यूक्रेन से बिगड़ी,अमेरिका मांग रहा अब तक की मदद के बदले 500 अरब डॉलर के मिनरल,आगे मदद नहीं

Zelensky And Trump: जेलेंस्की को पड़ गए लेने के देने… ट्रंप को मनाने अमेरिका गए थे यूक्रेनी राष्ट्रपति, बहस ने बदल दिया दुनिया का मिजाज
जानकारों की मानें तो, जेलेंस्की का असली मकसद ट्रंप को मनाना था. अमेरिकी प्रेसिडेंट और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हाल के दिनों में नजदीकियां काफी बढ़ गई हैं. फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में जेलेंस्की ने कहा भी कि हम चाहते हैं कि ट्रंप मध्य में रहें. हम यह भी चाहते हैं कि वो हमारे पक्ष में रहें. हालांकि उन्होंने ट्रंप से माफी मांगने से इनकार कर दिया और कहा, ‘मैं राष्ट्रपति का सम्मान करता हूं. मैं अमेरिका के लोगों का भी सम्मान करता हूं. मुझे नहीं लगता कि हमने कुछ गलत किया है.’

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
वॉशिंगटन,01 मार्च 2025,वॉशिंगटन में अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदिमीर जेलेंस्की की हुई मुलाकात इस वक्त पूरी दुनिया की खबरों में है. व्हाइट हाउस में हुई इस वार्ता के दौरान दोनों के बीच तीखी बहस हुई जिसने सभी को हैरान कर दिया. दो देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच इस तरह के मूमेंट एक दुर्लभ दश्य है. पूरे घटनाक्रम के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शुक्रवार रात (28 फरवरी) को फ्लोरिडा के पाम बीच इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचे और वहां से सीधे अपने मार-ए-लागो आवास की ओर रवाना हो गए. वहीं जेलेंस्की ब्रिटेन रवाना चले गए हैं. वह अब लंदन में ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर द्वारा यूक्रेन पर आयोजित एक समिट में शामिल होंगे.

ट्रंप और जेलेंस्की के बीच प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान तीख नोंकझोंक हो गई थी. दरअसल जेलेंस्की मिनरल डील के लिए अमेरिका पहुंचे थे, लेकिन बात बिगड़ जाने से डील भी नहीं हो पाई. ट्रंप ने बीच में ही बातचीत बंद कर दी और जेलेंस्की भी व्हाइट हाउस छोड़कर अपने होटल चले गए. व्हाइट हाउस ने बताया कि जेलेंस्की को जाने के लिए कहा गया था. किसी नामी अधिकारी ने बताया कि बैठक के बाद यूक्रेनी नेता ने दौरे को पटरी पर लाने की कोशिश की, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज और विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने यूक्रेन के अधिकारियों को बताया कि ट्रंप ने जेलेंस्की को तुरंत व्हाइट हाउस छोड़ने को कहा है.

ट्रंप को मनाने आए थे जेलेंस्की

जानकारों की मानें तो, जेलेंस्की का असली मकसद ट्रंप को मनाना था. अमेरिकी प्रेसिडेंट और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हाल के दिनों में नजदीकियां काफी बढ़ गई हैं. फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में जेलेंस्की ने कहा भी कि हम चाहते हैं कि ट्रंप मध्य में रहें. हम यह भी चाहते हैं कि वो हमारे पक्ष में रहें. हालांकि उन्होंने ट्रंप से माफी मांगने से इनकार कर दिया और कहा, ‘मैं राष्ट्रपति का सम्मान करता हूं. मैं अमेरिका के लोगों का भी सम्मान करता हूं. मुझे नहीं लगता कि हमने कुछ गलत किया है.’

उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में हुआ क्या?

दरअसल, राष्ट्रपति ट्रंप पूर्व प्रेसिडेंट जो बाइडेन प्रशासन द्वारा यूक्रेन को दिए गए आर्थिक और सैन्य मदद का मुआवजा मांग रहे हैं. वह चाहते हैं कि बस अमेरिका को किसी तरह उस इन्वेस्टमेंट का रिटर्न मिल जाए. अपने बयानों में वह कई बार कहते सुने जा रहे थे कि दिए गए सपोर्ट के बदले अमेरिका को 500 अरब डॉलर चाहिए, लेकिन 350 अरब डॉलर बात फाइनल करना चाह रहे थे. उन्होंने शर्त भी रखी कि इसके बदले यूक्रेन को कुछ नहीं मिलेगा, सुरक्षा तो कतई नहीं.

