जमानत जब्त नेता था पाकिस्तान में बेटे समेत अवैध घुसपैठ करने वाला हसनैन
अफगानिस्तान के रास्ते भारत से पाकिस्तान भागे पिता-पुत्र, धार्मिक उत्पीड़न का लगाया आरोप
दिल्ली में रहने वाले मोहम्मद हसनैन अपने बेटे इशाक अमीर के साथ पाकिस्तान पहुंच गए हैं. वो अफगानिस्तान के रास्ते पाकिस्तान में दाखिल हुए. हैरान करने वाली बात है कि वहां पहुंचकर उन्होंने भारत पर बहुत गंभीर आरोप लगाए हैं.
अफगानिस्तान के रास्ते भारत से पाकिस्तान भागे पिता-पुत्र, धार्मिक उत्पीड़न का लगाया आरोप
पूर्वी दिल्ली 27 सितंबर। अफगानिस्तान के रास्ते भारत से एक पिता-पुत्र के पाकिस्तान भाग जाने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. सबसे बड़ी चौंकाने वाली बात तो यह है कि इन्होंने दावा किया है कि धार्मिक उत्पीड़न से बचने के लिए इन लोगों को दिल्ली में अपना घर छोड़कर भागना पड़ा. बता दें यह पिता पुत्र अवैध रुप से अफगानिस्तान के रास्ते पाकिस्तान में दाखिल हुए हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पिता मोहम्मद हसनैन (70 वर्ष) और बेटा इशाक अमीर (31 वर्ष) ने बलूचिस्तान प्रांत के चमन में पाकिस्तान-अफगान सीमा के रास्ते अवैध रूप से पाकिस्तान में प्रवेश किया है।
यह लोग वर्तमान में कराची में ईधी वेलफेयर ट्रस्ट के आश्रय गृह में रह रहे हैं. यह लोग लगभग 14 दिन पहले दिल्ली से कराची पहुंचे थे. हसनैन ने कहा कि अगर पाकिस्तानी अधिकारी हमें जेल में डाल देंगे, तो हम इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं. उन्होंने कहा कि हम बिना कानूनी दस्तावेजों के पाकिस्तान आए हैं, लेकिन हम शरण लेने का प्रयास करेंगे.
दिल्ली के निवासी हैं पिता-पुत्र
जानकारी के मुताबिक हसनैन और उसका बेटा अमीर नई दिल्ली के गौतमपुरी इलाके के निवासी हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि यहां उन्हें काफी समय तक प्रताड़ित किया गया. साथ ही उन्होंने धार्मिक उत्पीड़न का भी सामना किया, जिसके बाद उन्होंने पाकिस्तान भागने का फैसला किया है. हसनैन ने बताया कि उन्हें कराची पहुंचने में 14 दिन का समय लगा. यहां पहुंचकर वह अपने बेटे के साथ पुलिस स्टेशन गए और आत्मसमर्पण कर दिया.
पांच सितंबर को नई दिल्ली से गए थे दुबई
बता दें कि हसनैन अपने बेटे आमिर के साथ पांच सितंबर को नई दिल्ली से दुबई पहुंचा, जहां उन्हें अफगानिस्तान के दूतावास से वीजा मिला. यहां से वीजा लेकर वह काबुल के लिए रवाना हुए. यहां से वह सड़क मार्ग से कंधार पहुंच गए. हसनैन ने बताया कि इसके बाद वह लोग बलूचिस्तान प्रांत के चमन सीमा के रास्ते पाकिस्तान में दाखिल हुए. बताया जा रहा है कि दोनों एक अफगान एजेंट की मदद से सीमा पार करने में सफल रहे और बाद में उन्होंने टैक्सी ड्राइवर को कराची ले जाने के लिए 60 हजार रुपये दिए.
दोनों पर जासूस होने का शक नहीं: कराची पुलिस
कराची के पुलिस उप महानिरीक्षक (दक्षिण) असद रज़ा ने बताया कि दोनों पर जासूस होने का शक नहीं था, लेकिन उन्हें धार्मिक पूर्वाग्रह और उत्पीड़न का शिकार माना गया था. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने अभी तक इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है.
