यूएन में 141 देश रूस के निंदक,पांच साल,भारत समेत 35 देश न इधर,न उधर

संयुक्त राष्‍ट्र महासभा में रूस के खिलाफ प्रस्‍ताव से भारत ने किया किनारा, 141 देशों का यूक्रेन को समर्थन

वाशिंगटन 02 मार्च।संयुक्त राष्ट्र महासभा में बुधवार को रूस के खिलाफ प्रस्‍ताव लाया गया। भारत ने इसमें हिस्‍सा नहीं लिया। वहीं, 141 देशों ने प्रस्‍ताव के पक्ष में वोटिंग की। 5 देशों ने प्रस्‍ताव के विरोध में वोटिंग की। इस प्रस्‍ताव में यूक्रेन पर हमले के लिए रूस की कड़ी निंदा की गई।
UN General Assembly: भारत ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के एक प्रस्ताव में हिस्‍सा नहीं लिया। इसमें यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता (Russia-Ukraine War) की कड़ी निंदा की गई। रूस और यूक्रेन में बढ़ते संकट (Russia-Ukraine Crisis) के बीच एक सप्ताह से भी कम समय में यह तीसरा ऐसा प्रस्‍ताव है। यूक्रेन के खिलाफ रूसी हमले की निंदा करने वाले यूएनजीए के इस प्रस्‍ताव के पक्ष में 141 सदस्‍यों ने वोटिंग की। वहीं, 5 ने इसके विरोध में वोट किया। भारत सहित 35 देशों ने इस प्रस्‍ताव से दूरी बनाई।

महासभा में 193 सदस्‍य हैं। बुधवार को इसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर यूक्रेन की संप्रभुता, स्वतंत्रता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए मतदान किया। यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता की कड़े शब्दों में निंदा की।

प्रस्ताव के पक्ष में 141 वोट पड़े। जबकि 35 सदस्यों ने मतदान में भाग नहीं लिया। पांच सदस्यों ने प्रस्ताव के खिलाफ वोट दिया। प्रस्ताव पारित होने पर महासभा में तालियां बजाई गईं। प्रस्ताव के महासभा में पारित होने के लिए दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है। प्रस्ताव में परमाणु बलों को मुस्तैद करने के रूस के फैसले की भी निंदा की गई। साथ ही यूक्रेन के खिलाफ बल के इस ‘गैरकानूनी उपयोग’ में बेलारूस की भागीदारी की भी निंदा की गई। प्रस्ताव में राजनीतिक वार्ता, मध्यस्थता और अन्य शांतिपूर्ण तरीकों से रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष के तत्काल शांतिपूर्ण समाधान का आग्रह किया गया है।

भारत के अलावा पाकिस्तान, चीन और श्रीलंका भी इससे अनुपस्थित रहा। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच यह लगातार तीसरा मौका था जब भारत रूस के खिलाफ आए प्रस्ताव से दूरी रखी। भारत ने शुरू से इस मामले में तटस्थ रुख रखते हुए मामले का हल कूटनीतिक रास्ते से निकालने की बात कही है। रूस के समर्थन में कोरिया, बेलारूस जैसे देश आए। भारत के अन्‍य पड़ोसी देशों में अफगानिस्‍तान और नेपाल ने रूस के खिलाफ वोट किया। वहीं, बांग्लादेश भी अनुपस्थित रहा।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत यूक्रेन में बिगड़ते हालात को लेकर बेहद चिंतित है। खारकीव में एक भारतीय नागरिक की मौत हुई। हम उनके परिवार और इस संघर्ष में अपनी जान गंवाने वाले प्रत्येक नागरिक के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।

उन्‍होंने कहा कि हम अपने छात्रों सहित सभी भारतीय नागरिकों के लिए सुरक्षित और निर्बाध मार्ग की मांग करते हैं। यह बात खासतौर से खारकीव और अन्य संघर्ष क्षेत्रों को लेकर लागू होती है। भारत सरकार ने निकासी की सुविधा के लिए यूक्रेन के पड़ोसी देशों में वरिष्ठ मंत्रियों को तैनात किया है।

तिरुमूर्ति ने कहा कि हम यूक्रेन के सभी पड़ोसी देशों को अपनी सीमा खोलने और इस समय हमारे दूतावासों को सभी सुविधाएं देने के लिए धन्यवाद देते हैं।

 

 

 

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