AtoZ:अग्निवीर योजना समाप्त होगी कि बदलेगी?

Rajnath Singh Targets Opposition Says I Am Fully Confident Agnipath Scheme Successful And Will Remain
क्या बंद हो जाएगी अग्निपथ स्कीम? विपक्षी वार पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का करारा जवाब 
लोकसभा चुनाव में अब सातवें और आखिरी चरण की वोटिंग बाकी है। हालांकि, सियासी घमासान थमता नहीं दिख रहा। विपक्ष की ओर से अग्निपथ स्कीम पर सवाल उठाए जाने को लेकर राजनाथ सिंह ने करारा जवाब दिया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि ये योजना सफल है और आगे भी सफल रहेगी।
मुख्य बिंदु
राजनाथ सिंह ने अग्निपथ स्कीम पर खुलकर की बात
रक्षा मंत्री बोले- अग्निपथ योजना सफल है और रहेगी
विपक्षी पार्टियों को केंद्रीय मंत्री का करारा जवाब
‘विपक्ष को अग्निपथ योजना पर राजनीति नहीं करनी चाहिए’

नई दिल्ली 26 मई 2024: अग्निपथ स्कीम को लेकर विपक्षी पार्टियों से लगातार उठाए जा रहे सवाल पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा, कि ‘मुझे पूरा विश्वास है कि अग्निपथ योजना सफल है और आगे भी सफल रहेगी। इस योजना को शुरू करने के पीछे एक कारण सशस्त्र बलों में बड़ी संख्या में युवाओं को लाना है। राजनाथ सिंह ने कहा कि विपक्ष को अग्निवीरों के लिए अग्निपथ योजना पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने विपक्ष के इस आरोप को निरस्त कर दिया कि अग्निपथ योजना उपयोगी नहीं है। उन्होंने सरकार के इस रुख पर जोर दिया कि चार वर्षीय इस भर्ती कार्यक्रम से युवा, रोजगार योग्य आबादी का एक बड़ा हिस्सा लाभान्वित होगा।

अग्निपथ योजना सफल है- राजनाथ
राजनाथ सिंह ने कहा कि  अग्निपथ योजना सफल है और आगे भी सफल रहेगी। अग्निपथ योजना में, चुने कैंडिडेट्स को चार साल को अग्निवीर नामांकित किया जाता है। सरकार के अनुसार,कार्यक्रम पूरा होने पर अग्निवीर अनुशासित, डायनामिक, प्रेरित और कुशल कार्यबल के रूप में समाज में लौटेंगे और अपनी पसंद की नौकरी में अपना करियर बनाने को अन्य क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त करेंगें।

अग्निवीरों से जनसंख्या का बड़ा हिस्सा अनुशासित हो जायेगा 
राजनाथ सिंह ने कहा कि योजना का दूसरा पहलू यह है कि हमें जनसंख्या का बड़ा हिस्सा अग्निवीर के रूप में अनुशासित करने का प्रयास करना चाहिए। जरूरत में उनके पास फ्रंट लाइन पर मदद को सही कौशल होगा। अग्निवीरों को अनुशासित करने को तैयार करना कोई अपराध नहीं है।

‘मैं युवाओं को आश्वस्त करना चाहता हूं…’
विपक्ष के इस आरोप पर कि अग्निपथ योजना अभी वर्क फोर्स में प्रवेश कर रहे युवाओं के भविष्य को नुकसान पहुंचाएगी , पर राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं युवाओं को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम किसी को भी उनके भविष्य से खेलने की अनुमति नहीं देंगे। अग्निवीर 18 वर्ष की आयु से इसके लिए योग्य हैं और चार वर्षों तक पात्र रहेंगे। वे नए कौशल सीखेंगे, और चार साल के अंत में उनके पास कुछ लाख रुपये भी होंगे।
अग्निवीर और सेना पर राजनीति नहीं करनी चाहिए’
राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर उनमें से कोई नौकरी पाना चाहता है,तो वह पा सकता है। अगर उनमें से कोई अर्धसैनिक बलों में शामिल होना चाहता है,तो वह जा सकता है। अगर वे सर्विस में जाना चाहते हैं,तो बेशक वे जा सकते हैं। हमने उनके लिए आरक्षण भी रखा है। ऐसा नहीं है कि कोई भी उन्हें अनदेखा कर सकता है। प्राइवेट सेक्टर भी अग्निवीरों को काम पर रखना चाहता है। हमारी सरकार किसी को भी हमारी युवा आबादी के भविष्य से खेलने की अनुमति नहीं देगी। राजनाथ सिंह ने इसके साथ ही पर विपक्षी पार्टियों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष का केवल एक ही एजेंडा है- नागरिकों को भ्रमित करना। उन्हें अग्निवीरों और सेना पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।