भारत से पाकिस्तान भागने वाला मोहम्मद हसनैन लड़ चुका विधायक व सांसद का चुनाव, मुसलमानों को बताया धार्मिक उत्पीड़न का शिकार
भारत छोड़कर अवैध रूप से पाकिस्तान भागे मोहम्मद हुसनैन ने मुस्लिमों के बीच अपनी पैठ को मजबूत करने को अपनी एक पार्टी बनाई थी। हसनैन कट्टरपंथ को बढ़ावा देने की भरपूर कोशिश करता था। उसके बयानों में कट्टरपंथ रहता था। खुद को मुस्लिमों का रक्षक कहता था। चुनाव में वह कट्टरवादी बयान देता था।
भारत से पाकिस्तान भागने वाला मोहम्मद हसनैन लड़ चुका विधायक व सांसद का चुनाव
भारत छोड़कर अवैध रूप से पाकिस्तान भागे मोहम्मद हसनैन ने मुस्लिमों के बीच अपनी पैठ को मजबूत करने के लिए कौमी पार्टी ऑफ इंडिया नाम की एक पार्टी बनाई हुई थी। इस पार्टी का संस्थापक होने के साथ वह अध्यक्ष भी था।
सीलमपुर से लड़ चुका विधानसभा का चुनाव
इस पार्टी से वह लोकसभा से लेकर मुस्लिम बहुल सीलमपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक का चुनाव लड़ चुका है। दोनों ही चुनाव में उसे नोटा से भी कम वोट मिले थे। मोहम्मद हसनैन से जुड़े व्यक्ति जाहिद खान ने बताया कि एम हसनैन ने वर्ष 2008 में सीलमपुर से विधायक का चुनाव लड़ा था।
मनोज तिवारी के खिलाफ लोकसभा चुना भी लड़ा
वही वर्ष 2014 में उत्तर पूर्वी जिले से मनोज तिवारी के खिलाफ सांसद का चुनाव लड़ा था। चुनाव में ही पार्टी का दफ्तर बनाता था। हसनैन कट्टरपंथ को बढ़ावा देने की भरपूर कोशिश करता था। उसके बयानों में कट्टरपंथ साफ झलकता था। खुद को मुस्लिमों का रक्षक कहता था। उसने पार्टी बनाकर मुस्लिमों को अपनी तरफ लाने की बहुत कोशिश की।
चुनाव के दौरान कट्टरवाद को लेकर देता था बयान
उसमें वह बिल्कुल सफल नहीं हो सका। कुछ ही लोग उससे जुड़े हुए थे। कट्टरपंथ के चलते ही वह भारत छोड़कर पाकिस्तान गया है। उसके विचारों से गौतमपुरी में रहने वाले मुस्लिम प्रभावित नहीं होते थे, इस बात से भी उसे नफरत होती थी। उसके पड़ोसी महफूज ले बताया कि चुनाव के दौरान वह कट्टरवाद को लेकर अक्सर बयान देता था।
चोरी छिपे पाकिस्तान जाना देश के साथ गद्दारी
खुद को मुस्लिमों के रक्षक के रूप में दिखाता था, लेकिन मुस्लिम उसके बहकावे में नहीं आते थे। सीलमपुर के पूर्व विधायक चौधरी मतीन अहमद ने कहा कि चोरी छिपे पाकिस्तान चले जाना यह अपने देश के साथ गद्दारी है। भारत में सभी समुदाय के लोग भाईचारे के साथ वर्षों से रहते हुए आ रहे हैं। वर्ष 2008 में मोहम्मद हसनैन ने मेरे खिलाफ चुनाव लड़ा था, जो वह हार गया था।
वहीं, जाफराबाद आरडब्ल्यूए महासचिव डॉक्टर फहीम बेग ने कहा कि पाकिस्तान में गैर कानूनी तौर पर घुसपैठ करने वाले पिता-पुत्र ने भारत में मुसलमानों पर हो रहे जुल्म का आरोप लगाया है। जो बिल्कुल गलत है। पिता-पुत्र दोनों कट्टरपंथी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस तरह के धार्मिक कट्टरपंथियों पर जल्द से जल्द लगाम लगानी चाहिए।