कच्छ का सफेद रेगिस्तान बना पर्यटन का मुख्य आकर्षण
कच्छ का सफेद रेगिस्तान बना पर्यटन का मुख्य आकर्षण
गुजरात का कच्छ जिला कला, मूर्तिकला, वास्तुकला, संगीत, नृत्य, प्रकृति व जीवंत त्यौहारों की भूमि
गांधीनगर 10 दिसंबर। गुजरात का कच्छ जिला कला, मूर्तिकला, वास्तुकला, संगीत, नृत्य, प्रकृति और जीवंत त्यौहारों की भूमि है। “कच्छ” नाम सुनते ही मन में पीली चांदनी में चमकते सफेद रेगिस्तान का दृश्य कौंध जाता है। आज कच्छ का सफेद रेगिस्तान पर्यटन का मुख्य आकर्षण बन चुका है और यहां हर साल आयोजित होने वाला रण उत्सव पूरी दुनिया में मशहूर हो गया है। गुजरात के तत्कालिन मुख्यमंत्री और वर्तमान में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कच्छ के सफेद रेगिस्तान में पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए एक बड़ा अवसर देखा और दुनिया भर से बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए “रणोत्सव” शुरू किया। कच्छ के लोगों के लिए रणोत्सव विभिन्न अवसरों का एक सागर बन गया साथ ही रणोत्सव कच्छ की ग्रामीण संस्कृति को उजागर करने का महत्वपूर्ण माध्यम भी बन गया। आज रणोत्सव के माध्यम से कच्छ ग्रामीण पर्यटन का सतत् और उत्कृष्ट उदाहरण बन गया है।
बता दें कि इसी महीने की शुरूआत में गांधीनगर में आयोजित हुई ब्लॉगर्स और इन्फ्लुएंसर्स मीट के बाद कुछ ब्लॉगर्स ने कच्छ का दौरा किया और वहां के पर्यटन का भरपूर आनंद लिया। उन्होंने कच्छ के प्राकृतिक साैन्दर्य का उल्लेख करते हुए बताया कि कच्छ गुजरात के ग्रामीणों की संस्कृति और जीवन को उजागर करने वाला एक अद्भुत पर्यटन स्थल है। खासकर यहां सफेद रेगिस्तान में आयोजित रण उत्सव देखने लायक होता है। सफेद नमक की चादर की सुंदरता को देख आपका मन आनंद से सराबोर हो जाएगा। कच्छ के लोगों की रंग- बिरंगी पोशाक बेहद खूबसूरत होती है। कच्छ में विभिन्न कलाकार रहते है और उनकी कला मंत्रमुग्ध कर देने वाली है। उनके द्वारा बनाए गए हस्तशिल्प की वस्तुएं अद्भुत है। यहां विभिन्न प्रकार की कलाकृतियां पाई जाती है साथ ही आप कच्छ की लोक संगीत और लोक नृत्यों का भी आनंद ले सकते हैं। यह एक उत्कृष्ट पर्यटन स्थल है जिसे हर पर्यटक को अवश्य देखना चाहिए।
वहीं कुछ अन्य लोगों ने बताया कि कच्छ का रणोत्सव आज एक वैश्विक कार्यक्रम बन गया है, और जब आप इसे देखने जाएंगे तो समझ जाएंगे कि ऐसा क्यों है। यहां के स्थानिय लोगों के लिए रणोत्सव विकास का एक मजबूत और टिकाऊ मॉडल बन चुका है। यदि आप कच्छ की कला, संस्कृति, परंपरा और आतिथ्य का आनंद लेना चाहते हैं, तो आपको यहां अवश्य आना चाहिए। टेंट सिटी में रहने का मजा शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। कोविड-19 महामारी को देखते हुए यहां सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है। यहां विभिन्न प्रकार के हस्तशिल्प, लकड़ी की कलाकृतियां, चमड़े का काम, खिलौने आदि बेचे जाते हैं। यह देखा जा सकता है कि रणोत्सव स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के भरपूर अवसर प्रदान करता है। स्थानीय व्यंजनों का स्वाद भी यादगार और लाजवाब है। टेंट सिटी और सफेद रेगिस्तान की ओर जाने वाली सड़कें चौड़ी और साफ हैं। इसके अलावा यहां जलापूर्ति, सोलर लाइट, सार्वजनिक शौचालय के साथ-साथ बैंक और एटीएम की सुविधा भी उपलब्ध है। यहां विभिन्न सुविधाओं के विकास के लिए रेगिस्तान की सुंदरता से छेड़छाड़ नहीं की गई है। इस प्रकार रेगिस्तान की सुंदरता बरकरार है। कच्छ का रणोत्सव स्थायी पर्यटन का उत्कृष्ट उदाहरण है।