भुलाया नहीं जा सकता देश विभाजन का दर्द:धामी
*देश के विभाजन के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता-मुख्यमंत्री*
- देहरादून 14 अगस्त 2024 । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सुभाष रोड स्थित होटल में आयोजित ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के अवसर पर देश के विभाजन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले लोगों को नमन करते हुए विभाजन की विभीषिका का दर्द सहने वाले तमाम सेनानियों के परिजनों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। उन्होने कहा कि देश के विभाजन के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि 15 अगस्त 1947 को जब हम आजादी का जश्न मना रहे थे वहीं दूसरी ओर देश के विभाजन का भी हमने दुःख सहा है। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के कारण सामने आई परिस्थितियों को देखते हुए भारत दो टुकड़ों में विभक्त हुआ। लाखों लोग इधर से उधर हुए । उनका घर-बार छूटा, परिवार छूटा, लाखों की जानें गईं। भारत के लिए यह घटना भयावह विभीषिका थी। वर्ष 2021 में इसी दर्द को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर वर्ष 14 अगस्त को ’’विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’’ मनाने का निर्णय लिया। तब से यह दिन मनाया जा रहा है, ताकि हम अपने उन लाखों सेनानियों व परिजनों से बिछड़े लोगों के बलिदान को याद कर सके।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह दिन उन सभी सेनानियों की याद दिलाता है जिन्होंने भारत माँ के लिए बलिदान दिया। भारत के बंटवारे ने सामाजिक एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाओं को तार-तार कर दिया था। उन्होंने कहा कि यह हमारा कर्तव्य है कि हम देश को स्वतंत्र कराने वाले और देश के विभाजन की यातनाएं झेलने वाले मां भारती के प्रत्येक सपूत के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करें।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि विभाजन विभीषिका की पीड़ा सह चुके लोग प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के विकास में सहयोगी बने हैं। देश विभाजन के समय हुई दर्दनाक हिंसक घटनाओं ने मानवता को ही शर्मसार नहीं किया बल्कि हिंसा का वह अमानवीय तांडव कभी न भरने वाला घाव दे गया, जिसकी टीस आज भी हमें महसूस होती है। यह दिवस हमारी भावी पीढ़ी को इतिहास की उस विभीषिका से परिचित कराता रहेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पिछले वर्ष रूद्रपुर में आयोजित विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर उन्होने विभाजन का दंश झेलने वालों की स्मृति भी विभाजन विभीषिका स्मृति स्मारक बनाये जाने की घोषणा की थी जिस पर कार्य चल रहा है।
मुख्यमंत्री धामी ने विभाजन की विभीषिका को इतिहास का काला अध्याय तथा दुनिया का सबसे बडा विभाजन बताते हुऐ कहा कि लाखों लोगों ने अपनी जान गवाकर विभाजन के साथ विस्थापन का दर्द झेला।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि 1947, 1971 के बाद आज फिर बांगलादेश की घटना लोगों को पलायन के लिये मजबूर कर रही है। आज हम सबको बांगलादेश के हिन्दुओं व अन्य अल्पसंख्यक समुदाय की चिन्ता करनी है। किन्तु देश में छोटी-छोटी घटनाओं पर विरोध करने तथा मानवाधिकार का रोना रोने वाले न जाने कहां चले गये हैं, वे सीन से ही गायब हो गये हैं। यह अवसर सजग और सतर्क रहने के साथ ऐसे ढोंगियों से सतर्क रहने का भी है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि विभाजन का पीड़ा झेलने वालों ने अपनी प्रबल इच्छा शक्ति तथा कौशल के बल पर देश व प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनका यह योगदान अविस्मरणीय है। उन्होने दिखाया है कि प्रबल इच्छा शक्ति के बल पर क्या कुछ नहीं किया जा सकता है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम स्थल पर विभाजन विभीषिका से संबंधित फोटो प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
कार्यक्रम में उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा उन्नयन समिति डॉक्टर देवेन्द्र भसीन, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण समिति विश्वास डाबर, भाजपा महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल, उद्यमी राकेश ओबेराय तथा अपने बचपन में विभाजन की विभीषिका का सामना करने वाले डॉक्टर कुलदीप दत्ता, तथा किशन लाल बिज ने भी अपने विचार रखे।
इस अवसर पर विधायक सर्वश्री खजान दास, उमेश शर्मा काऊ, श्रीमती सविता कपूर, पूर्व कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल, अनिल गोयल, संतोख नागपाल, सरदार देवेन्द्र सिंह मान, नीरज कोहली सहित बडी संख्या में विभिन्न संस्थाओं से जुडे लोग तथा सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।