हरक सिंह रावत के कालेज, पैट्रोल पंप पर विजिलेंस छापे,दो सरकारी जनरेटर जब्त

VIGILANCE RAIDS RECOVERED GOVERNMENT GENERATORS WORTH LAKHS FROM HARAK SINGH RAWAT COLLEGE
Harak Vigilance Raid: कॉलेज से बरामद हुए लाखों के सरकारी जनरेटर, बेटे से होगी पूछताछ, कांग्रेस ने सरकार को घेरा

Vigilance Raid Harak Singh पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत के ठिकानों पर आज विजिलेंस ने छापेमारी की. इस छापेमारी में विजिलेंस टीम को हरक सिंह के बेटे के कॉलेज से लाखों के दो जनरेटर बरामद हुए हैं. इस छापेमारी के बाद विजिलेंस हरक सिंह रावत और उनके बेटे को पूछताछ के लिए बुला सकती है. वहीं, कांग्रेस ने विजिलेंस की छापेमारी पर सवाल खड़े किये हैं. कांग्रेस ने कहा भाजपा सरकार दुर्भावना से ग्रसित होकर काम कर रही है.

कॉलेज से मिले लाखों के दो सरकारी जनरेटर
देहरादून 30 अगस्त: उत्तराखंड में कॉर्बेट नेशनल पार्क में अवैध पेड़ कटान और निर्माण समेत खरीद को लेकर चल रही विजिलेंस की जांच अब पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत तक आ पहुंची है. विजिलेंस ने कोर्ट के निर्देशों के क्रम में पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत के बेटे के कॉलेज में छापेमारी की. इसके साथ ही उनके पेट्रोल पंप पर भी छापेमारी की गई. खास बात यह है कि इस छापेमारी में दो सरकारी जनरेटर बरामद हुए हैं. अब इस मामले में हरक सिंह रावत के बेटे और कॉलेज के मालिक तुषित सिंह रावत से भी पूछताछ हो सकती है.
कॉर्बेट नेशनल पार्क में अवैध पेड़ काटने और खरीद मामले को लेकर विजिलेंस ने अपनी जांच तेज कर दी है. विशेष बात यह है की पहली बार जांच पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत की चौखट तक पहुंची है. जानकारी के अनुसार कॉर्बेट नेशनल पार्क के कालागढ़ वन क्षेत्र में जांच के दौरान खरीद किए गए सामानों की जांच के दौरान कई उपकरण और सामान वन विभाग के पास मौजूद नहीं थे.

जानकारी जुटाने के बाद विजिलेंस की टीम ने हरक सिंह रावत के बेटे के सहसपुर स्थित कॉलेज में छापेमारी की . लालतप्पड़ स्थित पेट्रोल पंप पर भी छापेमारी की गई. विजिलेंस ने छापेमारी के दौरान दो जनरेटर बरामद किये हैं. इस पूरे मामले पर अब हरक सिंह रावत के बेटे और कॉलेज के मालिक से इसे लेकर पूछताछ हो सकती है. बताया जा रहा है कि जल्द ही विजिलेंस हरक सिंह रावत और उनके बेटे को पूछताछ के लिए बुला सकती है. इस मामले में विजिलेंस के निदेशक वी मुरुगेशन की मानें तो हल्द्वानी विंग की तरफ से FIR की गई थी. इसके बाद जांच की जा रही है. फिलहाल दो जनरेटर मिले हैं जिन्हें विजिलेंस ट्रैक्टर ट्राली में लाद ले गई है।

हरक सिंह रावत की बढ़ेंगी मुश्किलें, विजिलेंस की कसी पकड़ 

उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ हरक सिंह रावत की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही. हरक सिंह रावत से कार्बेट की पाखरो रेंज घोटाला मामले में विजिलेंस ने छापेमार कार्रवाई की है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला.

उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ हरक सिंह रावत की मुश्किलें अब बढ़ सकती हैं. हरक सिंह रावत से कार्बेट की पाखरो रेंज के मामले में विजिलेंस ने कार्रवाई तेज कर दी है. बताया जा रहा है कि विजिलेंस की टीम ने उनके बेटे के प्रतिष्ठान पर छापेमारी की है.
विश्वप्रसिद्ध जिम कार्बेट नेशनल पार्क की पाखरो रेंज में 215 करोड़ रुपए के घोटाले की जांच अब पूर्व कैबिनेट मंत्री कांग्रेस नेता डॉक्टर हरक सिंह रावत तक पहुंच गई है.  हल्द्वानी विजिलेंस सेक्टर और देहरादून विजिलेंस टीम हरक सिंह रावत के बेटे के दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस कालेज में छापेमारी को पहुंची. हरक सिंह रावत के देहरादून स्थित मीरावती फिलिंग स्टेशन नेपाली फार्म में भी विजलेंस टीम ने छापा मारा.

साल 2019 में पाखरों रेंज में बिना वित्तीय स्वीकृति और अनुमति निर्माण कार्य शुरू हुआ. रेंज में तत्कालीन वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट टाइगर सफारी का 106 हेक्टेयर में निर्माण हो रहा था. मामले में वकील और वन्य जीव संरक्षण करता गौरव बंसल ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने के साथ ही नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी में भी इसकी शिकायत की थी.

तब राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण और एनजीटी की टीम में स्थलीय निरीक्षण किया था, जिसमें 215 करोड़ के घोटाले होने की बात सामने आई थी.

  क्या है पूरा मामला

पिछले साल विजिलेंस सेक्टर हल्द्वानी ने इस मामले में मुकदमा दर्ज किया इसके बाद तत्कालीन रेंजर बृज बिहारी शर्मा को गिरफ्तार किया गया. 24 दिसंबर 2022 को डीएफओ किशन चंद को भी मामले में गिरफ्तार किया गया. हालांकि रेंजर ब्रिज बिहारी शर्मा की जमानत हो चुकी है लेकिन किशनचंद अभी भी मामले में जेल में बंद है. इस मामले में निर्धारित अनुमति से ज्यादा रिजर्व फॉरेस्ट के हरे पेड़ कटवाने सरकारी धन का दुरुपयोग करने और भ्रष्टाचार में संकट होने के अधिकारियों पर आरोप थे.

रिपोर्ट में बताया गया है कि लगभग 6093 पेड़ अतिरिक्त काटे गए. टाइगर सफारी के नाम पर खर्च हुआ पैसा दूसरे काम के लिए था. इसे कमीशन और अन्य लालच में ठेकेदारों को आवंटित कर दिया गया. इस मामले में उत्तराखंड विजिलेंस की टीम अब हरक सिंह रावत से भी जांच करने पहुंची हैं. हालांकि मामले में हरक सिंह रावत ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है.

भाजपा को मिला राजनीतिक वार का मौका

इसमें कांग्रेस का कहना है कि कोई भी नेता जब तक भाजपा में होता है तो दूध का धुला होता है. कैसे भी  आरोप हों लेकिन कोई जांच नहीं होती लेकिन कांग्रेस में आता है तो फिर जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करके इस तरीके से मामलों की जांच के नाम पर एक पक्षीय कारवाई शुरू हो जाती है.भाजपा का कहना है कि जांच एजेंसियों पर किसी तरीके का सरकार का कोई प्रभाव नहीं है जांच एजेंसियां स्वतंत्र हैं और उसी तरह से जांच करती हैं मामले में अगर हरक सिंह रावत गलत नहीं है तो फिर कांग्रेस बयान क्यों दे रही है ? पूरी जांच हो जाने देनी चाहिए.

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