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अग्निपथ योजना में चार साल की अवधि को सशस्त्र बलों में अग्निवीरों की भर्ती होती है। चार साल बाद उनमें से 25% नियमित सेवाओं में शामिल होने को आवेदन कर सकते हैं।
अग्निपथ योजना के खिलाफ लोगों में गुस्सा
जून 2022 में शुरू अग्निपथ योजना में चार साल की अवधि को सशस्त्र बलों में अग्निवीरों की भर्ती होती है। लॉन्च के बाद से,इस योजना पर बहुत बहस हुई है, खासकर राजनीतिकों में। लोकसभा चुनाव 2024 में भी यह एक बड़ा विषय बना है। कांग्रेस ने अग्निपथ योजना समाप्ति का वादा किया है। वहीं, कुछ हफ्ते पहले ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि जरूरत पड़ी तो सरकार अग्निपथ योजना में बदलाव को तैयार है और अग्निवीर के रूप में शामिल होने वाले युवाओं के भविष्य पर कोई असर नहीं पड़ेगा। खबर है क‍ि सेना अपनी तरफ से भी योजना की समीक्षा को सर्वे कर रही है। इस आधार पर संभवत: अग्‍न‍िपथ योजना में बदलाव हो सकता है।
हरियाणा में लोकसभा चुनावों में,खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में विपक्ष ने अग्निवीर को बड़ा विषय बनाया। प्रचार कर रहा लगभग हर व‍िपक्षी दल सत्ता में आने पर योजना समाप्त करने और भर्ती के पुराने पैटर्न वापसी का वादा कर रहा है।
पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश से भारतीय सेना में बड़ी संख्या में युवा शामिल होते हैं। देश भर से हर साल लगभग एक-चौथाई सैनिक इसी क्षेत्र से आते हैं।

फरवरी 2022 में संसद में पेश किए गए केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार,जवानों के चयन को 2019-20 में आयोजित अंतिम भर्ती अभियान में,इस क्षेत्र से कुल 18,798 युवाओं का चयन हुआ था। हालांकि, कोविड-19 महामारी में नियुक्ति दो साल को रोक दी गई थी। इसके बाद केंद्र ने अपनी बहुप्रचारित अग्निवीर योजना शुरू की।
2019-20 में पुराने पैटर्न के अनुसार पूरे हुए अंतिम भर्ती अभियान में देशभर से सेना ने 78,692 युवा चुने थे। हालांकि, भर्ती 87,152 पदों को निकली थी लेकिन चयन 78,692 का हुआ। पूरे देश से चयनित युवाओं में से 24% अकेले पंजाब,हरियाणा और हिमाचल प्रदेश से थे।

पंजाब , हरियाणा, हिमाचल से सबसे ज्यादा युवा होते हैं चयनित
आंकड़ों के अनुसार, 2017-18 में पंजाब, हरियाणा और हिमाचल से चयनित होने वाले सैनिकों की संख्या क्रमशः 4,988, 3,634 और 2,376 थी, जो 2019-20 में बढ़कर क्रमशः 7,813, 5,097 और 5,883 हो गई। केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के लिए तीन सीटें थीं जिन्हें 2019-20 में बढ़ाकर छह कर दिया गया। 2019-20 में अपने आखिरी भर्ती अभियान में सेना ने इन तीन राज्यों और चंडीगढ़ के कुल 18,798 युवाओं का चयन किया था।

2019-20 में आयोजित अंतिम भर्ती अभियान में एक राज्य से सबसे अधिक 8,425 जवानों को उत्तर प्रदेश से लिया गया था। अंतिम बार आयोजित भर्ती अभियान में बिहार राज्य से कुल 4559 का चयन किया गया था।