बिना सिक्योरिटी गारंटी के बावजूद डील पर साइन करने के लिए जेलेंस्की शुक्रवार को अमेरिका पहुंचे और व्हाइट हाउस में ट्रंप से मुलाकात की. ट्रंप खुद उनके स्वागत में बाहर दरवाजे तक आए. दोनों नेताओं की अच्छी तस्वीर भी आईं. फिर ट्रंप जेलेंस्की और अपने कैबिनेट के साथ प्रेस को संबोधित करने के लिए बैठे. इस दौरान एक पत्रकार ने यूक्रेन की सिक्योरिटी पर सवाल पूछा तो उन्होंने इस मुद्दे पर बात करने से साफ इनकार कर दिया.

सिक्योरिटी के सवाल पर क्या बोले दोनों नेता?

डोनाल्ड ट्रंप ने जवाब में कहा, ‘मैं अभी सुरक्षा के बारे में बात नहीं करना चाहता. मैं चाहता हूं कि बस डील हो जाए. आप भी उसी ट्रैप में फंसे हैं जहां सभी फंसे हैं. आपने भी लाखों बार कहा है. मैं बस डील डन करना चाहता हैं. सिक्योरिटी तो बहुत आसान है. ये तो समस्या का बस दो फीसदी है. मुझे सिक्योरिटी की कोई चिंता नहीं है. यूरोप अपने लोगों को वहां भेजेगा. मुझे पता है फ्रांस, ब्रिटेन और अन्य देश हैं जो (यूक्रेन को सुरक्षा देंगे). हम सिक्योरिटी के लिए कमिटेड नहीं हैं, लेकिन हम संभवत: यह सोच सकते हैं. हमारी सुरक्षा दूसरे तरीके से मिलेगी. हमारे कर्मी वहां होंगे, वे डिगिंग, डिगिंग, डिगिंग करके खनिज निकालकर लाएंगे, और हम इस देश में कुछ अच्छे प्रोडक्ट्स बनाएंगे.’

पत्रकार के सिक्योरिटी के सवाल पर जेलेंस्की ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, “बात अगर सिक्योरिटी गारंटी की है और बात अगर सीजफायर की है तो हम सीजफायर के बारे में बात ही नहीं कर सकते, क्योंकि इसका कभी फायदा नहीं हुआ है. पुतिन ने 25 बार सीजफायर तोड़ा है. तब 2016 में (ट्रंप) राष्ट्रपति थे, तो हम सीजफायर के बारे में बात नहीं कर सकते, बिना सिक्योरिटी गारंटी के इसका कुछ फायदा नहीं होगा.’

किस बात पर भड़क गए ट्रंप?

युद्ध पर रोक लगाने के सिलसिले में रूस-अमेरिका के बीच समझौते को लेकर चल रही बातचीत के सवाल पर जेलेंस्की ने स्पष्ट कर दिया कि ये युद्ध रूस और अमेरिका के बीच नहीं है, बल्कि रूस का ये युद्ध यूक्रेन के खिलाफ है. यूक्रेनियों के बगैर कोई इस युद्ध को नहीं रोक सकता. आगे अगर इस तरह के कोई नेगोशियेशंस होते हैं तो ये समझ आने वाली बात है कि नेगोशियेशन टेबल पर युद्ध के दोनों पक्ष (रूस और यूक्रेन) भी होने चाहिए. अगर पुतिन को नहीं रोका जाता है तो वह किसी और देश पर चढ़ाई करेंगे, हो सकता है कि वह पोलैंड भी जाएं. चूंकि पोलैंड नाटो का सदस्य है, तो जेलेंस्की ने कहा कि फिर इस स्थिति में अमेरिका की सेना भी लड़ रही होगी.

