ट्रेक्टर ट्राली नाले में : 24 जनों की मौत किसके नाम?
KasganjKasganj Accident Children And Women Died, Tractor Trolley Rules Ignored
यूपी में प्रशासन की अनदेखी ग्रामीणों पर पड़ रही भारी, कासगंज में बच्चों और महिलाओं की मौत का जिम्मेदार कौन?
कासगंज के पटियाली दरियावगंज मार्ग पर शनिवार सुबह करीब 10 बजे बेकाबू ट्रैक्टर ट्रॉली तालाब में गिर गई। ट्रॉली में सवार सात बच्चे और आठ महिला श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। नियम के बावजूद ट्रेक्टर ट्राली पलटने के हादसे लगातार हो रहे हैं।
कासगंज 24 फरवरी 2024। : उत्तर प्रदेश में कासगंज के दरियावगंज थाना क्षेत्र इलाके में गढ़ई गांव के पास गंगा स्नान करने जा रहे श्रद्धालुओं से भरी ट्रैक्टर ट्राली तालाब में पलट गई है। इसमें बच्चों और महिलाओं सहित एक दर्जन से अधिक लोगों की डूबने से दर्दनाक मौत की सूचना है। लेकिन उत्तर प्रदेश में ये पहली दुर्घटना नहीं है जब ट्रैक्टर ट्राली से सफर के दौरान इतनी बड़ी दुर्घटना हुई हो।
इससे पहले भी लखनऊ, लखीमपुर और कानपुर में ट्रैक्टर ट्राली से यात्रा करने से दर्जनों लोगों की जान जा चुकी है। बावजूद इसके ये सिलसिला जारी है। प्रशासन की अनदेखी और लोगों की लापरवाही के चलते शनिवार को एक और दर्दनाक दुर्घटना हो गई। ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर इसका जिम्मेदार कौन है क्या प्रशासन इसपर सख्ती नहीं कर पा रहा है या ग्रामीण सरकार के निर्देशों का उल्लंघन कर रहे हैं।
10 दिनों तक चलाया था अभियान
हालांकि, अक्टूबर 2023 में मुख्यमंत्री योगी ने लोगों से अपील करते हुए ट्वीट किया था कि ट्रैक्टर-ट्रॉली का उपयोग सिर्फ कृषि कार्यों और माल ढुलाई को ही करें। इससे सवारियों की ढुलाई कदापि न करें। जीवन अमूल्य है, कृपया लापरवाही न बरतें। मुख्यमंत्री योगी की अपील में कठोर रुख से यातायात विभाग की नींद टूटी और प्रदेश में ट्रैक्टर-ट्रॉली, डाला व डंपर पर सवारियां ढोने वालों पर कठोर कार्रवाई करते हुए 10 हजार रुपये के अर्थदंड का आदेश हुआ लेकिन साफ़ है कि यह आदेश धरातल पर नहीं उतरा वरना उसके बाद भी सवारी ढोते ट्रेक्टर ट्रालियां यूं दौड़ती न दिखती। लोगों को जागरूक करने को 10 दिनों का विशेष अभियान भी शुरू किया था। लेकिन जैसे-जैसे दिन बीते प्रशासन और ग्रामीणों ने लापरवाही करना शुरू कर दिया।
मुख्यमंत्री योगी की अपील भी निष्प्रभावी
शायद यही वजह है उत्तर प्रदेश में एक और बड़ी दुर्घटना घट गई। इस दौरान बच्चों, महिलाओं समेत दो दर्जन लोगों को जान गवानी पड़ी। गौरतलब है कि इस बार भी ग्रामीण इलाके से श्रद्धालु दर्शन के लिए जा रहे थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में लोगों से अपील की थी कि ट्रैक्टर ट्राली में बैठकर सफर करना खतरनाक है, इसलिए इसमें यात्रा न करें। साथ ही मुख्यमंत्री ने सवारी ढोने वाले ट्रैक्टर चालकों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भी कई ट्रैक्टर सड़कों पर सवारी ढोते हुए नजर आए।
उल्लंघन करने पर 10 हजार का है अर्थदंड