अग्निपथ स्कीम से पहले सेना में चयनित हुए कैंडिडेट
साल पंजाब हरियाणा हिमाचल चंडीगढ़ कुल
2017-18,4988, 3634, 2376, 3, 11,001
2018-19,5843, 3210, 4202, 3,13,258
2019-20,7813, 5097, 5097, 6, 18,798
40,000 अग्निवीरों का प्रशिक्षण पूरा
अब तक मिली जानकारी के मुताबिक,सेना में 40,000 अग्निवीरों के दो बैचों ने प्रशिक्षण पूरा कर लिया है और वह पोस्टिंग पर हैं। 20,000 अग्निवीरों के तीसरे बैच का नवंबर 2023 में प्रशिक्षण शुरू किया गया। नौसेना में 7,385 अग्निवीरों के तीन बैच का प्रशिक्षण पूरा हो गया है। भारतीय वायुसेना में 4,955 अग्निवीर वायु प्रशिक्षुओं ने प्रशिक्षण पूरा कर लिया है।

अग्निपथ योजना में 2026 तक होगी 1.75 लाख भर्तियां 
सूत्रों के मुताबिक, 2022 से 2026 के बीच 1.75 लाख अग्निवीर भर्ती होंगें। रक्षा मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स के तत्कालीन अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी के अनुसार, निकट भविष्य में अग्निवीरों की संख्या 1.25 लाख तक पहुंचेगी।

पुरी ने जून 2022 में कहा था, कि “हमने योजना का विश्लेषण करने और इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने को 46,000 से छोटी शुरुआत की है। अगले चार से पांच सालों में हमारे सैनिकों (अग्‍न‍िवीरों) की संख्या 50,000-60,000 होगी और बाद में बढ़कर 90 हजार -1 लाख हो जाएगी। पहले साल अग्निपथ योजना में आर्मी में 40 हजार,वायुसेना में 3000 और नौसेना में 3000 भर्तियां हुईं।

सरकार ने दिसंबर 2021 में संसद को सूचित किया था कि सेना में 1,04,053 ,नौसेना में 12,431 और वायु सेना में 5,471 कर्मी कम हैं। एक उम्मीदवार को चुनने और प्रशिक्षित करने में 1.5 साल लग जाते हैं।

अग्निपथ स्कीम पर सेना का आंतरिक सर्वे
जानकारी के मुताबिक,सेना अब तक भर्ती प्रक्रिया के प्रभाव का आकलन करने को अग्निपथ योजना पर आंतरिक सर्वे कर रही है,जिस पर योजना में संभावित बदलावों पर आने वाली सरकार को सिफारिशें दी जाएगी । अधिकारियों के अनुसार,सेना सर्वे में अग्निवीरों,सेना के विभिन्न रेजिमेंट में भर्ती और प्रशिक्षण कर्मचारियों,यूनिट और सब-यूनिट कमांडरों (जिनके अधीन अग्निवीर काम करते हैं) सहित सभी हितधारकों से टिप्पणियां मांगी गई हैं। सभी के फीडबैक का मूल्यांकन होगा।

सर्वे के आधार पर बदलाव
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक़, 10 सवालों की प्रश्नावली के आधार पर जवाब दिए जाएंगे। सवालों में सेना में क्यों शामिल होंगे? वे सेना में शामिल होने को कितने उत्सुक हैं। क्या चार साल बाद वह यही रहकर सेना में सेवा करना चाहेंगे या अर्धसैनिक बलों सहित कहीं और नौकरी के अवसरों की तलाश करेंगे?

