अहमदिया की धार्मिकता तय नहीं कर सकता वक्फ बोर्ड -केंद्र सरकार
No State Waqf Board Can Call Ahmadiyas Non-Muslim
अहमदिया मुस्लिमों को काफिर नहीं कह सकते, वक्फ बोर्ड को ये हक नहीं… केंद्र सरकार का सख्त निर्देश
अहमदिया मुसलमानों को काफिर और गैर-मुस्लिम घोषित करने वाले फतवे के खिलाफ केंद्र सरकार ने नाराजगी जताई है। अल्पसंख्यक मंत्रालय ने कहा है कि किसी भी राज्य के वक्फ बोर्ड को ये अधिकार नहीं है कि वो किसी भी समुदाय की धार्मिक पहचान निर्धारित करे।
नई दिल्ली22 जुलाई: केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि राज्य वक्फ बोर्ड अहमदिया मुसलमानों को ‘काफिर’ या गैर-मुस्लिम नहीं कह सकता। इसके साथ ही उनकी मस्जिदों को भी गैर-वक्फ संपत्ति घोषित करने का अधिकार भी किसी भी राज्य के वक्फ बोर्ड को नहीं है। देवबंद मौलवियों के संगठन जमायतुल उलेमा द्वारा के फतवे के बाद आंध्र प्रदेश वक्फ बोर्ड द्वारा पारित प्रस्ताव के खिलाफ अहमदिया मुसलमानों के विरोध प्रदर्शन के बाद केंद्र सरकार का बयान सामने आया। आंध्र प्रदेश वक्फ बोर्ड ने अहमदिया मुसलमानों को गैर-मुस्लिम करार दिया था।
‘राज्य वक्फ बोर्ड के पास नहीं है ये अधिकार’
अधिकारियों ने कहा कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने आंध्रप्रदेश के मुख्य सचिव को इस मामले में एक चिट्ठी लिखी है। इसमें बताया है कि अधिनियम के प्रावधानों के तहत और आप राज्य सरकार के एक निकाय हैं। आपके इस प्रकार के फतवों को जारी करने का कोई अधिकार नहीं है। इतना ही नहीं मंत्रालय ने अपनी चिट्ठी में आगे लिखा कि आंध्र प्रदेश वक्फ बोर्ड का ये प्रस्ताव अहमदिया मुसलमानों के खिलाफ घृणा दिखाता है। वक्फ बोर्ड के पास अहमदिया समेत किसी भी समुदाय की धार्मिक पहचान निर्धारित करने का कोई अधिकार नहीं है।
‘वक्फ एक्ट नहीं देता है ऐसी पावर’
मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिव को मामले में दखल देने और जल्द से जल्द एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। मंत्रालय ने अधिकारियों को अलर्ट किया है कि इस मामले का असर पूरे देश पर पड़ा है। साथ ही राज्य को ये भी बताया है कि वक्फ एक्ट 1995, मुख्य रूप से भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और प्रबंधन के लिए एक कानून है। ये एक्ट राज्य वक्फ बोर्डों को ऐसी कोई घोषणा करने के लिए कोई शक्ति प्रदान नहीं करता है।
हाई कोर्ट भी खारिज कर चुका है प्रस्ताव
अहमदिया मुसलमानों ने गुरुवार को मंत्रालय से कहा, ‘कुछ राज्यों में वक्फ बोर्ड अहमदिया मुसलमानों का विरोध कर रहे हैं और अवैध प्रस्ताव पारित कर रहे हैं।’ उन्होंने फरवरी में जारी आंध्र प्रदेश वक्फ बोर्ड के एक प्रस्ताव का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि अहमदिया समुदाय को ‘काफिर’ गैर-मुस्लिम घोषित किया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि आंध्र प्रदेश वक्फ बोर्ड ने एक प्रस्ताव पारित कर पूरे अहमदिया समुदाय को ‘गैर-मुस्लिम’ घोषित कर दिया, जिसे आंध प्रदेश हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। अदालत ने इस प्रस्ताव के संचालन को अंतरिम रूप से निलंबित करने का आदेश दिया।
अहमदिया मुसलमानों के प्रतिनिधियों ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद भी आंध्र प्रदेश वक्फ बोर्ड ने अपने अध्यक्ष के हस्ताक्षर के तहत एक और फतवा जारी किया, जिसमें कहा गया है कि ‘जमीअतुल उलेमा के ‘फतवे’ के अनुसार अहमदिया मुसलमानों को काफिर घोषित किया जाता है।