उत्तराखंड के मदरसों का भविष्य क्या है?
उप्र में मदरसा बोर्ड रद्द होने पर प्रदेश में भी हलचल, हजारों बच्चों के भविष्य से खिलवाड़
देहरादून 25 मार्च।उत्तराखंड में वर्तमान में 416 मदरसे चल रहे हैं। इन मदरसों से अब तक 43186 बच्चे विभिन्न वर्षों में मुंशी, मौलवी, आलिम अरबी फारसी, कामिल, फाजिल कर चुके हैं। मुंशी, मौलवी और आलिम को उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं और 12वीं के समकक्ष मान्यता अभी तक नहीं मिली है।
उत्तराखंड के मदरसों से हर साल हजारों बच्चे मुंशी, मौलवी और आलिम की पढ़ाई कर रहे हैं लेकिन इसे उत्तराखंड बोर्ड के 10वीं और 12वीं के समकक्ष मान्यता न होने से बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है। उत्तर प्रदेश में मदरसा बोर्ड निरस्त किए जाने के बाद अब उत्तराखंड में भी मदरसा बोर्ड हरकत में हैं।
बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी का कहना है कि बोर्ड में अब तक जो हुआ सो हुआ, लेकिन अब उत्तराखंड बोर्ड के समकक्ष मान्यता दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। उत्तराखंड में वर्तमान में 416 मदरसे चल रहे हैं। इन मदरसों से अब तक 43186 बच्चे विभिन्न वर्षों में मुंशी, मौलवी, आलिम अरबी फारसी, कामिल, फाजिल कर चुके हैं।
*मदरसों में एनसीईआरटी का कोर्स लागू किया गया*
हैरानी की बात यह है कि 2016 में बने उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड को उत्तराखंड बोर्ड के समकक्ष मान्यता नहीं है। यही कारण है कि मदरसों से पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को मुंशी, मौलवी, आलिम, अरबी, फारसी करने के बाद भी इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के यूपी बोर्ड आफ मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004 को असंवैधानिक करार देते हुए इसे रद्द करने के बाद उत्तराखंड में भी मदरसों को लेकर मदरसा बोर्ड अब हरकत में हैं। मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष का कहना है कि मदरसों को उत्तराखंड बोर्ड के समकक्ष मान्यता मिले इसके लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। मदरसों में एनसीईआरटी का कोर्स लागू किया गया है। ताकि समकक्ष मान्यता के लिए सभी मानकों को पूरा किया जा सके।
पूर्व समाज कल्याण मंत्री ने दिए थे जांच के आदेश
प्रदेश में कई मदरसों को सरकार की ओर से अनुदान दिया जा रहा है, पूर्व मंत्री चंदनराम दास ने इस तरह के मदरसों की जांच के आदेश दिए थे जो सरकार से अनुदान ले रहे हैं, लेकिन मानकों को पूरा नहीं कर रहे। पूर्व मंत्री ने यह भी आदेश दिए थे कि जो मदरसा शिक्षा विभाग की मान्यता के बिना चलेगा उनका अनुदान रोक दिया जाएगा।
*हरिद्वार में हैं 258 मदरसे*
प्रदेश में हरिद्वार जिले में सबसे अधिक 258 मदरसे हैं। जबकि देहरादून में 29, ऊधमसिंह नगर में 112, नैनीताल में 14, अल्मोडा, पिथौरागढ़ और चंपावत जिले में एक-एक मदरसा है।
मदरसों की जांच समय-समय पर चलती रहती है। मैं अभी खुद किसी न किसी मदरसे का निरीक्षण कर रहा हूं। – *मुफ्ती शमून कासमी, अध्यक्ष उत्तराखंड मदरसा बोर्ड*