कांग्रेस संयुक्त कोषाध्यक्ष मिलिंद देवड़ा शिंदे शिव सेना में
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राहुल गांधी के करीबी मिलिंद देवड़ा ने क्यों दिया त्यागपत्र? उद्धव ठाकरे कैसे जिम्मेदार? जानें
राहुल गांधी के करीबी नेता मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस पार्टी से त्यागपत्र दे दिया है। इसके पीछे का कारण उद्धव ठाकरे की पार्टी का दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट पर दावा न छोड़ना रहा । लोकसभा चुनाव में टिकट पाने को देवड़ा एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल हो गए हैं। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता जयराम रमेश ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी की न्याय यात्रा धूमिल करने को इस ज्वाइनिंग की तारीख स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तय की है।
मुख्य बिंदु
कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस पार्टी से दिया त्यागपत्र
दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट पर उद्धव सेना के दावे से थे नाराज
एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना में हुए शामिल
मुंबई 14 जनवरी: कांग्रेस से नाराज चल रहे दक्षिण मुंबई के पूर्व सांसद मिलिंद देवड़ा (Milind Deora) ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि राहुल गांधी के करीबी मिलिंद देवड़ा ने यह कदम क्यों उठाया? दिलचस्प बात यह है कि मिलिंद देवड़ा का त्यागपत्र तब आया है जब कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी मणिपुर से अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू की। यात्रा 15 राज्यों के 100 लोकसभा क्षेत्रों से गुजरेगी। दरअसल कांग्रेस ने पिछले दिनों देवड़ा को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का संयुक्त कोषाध्यक्ष नियुक्त किया था। इसके बावजूद उनका त्यागपत्र सवाल खड़े कर रहा है।
देवेड़ा ने चुनावी कारणों से छोड़ी कांग्रेस
चर्चा है कि दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट पर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के दावे के चलते देवड़ा ने यह कदम उठाया। दरअसल मोदी लहर के चलते 2014 के लोकसभा चुनाव में मिलिंद दक्षिण मुंबई लोकसभा क्षेत्र से चुनाव हार गए थे। फिर 2019 के चुनाव में भी उनकी हार हुई। दोनों बार उन्हें हार भाजपा-शिवसेना गठबंधन के उम्मीदवार अरविंद सावंत से मिली। इस साल अप्रैल-मई के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस I.N.D.I.A. गठबंधन का हिस्सा है।
उद्धव ठाकरे दक्षिण मुंबई लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र छोड़ने को तैयार नहीं है। ऐसे में मिलिंद को दूसरी सीट तलाश करनी पड़ती, जो कांग्रेस में पूरी होती दिखाई नहीं दे रही थी। ऐसे में मिलिंद ने दूसरी राह पर चलने का मन बनाया । पहले माना जा रहा था कि मिलिंद BJP में भी शामिल हो सकते हैं लेकिन दक्षिण मुंबई लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र शिंदे सेना के पास जा रही है। ऐसे में मिलिंद ने शिंदे सेना में शामिल होने का मन बनाया ।
राहुल गांधी के बेहद करीबी थे मिलिंद
मिलिंद कभी राहुल गांधी के बेहद करीबी थे। महाराष्ट्र की राजनीति में देवड़ा परिवार की अलग ही पहचान है। इस परिवार का कोई न कोई सदस्य दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट से पिछले चार दशकों से चुनाव लड़ता आ रहा है। मिलिंद देवड़ा दो बार सांसद रह चुके हैं। उनके पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली देवड़ा भी चार बार इसी क्षेत्र के सांसद चुने गए थे। यह सीट देवड़ा परिवार की परंपरागत सीट रही है इसलिए मिलिंद उसे कांग्रेस के कोटे में चाहते हैं। मगर,उद्धव सेना इसे छोड़ने को तैयार नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, सीट बंटवारे को लेकर मिलिंद देवड़ा कांग्रेस और I.N.D.I.A. से नाराज थे। उनकी नाराजगी का प्रमुख कारण था कि कांग्रेस नेताओं ने उद्धव के सामने अपना पक्ष मजबूती से नहीं रखा।
As my valued voters, supporters & well-wishers, it is my duty to explain why I have chosen to depart from @INCIndia & align myself with @Shivsenaofc under the leadership of @mieknathshinde Ji. pic.twitter.com/Dj575Z1t8P
— Milind Deora | मिलिंद देवरा ☮️ (@milinddeora) January 14, 2024
“कांग्रेस अब उद्योगपतियों को निशाना बनाती है”: मिलिंद देवड़ा का राहुल गांधी पर हमला
पूर्व केंद्रीय मंत्री देवड़ा ने कांग्रेस छोड़ने का कारण X पर लिखा है। उन्होंने कहा कि 30 साल पहले जब मनमोहन सिंह वित्त मंत्री थे, तब कांग्रेस पार्टी ने आर्थिक सुधारों की शुरुआत की थी, लेकिन अब वह उद्योगपतियों और व्यापारियों को गाली दे रही है और उन्हें राष्ट्र-विरोधी कह रही है. उन्होंने किसी नाम का उल्लेख नहीं किया लेकिन साफ़ है कि उद्यमियों पर हमेशा हमलावर राहुल गांधी ही उनके निशाने पर थे।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ में सभा संबोधित करते हुए देवड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पास देश के विकास को एक दृष्टिकोण है. उन्होंने शिंदे को ऐसा मुख्यमंत्री बताया, जिन तक पहुंच बहुत आसान है.
“कांग्रेस ने मेरे रचनात्मक सुझावों पर नहीं दिया ध्यान”
देवड़ा ने शिंदे की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘मैं एक बात बताना चाहता हूं, जब कांग्रेस कठिन दौर से गुजर रही थी तब मैं उसके प्रति वफादार था. मैं 2004 में कांग्रेस में शामिल हुआ. अगर कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) ने रचनात्मक सुझावों और योग्यता पर ध्यान केंद्रित किया होता, तो हम यहां नहीं बैठे नहीं होते.” शिंदे ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ जून 2022 में बगावत कर दी थी, जिससे शिवसेना विभाजित हो गई.
कांग्रेस नेतृत्व पर हमला बोलते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद मैंने हमेशा से बड़े सुधारों की बात और जवाबदेही की बात कही थी. 2019 की हार के बाद मैंने मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष पद छोड़ दिया था. भले ही मुझे चुनाव से महीनाभर पहले ही नियुक्त किया गया था. मेरा मानना था कि अगर मैं त्याग कर सकता हूं तो मुझे इसे मांगने का भी अधिकार है.
कांग्रेस में अब पुरानी बात नहीं रही: मिलिंद देवड़ा
कांग्रेस पार्टी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि जिस कांग्रेस पार्टी में 1968 में मेरे पिता और 2004 मैं शामिल हुआ था. अफसोस कि वो कांग्रेस पार्टी अब नहीं है. यह पार्टी अपनी विचारधारा से भटक गयी है. इसमें ईमानदारी और रचनात्मक आलोचना को कोई जगह नहीं. साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी से 55 साल के राजनीतिक रिश्तों के बाद अलग होने का फैसला कठिन था. मैं ऐसे नेता के साथ काम करना चाहता हूं जो रचनात्मक विचारों को महत्व दे.