डॉ. उमर के आखिरी वीडियो में मनोवैज्ञानिक ने क्या पाया? क्या थी उसकी मनोदशा, क्यों उठाया ऐसा कदम?

डॉक्टर उमर उन नबी के आखिरी वीडियो को देखकर मनोवैज्ञानिक ने बताया क्या थी उसकी मनोदशा, क्यों उठाया ऐसा कदम

दिल्ली धमाके के मामले में सामने आए डॉक्टर उमर-उन-नबी के 1 मिनट 17 सेकंड के वीडियो का जांच एजेंसियों के साथ-साथ मनोवैज्ञानिकों ने भी विश्लेषण किया हैं. वीडियो में उमर के हावभाव, आंखों की हरकत, बैठने का तरीका और हाथों के इशारे उसकी मानसिक स्थिति को लेकर कई सवाल खड़े करते हैं.
डॉक्टर उमर उन नबी के आखिरी वीडियो को देखकर मनोवैज्ञानिक ने बताया- क्या थी उसकी मनोदिशा, क्यों उठाया ऐसा कदम
दिल्ली धमाके के मामले में सामने आए डॉक्टर उमर-उन-नबी के 1 मिनट 17 सेकंड के वीडियो ने जांच एजेंसियों के साथ-साथ मनोवैज्ञानिकों के लिए भी अध्ययन का विषय दे दिया हैं. वीडियो में उमर के हावभाव, आंखों की हरकत, बैठने का तरीका और हाथों के इशारे उसकी मानसिक स्थिति को लेकर कई बातें बताते हैं. इसी पर बात करने के लिए जानी-मानी मनोवैज्ञानिक नम्रता ओहरी ने उसके शरीर संकेतों का विश्लेषण किया है.

आंखों की गति क्या बताती हैं?
नम्रता ओहरी के अनुसार, उमर की आंखों की गति लगातार दाईं ओर जा रही हैं, जिससे ऐसा लगता है कि वह पहले से तैयार आलेख या मानसिक रूप से रटे विचार दोहरा रहा है. उनके अनुसार, वीडियो शूट से पहले उमर ने कई बार मन ही मन इस संदेश का अभ्यास किया होगा ताकि कम समय में अधिक शब्दों में अपनी बात साफ और प्रभावी ढंग से रख सके.

  स्वयं संवाद किया.
• अपना संदेश “शांत” दर्शाने की कोशिश की होगी.
• और यह सुनिश्चित किया कि वह डरा या घबराया ना दिखे.

नम्रता बताती हैं कि यह सब दिखाता है कि उमर की पूर्व मनो तैयारी  थी.

क्या वो आलेख पढ़ रहा था?
इस सवाल पर उन्होंने कहा कि उमर ने कोई लिखा या मोबाइल पर लिखा संदेश नहीं पढ़ा. उसके विचार मन में ही तैयार लगते हैं. यानी उसने अपना संदेश बार-बार सोचकर तैयार किया.

क्या डॉक्टर जैसी पढ़ाई के बाद भी इतनी आसानी से ब्रेनवॉश हो सकता है?

नम्रता ओहरी ने बताया कि डॉक्टर होना व्यक्ति को भावनात्मक रूप से स्थिर नहीं बनाता उमर के अंदर किसी प्रकार का गहरा डर, हीनभावना या बचपन का आघात रहा होगा. उसे अपने भीतर “कुछ बड़ा करने” की इच्छा रही होगी. ऐसे लोग अक्सर भावनात्मक रूप से कमजोर होते हैं और इन्हें उकसाना आसान होता है.

उनका कहना है कि रेडिकलाइजेशन हमेशा भावनाओं पर खेलता है, और उमर जैसा व्यक्ति उसी जाल में फंस गया.

वीडियो में चेयर घुमाना, शरीर हिलाना—क्या संकेत देता है?
उमर वीडियो में:
कुर्सी को दाएं-बाएं हिला रहा है
• रीढ़ सीधी नहीं रख पा रहा
• ऊपर-नीचे देख रहा है
• बीच-बीच में खांस रहा है

नम्रता बताती हैं कि आत्मविश्वासी व्यक्ति बोलते हुए अपनी देहभाषा  ज्यादा ठीक करने की कोशिश नहीं करता, लेकिन उमर अपने शरीर में असहज और अस्थिर दिखता है. इससे संकेत मिलता है कि वह भीतर से घबराया और असंतुलित था, भले ही बाहर से शांत दिखने की कोशिश कर रहा था.

रेडिकलाइजेशन कैसे होता है?
नम्रता के अनुसार,

ऐसे लोगों पर अत्यधिक भावनात्मक दबाव बनाया जाता है.
उन्हें बताया जाता है कि एक “पवित्र लक्ष्य” के लिए जीना और मरना ही जीवन उद्देश्य है.
उन्हें धीरे-धीरे “सम्मोहित” किया जाता है.
सामान्य लोगों की तुलना में ये लोग व्यावहारिक सोच छोड़ देते हैं.
उनके लिए “एक मिशन” ही पूरा जीवन बन जाता है.

वह कहती हैं कि उमर अकेला नहीं, ऐसे कई उमर हो सकते हैं जिन्हें इसी तरह सम्मोहित किया गया है.

रूम का बैकग्राउंड क्या संकेत देता है?
वीडियो में:
अलमारी में टंगा स्वेटर/जैकेट
• टेबल पर सामान
• खिड़की और पर्दा

नम्रता के अनुसार, यह एक साधारण कमरा दिखता है. उमर ने बैकग्राउंड पर कोई ध्यान नहीं दिया, क्योंकि उसका एकमात्र उद्देश्य था- अपना संदेश जल्दी और “शांतिपूर्ण” तरीके से लोगों तक पहुंचाना.

वीडियो छोटा क्यों रखा गया?
विशेषज्ञों का मानना है, उमर जानता था कि लंबा वीडियो लोग नहीं देखेंगे. इसलिए उसने कम समय, कम शब्दों और प्रभावी भाषा में अपना संदेश देने की कोशिश की, वह अपने चेहरे के भाव और शब्दों के ज़रिये “प्रभावी” बनाना चाहता था.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी देती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी को सदैव किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. हरिनायक इस जानकारी की ज़िम्मेदारी नहीं लेता )

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