A to Z: देश परेशान क्यों हैं,ये रहे संदेशखाली के तथ्य

Sandeshkhali Violence Sc Will Consider Request For Urgent Hearing Know Full Matter
आखिर क्या हो रहा है पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में? A टू Z सभी सवालों में जवाब यहां जान लीजिए
बंगाल का संदेशखाली गांव काफी चर्चा में है। यहां पिछले एक महीने से बवाल मचा हुआ है। संदेशखाली की कई महिलाओं ने टीएमसी के स्थानीय नेता के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। यहां बीजेपी के कई नेताओं ने पहुंच कर हंगामा भी किया। आखिर ये पूरा मामला क्या है? यहां जानिए
नई दिल्ली 18 फरवरी 2024: पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना जिले का संदेशखाली गांव पिछले एक महीने से राजनीतिक हंगामे का केंद्र बना हुआ है। तृणमूल कांग्रेस (TMC) के स्थानीय नेता के कथित तौर महिलाओं के यौन उत्पीड़न को लेकर विरोध प्रदर्शन का गवाह बना है। आइए जानते हैं क्या है यह पूरा मामला

संदेशखाली में विवाद की शुरुआत कब और कैसे हुई?
इस साल जनवरी में एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट की टीम तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख के घर पर छापेमारी की थी। यह कार्रवाई करोड़ों रुपये के राशन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में हुई थी। इस दौरान, शाहजहां के समर्थकों ने ED अधिकारियों को उनके घर में एंट्री करने से रोका। साथ ही टीम के सदस्यों से मारपीट की गई। इसके बाद बड़ी संख्या में महिलाएं सड़क पर उतरीं। उनका आरोप है कि शाहजहां और उनसे जुड़े लोगों ने जबरन उनकी जमीन पर कब्जा किया है। साथ ही उनका यौन उत्पीड़न भी किया जा रहा था।
फिलहाल कहां हैं शाहजहां शेख?
नॉर्थ 24 परगना जिले के बशीरघाट सबडिविजन में आने वाले संदेशखाली से जिला परिषद सदस्य शाहजहां इस घटना के बाद से भागा हुआ हैं। हालांकि, उनके करीबियों का दावा है कि इलाके पर अब भी उनका काफी हद तक नियंत्रण है।
क्या है मुख्य आरोप?
एक स्थानीय महिला ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता घर-घर जाकर सर्वे करते हैं। कोई खूबसूरत महिला या लड़की होती है तो उन्हें उठाकर पार्टी ऑफिस लाते हैं। महिलाओं ने बताया कि शाहजहां के भागने से उन्हें पिछले कई वर्षों से जारी उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत मिली। उनका कहना है कि इस अपराध में केवल शाहजहां ही नहीं बल्कि उसका कथित साथी और तृणमूल के दूसरे नेता उत्तम सरदार अैर शिवप्रसाद हजारा भी शामिल हैं। महिलाएं लाठी और झाड़ू के साथ प्रदर्शन कर रही हैं। उनकी मांग है कि शाहजहां और शिवप्रसाद हजारा की गिरफ्तारी हो।
कैसे मामले ने लिया राजनीतिक रंग?
आरोपों को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हुआ। महिलाओं ने हजारा के तीन पॉलिट्री फार्म में आग लगा दी। महिलाओं का आरोप था कि उन्हें ग्रामीणों की जमीन पर जबरन कब्जा कर बनाया गया था। इसके बाद पश्चिम बंगाल की विपक्षी पार्टियों ने शाहजहां और उसके साथियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग तेज कर दी। ‌BJP, CPM और कांग्रेस ने तृणमूल कांग्रेस पर शाहजहां और उसके साथियों का बचाव करने का आरोप लगाया। तृणमूल नेताओें ने दावा किया कि विपक्षी पार्टियों ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर गलत तरीके से शाहजहां को फंसाया है।
गवर्नर ने संदेशखाली पर केंद्र को क्या दी रिपोर्ट?
महिलाओं के प्रदर्शन के मद्देनजर राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस ने संदेशखाली जाकर स्थिति देखी। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय को इस पर रिपोर्ट भी दी है। इसमें आरोप लगाया है कि संदेशखाली में कानून व्यवस्था संभालने वाले जिम्मेदार लोग की उपद्रवी तत्वों से साठगांठ है।
पश्चिम बंगाल सरकार का क्या है रुख?
संदेशखाली मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि जो लोग जिम्मेदार थे उन्हें सलाखों के पीछे डाल दिया गया है। उन्होंने कहा था कि स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। राज्य महिला आयोग की टीम ने संदेशखाली जाकर महिलाओं से बातचीत की है। राज्य प्रशासन ने जांच के लिए सीनियर आईपीएस अधिकारियों की अगुआई में 10 सदस्यीय टीम बनाई है।
कोर्ट ने कैसा रुख दिखाया?
कलकत्ता हाई कोर्ट ने संदेशखाली में धारा-144 लागू करने के फैसले को रद्द कर दिया था। हाई कोर्ट के एक दूसरे जज अपूर्व सिन्हा रे ने महिलाओं के यौन उत्पीड़न और जमीन पर जबरन कब्जा करने के आरोपों पर सरकार से रिपोर्ट मांगी है।

संदेशखाली मामला पहुंचा SC, जल्द लिस्ट पर होगा विचार
सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के संदेशखाली गांव में हुई हिंसा मामले को लिस्ट करने पर विचार करने पर सहमति जताई है। PIL के जरिए अदालत की निगरानी में CBI या SIT की जांच की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ की अगुआई वाली बेंच के सामने याचिकाकर्ता ने तत्काल लिस्ट करने की गुहार लगाई थी। चीफ जस्टिस ने सवाल किया कि क्या आपने तत्काल सुनवाई के लिए कोई ई-मेल किया है? इस पर PIL दाखिल करने वाले वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने हां में जवाब दिया तो चीफ जस्टिस ने कहा कि हम इस पर विचार करेंगे। एडवोकेट श्रीवास्तव ने व्यक्तिगत तौर पर यह याचिका दायर की है। इसमे संदेशखाली हिंसा पीड़ितों के लिए मुआवजे की मांग की गई है और लापरवाही के मामले में पश्चिम बंगाल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाई गई है।

 

 

 

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