मुस्लिम धर्मगुरु कौन थे रामलला प्राण-प्रतिष्ठा में?
कौन हैं रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में पहुंचे ये मुस्लिम धर्मगुरु? जो साधु-संतों के बीच आए नजर और PM मोदी ने किया अभिवादन
Ram Mandir Pran Pratishtha: अयोध्या के राम मंदिर में सोमवार को साढ़े बारह बजे (12 बजकर 29 मिनट) रामलला के नवीन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की गई. गर्भगृह में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के अलावा उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे. इस समारोह में मंदिर के बाहर कई प्रमुख आध्यात्मिक और धार्मिक पंथों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे.
‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह में मुस्लिम धर्मगुरु.’प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह में मुस्लिम धर्मगुरु
अयोध्या ,23 जनवरी 2024। रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सनातन धर्म के अलावा तमाम पंथों के धर्मगुरुओं और प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया था. अयोध्या में आयोजित इस समारोह में वीवीआईपी मेहमानों के बीच एक मुस्लिम धर्मगुरु भी बैठे दिखे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभिवादन करने के दौरान तमाम सुविख्यात हस्तियों के साथ इस मुस्लिम धर्मगुरु को भी अपने स्थान पर खड़े देखा गया. जानिए, आखिर कौन है यह व्यक्तित्व?
अयोध्या राम मंदिर ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह में पहुंचे मुस्लिम धर्मगुरु का नाम डॉक्टर इमाम उमेर अहमद इलियासी है. वह अखिल भारतीय इमाम संगठन ( AIIO) के मुख्य इमाम हैं. डॉक्टर इमाम उमेर अहमद इलियासी को अखिल भारतीय इमाम संगठन भारत के 5 लाख इमामों और करीब 21 करोड़ भारतीय मुसलमानों के धार्मिक और आध्यात्मिक मार्गदर्शक माना जाता है.
समारोह में प्रमुख धार्मिक पंथों के प्रतिनिधियों का अभिवादन करते PM मोदी
डॉक्टर इमाम उमर अहमद इलियासी इमाम संगठन का वैश्विक चेहरा हैं और इसलिए, धर्म, आध्यात्मिकता और अंतरधार्मिक संवाद के सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर संगठन का प्रतिनिधित्व करते हैं. हाल ही में, डॉक्टर इमाम उमर अहमद इलियासी को पंजाब की देश भगत यूनिवर्सिटी ने डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी की उपाधि से सम्मानित किया था. भारत इतिहास में यह पहली बार है कि किसी मस्जिद के इमाम को शिक्षा के सर्वोच्च पद से सम्मानित किया गया.
इमाम इलियासी ने कही दिल छू लेने वाली बात
रामलला की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह में पहुंचे डॉ. इमाम उमेर अहमद इलियासी ने कहा, “यह बदलते भारत की तस्वीर है. आज का भारत नवीन और उत्तम है. मैं यहां पैगाम ए मोहब्तत लेकर आया हूं. हमारे इबादत के तरीके और पूजा पद्धति अलग हो सकती है. हमारी आस्थाएं जरूर अलग हो सकती हैं, लेकिन हमारा सबसे बड़ा धर्म इंसान और इंसानियत का है. आइए, हम सब मिलकर इंसानियत को बरकरार रखें. दूसरी बात यह कि हम सब भारतीय हैं. भारत में रहते हैं, इसलिए हम सबको चाहिए कि हम अपने देश को मजबूत करें. हमारे लिए राष्ट्र सर्वोपरि है. आज का संदेश नफरत को खत्म करने के लिए है. बहुत दुश्मनी हो गई. बहुत लोग मारे गए. बहुत राजनीति हुई. अब हम सबको मिलकर एक होकर भारत और भारतीयता को मजबूत करना है. राष्ट्र सर्वोपरि है. अखंड भारत बनाने की दिशा में हम आगे बढ़ें, यही हमारा पैगाम है. जिस तरह मोदी जी पूरी दुनिया में भारत का नेतृत्व कर रहे हैं, हम भी सब मिलकर अपने राष्ट्र को मजबूत करें.”
डॉक्टर इमाम उमेर अहमद इलियासी.
इस्लामी विद्वानों में से एक इलियासी
विश्व के अधिकांश प्रमुख निकाय इस्लाम और मुसलमानों से जुड़े मसलों के मुद्दों पर मार्गदर्शन के लिए डॉक्टर इमाम उमेर अहमद इलियासी संपर्क करते हैं. डॉक्टर इलियासी न्यायशास्त्र में पारंगत हैं और प्रासंगिक हलकों में उनकी राय प्रामाणिक और भरोसेमंद मानी जाती है. वह उन कुछ इस्लामी विद्वानों में से एक हैं जो उग्रवाद और आतंकवाद, चाहे वह किसी भी रूप में मौजूद हो, पर बहुत स्पष्ट और मुखर रुख रखते हैं.
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा
बता दें कि अयोध्या के राम मंदिर में सोमवार को साढ़े बारह बजे (12 बजकर 29 मिनट) रामलला के नवीन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की गई. गर्भगृह में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के अलावा उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे. इस समारोह में मंदिर के बाहर कई प्रमुख आध्यात्मिक और धार्मिक पंथों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे.
इनमें जैन आचार्य लोकेश, श्री श्री रविशंकर, बाबा रामदेव, आचार्य बालकिशन, मोरारी बापू, स्वामी अवधेशानन्द, स्वामी पुण्डरीक, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, अवेधाशानंद गिरी महाराज और प्रदीप मिश्रा समेत सैकड़ों साधु-संत मौजूद थे. इसके अलावा, मेहमानों में प्रसिद्ध नेता, उद्योगपति, फिल्मी सितारे, कवि, साहित्यकार और खिलाड़ी भी शामिल हुए.
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