंह बिष्ट से पहला चुनाव हरबंस कपूर हार गए थे, लेकिन इसके बाद उन्होंने कभी हार नहीं देखी। 1989, 1991, 1993 और 1996 में यूपी, जबकि 2002, 2007, 2012 और 2017 में वे उत्तराखंड विधानसभा का हिस्सा बने। 1991-92 में उत्तर प्रदेश की कल्याण सिंह सरकार में वे पहली बार ग्रामीण विकास राज्यमंत्री बनाये गए थे। उत्तराखंड में नगर विकास मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष भी वे रह चुके हैं। राम जन्मभूमि आंदोलन रहा हो या स्थानीय जन समस्याओं से सम्बंधित आंदोलन, वे हमेशा सक्रिय रहे। उत्तराखंड आंदोलन के दौरान भी वे अनेक मौकों पर सक्रिय रहे और जेल गए। वे विधायक होने के बावजूद क्षेत्र की हर छोटी-बड़ी समस्या के प्रति जागरूक रहते थे। आए दिन किसी न किसी मुद्दे को लेकर उन्हें डीएम आफिस या अन्यत्र जुलूस-प्रदर्शन करते देखा जा सकता था।
1990 के दशक में अपने पुराने स्कूटर पर कार्यकर्ताओं या क्षेत्र के मतदाताओं के सुख-दुख में सहभागी बनने पहुंच जाना, उन्हें तमाम अन्य नेताओं से अलग करता था और यही उनकी लोकप्रियता की एक बड़ी वजह भी थी। कई मौकों पर तीखे तेवर दिखाने का उनका प्रयास जरूर छोटे-मोटे विवाद खड़ा कर देता था। मसलन-1998 में अतिक्रमण विरोधी अभियान से गुस्साए कपूर साहब की तत्कालीन डीएम पर ऐन घण्टाघर चौक पर हड़काने वाले अंदाज़ में की गयी टिप्पणी ने उन्हें कई दिन तक सुर्खियों में रखा। इसी तरह उत्तराखंड विधानसभा में उनके और कांग्रेस के विधायक (अब भाजपा से मंत्री) के बीच टिप्पणियों को लेकर छिड़ा विवाद कई दिन तक सदन से सड़क तक हंगामे का सबब बना। उनकी ओर से की गई तहसील क्षेत्र के अतिक्रमणकारियों की पैरवी एक दशक पहले उनके और तत्कालीन मेयर विनोद चमोली के बीच कई दिन तक खींचतान की वजह बनी रही। हालांकि, कपूर साहब की एक खासियत यह भी थी कि ज्यों ही उन्हें एहसास होता था कि विवाद गैर वाजिब है, वे उसे तूल देने के बजाय मौन होकर खत्म कर देते थे।
इत्तफाक देखिए, कल दिन में दूरदर्शन देहरादून के मित्र संतोष थपलियाल और शाम आफिस में राजीव थपलियाल, संजय झा आदि से विधायकों की एक फोटो को लेकर चर्चा कर रहा था। सभी विधायकों का यह फ़ोटो शनिवार को अंतिम सत्र की स्मृति के तौर पर विधायकों ने विधानसभा परिसर में खिंचवाया था। मुझे इस फोटो में जो आपत्तिजनक व शर्मनाक लगा और जिसका मैं जिक्र मित्रों से कर रहा था, वह था वरिष्ठम विधायक हरबंस कपूर का पीछे खड़ा होना। विधायकों के इस फोटोग्राफ में कपूर पीछे दूसरी पंक्ति में खड़े थे और कई जूनियर विधायक आगे कुर्सी में जमे बैठे थे। किसी को इतना नहीं सूझा कि प्रदेश के सबसे वरिष्ठ विधायक को आगे की पंक्ति में एक कुर्सी दे दी जाए।

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