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर में हुई दुर्घटना के बाद सड़क सुरक्षा के संबंध में परिवहन विभाग व गृह विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। इस दौरान स्पष्ट निर्देश दिया था कि किसी भी हाल में ट्रैक्टर ट्राली और ट्रक में यात्रा न होने दी जाए। इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। यही नहीं, मुख्यमंत्री ने सड़क सुरक्षा को लेकर गांवों में विशेष जागरूकता अभियान संचालित करने के भी निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अपर पुलिस महानिदेशक यातायात अनुपम कुलश्रेष्ठ ने ट्रैक्टर ट्रॉली से सवारियां ढोने पर 10 हजार रुपये जुर्माने का आदेश जारी कर दिया था।
जागरूक करने के लिए चलाया गया था अभियान
वहीं प्रमुख सचिव परिवहन व परिवहन आयुक्त वेंकटेश्वर लू ने ट्रैक्टर-ट्रॉली से हुए हादसों को लेकर की थी। उन्होंने ट्रॉली के पंजीकरण व उनके मानकों की जांच को लेकर पांच सदस्यीय कमेटी भी बनाई थी। सीएम योगी ने हर ग्राम पंचायत में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता लाने के लिए 15 दिनों में बैठक करने का निर्देश दिया।
इस संबंध में एडीजी ने सभी पुलिस आयुक्त व जिलों के कप्तानों को निर्देश भेजा था कि डीएम से समन्वय स्थापित कर ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव की मदद से लोगों को बताएं की ट्रैक्टर ट्रॉली से यात्रा करना खतरनाक है। सीएम ने पुलिस तथा परिवहन विभाग ने आमजन को सुरक्षित परिवहन साधनों में जागरूक रहने को कहा था। इसके साथ ही सूचना, लोक निर्माण तथा परिवहन विभाग ने इस संबंध में होर्डिंग्स भी लगाए थे।
✒️ *जिस 6 माह के अबोध का मुंडन कराने जा रहा था परिवार, तालाब में वो नहीं मिला,24 हुई मृतकों की संख्या*
कासगंज में जो ट्रैक्टर ट्रॉली तालाब में गिरी उसमें एटा जिले के नगला कसा के महिलाओं और बच्चों सहित 52 लोग सवार थे। इन सभी को बाहर निकाल लिया गया है, लेकिन छह माह का अबोध अभी भी लापता है। उसकी तलाश के लिए तालाब से पानी निकाला जा रहा है, पटियाली-दरियावगंज मार्ग पर ककराला गांव के तालाब में ट्रैक्टर ट्रॉली के दुर्घटना में छह माह बालक अभी लापता है, जिसका मुंडन कराने परिवार के लोग कादरगंज गंगाघाट पर गंगास्नान को जा रहे थे। गौरव निवासी कसा थाना जैथरा जनपद एटा का छह माह का बालक है। दुर्घटना से तालाब में गिरे सभी श्रद्धालुओं को निकाला जा चुका, लेकिन यह अबोध नहीं मिला।उसे पानी में ढूंढने की कोशिशें विफल रहीं। अब दमकल गाड़ी व ट्रैक्टर से पंपसेट लगा तालाब का पानी निकाला जा रहा है जिससे अबोध बालक का शव निकाला जा सके। मौके पर पटियाली के एसडीएम, सीओ, दमकल कर्मी, पुलिस व ग्रामीण जुटे हैं।
‘हम बेहोश हो गए थे,पेट में पानी भर गया…’, मौत के मुंह से निकली रीना ने बताया Kasganj दुर्घटना का भयावह हाल
कसा गांव के सतेंद्र के बेटे के मुंडन संस्कार के साथ ही गंगा स्नान के लिए लोग ट्रैक्टर-ट्रॉली में बैठकर सुबह आठ बजे कादरगंज के लिए निकले थे. ट्रॉली में 47 लोग सवार थे. इनमें महिलाएं और बच्चों की संख्या अधिक थी. ज्यादातर लोग कसा गांव के थे. कुछ लोग खिरिया, रौरी और बनार गांव के थे. लोग गंगा मैया के जयकारे लगाते हुए करीब तीस किलोमीटर का सफर तय कर दरिवयावगंज पहुंच चुके थे.