जेलेंस्की की इस बात का ट्रंप को इतना बुरा लगा कि उन्होंने जेलेंस्की पर यह आरोप लगाए कि आप सीजफायर नहीं चाहते हैं, और आप अपने लोगों को मरने देना चाहते हैं. उन्होंने जेलेंस्की पर आगबबूला होते हुए कहा, ‘आप लाखों लोगों की जिंदगी के साथ जुआ खेल रहे हैं. आप तीसरे विश्व युद्ध का जुआ खेल रहे हैं, और आप जो कर रहे हैं, वह देश के लिए बहुत अपमानजनक है, यह देश उससे कहीं ज्यादा है, जिसके बारे में बहुत से लोगों ने कहा कि आपको (जेलेंस्की) धन्यवाद कहना चाहिए.’

ट्रंप ने जारी किया बयान

ट्रंप ने व्हाइट हाउस में जेलेंस्की के साथ हुई बैठक के बाद एक बयान जारी किया. ट्रंप ने कहा कि इस बैठक में कई अहम बातें सामने आईं, जो सामान्य परिस्थितियों में नहीं समझी जा सकती थीं. भावनाओं के उभार में कई सच सामने आए और मुझे पता चल गया है कि राष्ट्रपति जेलेंस्की शांति के लिए तैयार नहीं हैं, जब तक अमेरिका इसमें शामिल है. वह मानते हैं कि अमेरिका की भागीदारी से उन्हें वार्ता में बड़ा फायदा मिलता है, लेकिन मैं कोई फायदा नहीं चाहता, मैं शांति चाहता हूं. उन्होंने अमेरिका का अपमान किया है. जब वह वास्तव में शांति के लिए तैयार होंगे, तभी दोबारा आ सकते हैं.’

कोई ट्रंप तो कोई जेलेंस्की के साथ

ट्रंप और जेलेंस्की की बहस के बाद दुनिया दो धड़ों में बंट गई है. एक पक्ष ट्रंप के साथ खड़ा है जिसमें अमेरिका के लोग और रिपब्लिकन नेता शामिल हैं. वहीं दूसरा पक्ष जेलेंस्की को सही ठहरा रहा है जिसमें कई यूरोपीय देश आते हैं. अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने एक्स पर लिखा, ‘अमेरिकी लोगों के हितों और शांति के लिए खड़े होने में आपके अटूट नेतृत्व के लिए डोनाल्ड ट्रंप को धन्यवाद. आपने जो कहा वह बिल्कुल सच है. जेलेंस्की वर्षों से अमेरिका को रूस के साथ परमाणु युद्ध में खींचने की कोशिश कर रहे हैं. कूटनीति की आवश्यकता के बारे में इतनी सशक्त और स्पष्ट टिप्पणी करने के लिए उपराष्ट्रपति जेडी वेंस को धन्यवाद.’

पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन की पार्टी डेमोक्रेट के प्रतिनिधि एरिक स्वैल्वेल्ल ने जेलेंस्की की तारीफ करते हुए कहा, ‘उस आदमी में हिम्मत है. वह ओवल ऑफिस में गया और रूस के सबसे अच्छे वार्ताकारों से लोहा लिया.’ एक डेमोक्रेटिक सीनेटर ने कहा, ‘ओवल ऑफिस में आज का तमाशा एक राजनीतिक घात और अमेरिकी नेतृत्व की शर्मनाक विफलता है.’ उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति जेलेंस्की और यूक्रेन के लोग अपने जीवन और अस्तित्व के लिए लड़ रहे हैं.’

यूरोप ने किया जेलेंस्की का समर्थन

ट्रंप और जेलेंस्की के बीच तीखी बहस के बाद यूरोप लगभग खुलकर यूक्रेन के समर्थन में आ गया है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, स्वीडन के प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टेरसन और एस्टोनिया के विदेश मंत्री मार्गस त्साहक्ना ने सबसे अहम बयानों में रूस के खिलाफ अपना रुख स्पष्ट किया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शांति की राह में सिर्फ पुतिन की आक्रमण की नीति है जो रोड़ा बन रही है.

वहीं आयरलैंड और लात्विया ने भी यूक्रेन के साथ समर्थन की पुष्टि की. स्पेनिश प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने यूक्रेन को समर्थन का संदेश दिया और पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने यूक्रेनियों के साथ एकजुटता का संदेश दिया. ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने भी जेलेंस्की का समर्थन करते हुए कहा, ‘हम यूक्रेन के साथ स्पष्ट रूप से खड़े हैं क्योंकि हम इसे अंतरराष्ट्रीय कानून को कायम रखने के लिए संघर्ष के रूप में मानते हैं.’

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