साथ ही, सर्वे में विभिन्न यूनिट और सब-यूनिट कमांडरों का इनपुट भी ध्यान में रखा जाएगा। उन्हें अग्निपथ योजना के लॉन्च से पहले भर्ती सैनिकों की तुलना में अग्निवीरों के तुलनात्मक प्रदर्शन, उनके बीच प्रतिस्पर्धा और अग्निवीरों में दिखे सकारात्मक/नकारात्मक गुणों पर प्रतिक्रिया देनी होगी। इन विवरणों के आधार पर संभावना है कि सेना अग्निवीरों की भागीदारी, अग्निवीरों को सेना में स्थायी पोस्ट आदि के संदर्भ में अग्निपथ योजना में संभावित बदलाव का सुझाव देगी।

Agniveer Scheme Changes Possible Army Conduct Survey
अग्निवीरों को लेकर क्या होने वाला है बड़ा फैसला, सर्वे करा रही है सेना
विपक्ष से सेना में अग्निवीरों की भर्ती को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। वादा हो रहा है कि सत्ता में आए तो यह योजना समाप्त कर देंगे। वहीं अब यह खबर आ रही है कि सेना में इस योजना को लेकर सर्वे कराया जा रहा है और सर्वे रिपोर्ट  अगली सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

मुख्य बिंदु 

अग्निपथ योजना में हो सकते हैं बदलाव, सेना करा रही सर्वे
विपक्ष से अग्निवीरों की भर्ती को लेकर उठाए जा रहे सवाल
राहुल गांधी ने कहा- सत्ता में आए तो अग्निवीर स्कीम करेंगे समाप्त

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस समेत दूसरे विपक्षी दल कह रहे है कि सत्ता में आते ही अग्निपथ स्कीम समाप्त कर देंगे। अब यह खबर भी है कि भारतीय सेना में इस योजना को लेकर कुछ बदलाव हो सकते हैं। एक  रिपोर्ट के अनुसार सेना अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया पर अब तक के प्रभाव का आकलन करने को  आंतरिक सर्वे करा रही है। इस सर्वे रिपोर्ट के आधार पर वह योजना में संभावित बदलावों के संबंध में आने वाली सरकार के लिए सिफारिशें तैयार कर सकती है। जून 2022 में शुरू की गई अग्निपथ योजना में चार साल की अवधि को अग्निवीरों की भर्ती सेना में की जा रही है।

चार साल की सर्विस के बाद सैनिक के योग्यता और जरूरतों के हिसाब से 25% तक सैनिक नियमित होंगे। इसको सैनिकों को आवेदन करना होगा। योजना के शुरू होने से ही इस पर काफी बहस हो रही है,खास तौर पर राजनीतिक हलकों में। हरियाणा में एक रैली में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि सेना को अग्निवीर स्कीम नहीं चाहिए,इंडिया गठबंधन की सरकार आते ही इसे कूड़े में फेंक देंगे।

वहीं कुछ हफ्ते पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि जरूरत पड़ी तो सरकार अग्निपथ योजना में बदलाव को तैयार है और अग्निवीर के तौर पर शामिल होने वाले युवाओं के भविष्य पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। खबर के अनुसार अधिकारियों से अग्निवीरों की भर्ती, ट्रेनिंग और दूसरी चीजों पर टिप्पणी मांगी गई है जिनके अधीन अग्निवीर काम करते हैं। अधिकारियों ने कहा है कि सभी सवालों के उत्तर मूल्यांकन को रखे जाएगें। इसमें दस सवालों की सूची है।

सर्वे में यह सवाल शामिल है कि अग्निवीरों ने सेना में शामिल होने का फैसला क्यों किया, अग्निवीर के रूप में शामिल होने से पहले उन्होंने कौन-कौन सी अन्य नौकरियां, प्रतियोगी परीक्षा या भर्ती की कोशिश की। क्या उन्हें लगता है कि उन्हें सेना में स्थायी रूप से शामिल किया जाना चाहिए। सर्वे में जो सवाल पूछे जाएंगे उसमें अग्निवीरों के सेना में शामिल होने के प्राथमिक कारणों और सेना में शामिल होने के लिए उनकी उत्सुकता के बारे में जानकारी देनी होगी। देश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के आवेदकों ने ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा के प्रति कैसी प्रतिक्रिया दी है, इस पर सवालों के जवाब देने होंगे।

सर्वे में विभिन्न यूनिट और सब-यूनिट कमांडरों से प्राप्त इनपुट को भी ध्यान में रखा जाएगा। इन इनपुट के आधार पर, यह संभावना है कि सेना अग्निवीरों की नियुक्ति, दीर्घकाल में अग्निवीरों की नियुक्ति का एक स्थायी प्रतिशत आदि के संदर्भ में योजना में संभावित बदलाव सुझाएगी।

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