ट्रैक्टर-ट्रॉली मैनपुरी-बदायूं हाइवे पर पहुंची. सुबह 9 बजकर 45 मिनट पर पटियाली की ओर करीब दो किलोमीटर आगे गड़ैया पुलिया पर संतुलन बिगड़ गया और ट्रैक्टर-ट्रॉली सड़क के बाईं ओर तालाब में पलट गई. 10 से अधिक लोग तालाब किनारे गिर गए. मगर, ज्यादातर लोग तालाब में ट्रॉली के नीचे दब गए. चीख-पुकार सुनकर राहगीर इकट्ठा हुए. ग्रामीणों की भीड़ भी जुटी.
करीब आधा घंटे बाद पुलिस और प्रशासन के अधिकारी पहुंचे. बचाव कार्य शुरू किया गया. जेसबी से ट्रॉली को सीधा किया गया. तालाब में जाल डालने के साथ ही पुलिस, पीएसी और गोताखोर तालाब में उतरे. आसपास के ग्रामीण भी बचाव कार्य में जुटे. चीखपुकार और हाहाकार के बीच डूबे लोगों को निकाल-निकालकर एंबुलेंस से सीएचसी पटियाली भेजा गया. वहां से घायलों को जिला अस्पताल भेजा गया. यह सिलसिला दोपहर बाद तक लगातार चलता रहा.
इस दौरान कुछ गंभीर घायलों को पटियाली सीएचसी से सीधे अलीगढ़ रेफर किया गया. पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे 22 शवों में 13 महिलाओं, 8 बच्चे और एक पुरुष था. अलीगढ़ रेफर किए गए घायलों में से दो बच्चों की मौत की जानकारी मिली है. इस तरह मृतकों की संख्या 24 पहुंच गई. तीस लोग घायल हैं. इनमें से आठ का उपचार जिला अस्पताल में चल रहा है. दस अलीगढ़ रेफर कर दिए गए हैं. जो लोग ट्रॉली पलटते समय तालाब किनारे गिरे थे, उनकी हालत ठीक है.
योगी सरकार के परिजनों से मुलाकात करने के लिए भेजे गए राजस्व राज्य मंत्री अनूप प्रधान ने बताया कि सरकार ने मृतकों के परिजनों को 2 लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है. इस घटना में जो भी (प्रशासन या पुलिस) जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.
‘ट्रॉली में 30-40 लोग होंगे, हम बेहोश हो गए थे’
इस दुर्घटना में मौत के मुंह से निकली रीना बताती हैं, ट्रैक्टर पलट गया था. ट्रैक्टर वाले एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ में थे. ट्रॉली में 30-40 लोग होंगे. हम बेहोश हो गए थे. पेट में पानी भर गया था. पता नहीं, हमें किसने निकाला.
लोगों को रेस्क्यू करने वाले पुलिस कर्मी सुभाष का कहना है कि दो-तीन पुलिस वाले तालाब में उतरे. स्थानीय लोग भी थे. ट्रॉली पलटी हुई थी. सीधी की गई तो उसके नीचे से दो-बच्चे निकाले. और लोग भी लोग थे, जो टायर के नीचे दबे थे. जेसीबी से ट्रैक्टर निकालने के बाद उनको भी निकाला गया।
प्रत्यक्षदर्शी प्रवीण कुमार का कहना है कि तालाब से निकाले गए 25 लोगों में से 15 से 16 डेड बॉडी थीं. सभी को एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया. इस संबंध में एसपी कासगंज एपीडी कौशिक ने बताया कि सुबह हादसे की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची. सभी को तालाब से निकालकर अस्पताल भेजा गया.
उनके अनुसार 14 से 15 लोगों की डेथ हुई है. कमिश्नर अलीगढ़ मंडल का कहना है कि ट्रैक्टर-ट्रॉली में करीब 54 लोग थे. इसमें करीब 22 लोगों की मौत हुई है. कई लोग घायल हैं. उनका इलाज चल रहा है.