भारत के वक्फ संशोधन कानून को पाकिस्तानी विशेषज्ञ क्यों बता रहे सही?
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वक्फ बोर्ड सच में माफिया… मोदी सरकार के कानून को पाकिस्तानी विशेषज्ञ का समर्थन,बताया पाकिस्तान का हाल
मोदी सरकार के वक्फ संशोधन विधेयक पर भारत में तो खूब बहस हो ही रही है, पाकिस्तान में भी इस पर चर्चा छिड़ी हुई है। पाकिस्तान में इस बात को लेकर चर्चा हो रही है कि क्या मोदी सरकार का वक्फ कानून सही है। कमर चीमा ने इस पर अलग प्रतिक्रिया दी है।
मोदी सरकार के वक्फ बिल पर बोले पाकिस्तानी एक्सपर्ट डाक्टर कमर चीमा ने वक्फ संशोधन विधेयक को बताया सही कदम
वक्फ बोर्ड माफिया वाले बयान का भी किया समर्थन
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भारत के वक्फ बिल पर पाकिस्तान में भी चर्चा हो रही है
इस्लामाबाद07 अप्रैल2025: मोदी सरकार के वक्फ संशोधन विधेयक पर राष्ट्रपति ने हस्ताक्षर कर दिए हैं, जिसके बाद यह कानून बन चुका है। संसद से पास होने के पहले और बाद में विधेयक को लेकर खूब चर्चा हुई। वक्फ बिल को लेकर बहस सिर्फ भारत में ही नहीं चली, बल्कि पड़ोसी पाकिस्तान भी इससे अछूता नहीं है। पाकिस्तान मेन स्ट्रीम मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक में भारत के वक्फ बिल पर खूब चर्चा चली। लेकिन पाकिस्तान के एक्सपर्ट डाक्टर कमर चीमा ने इस बिल को लेकर जो राय रखी है वो जरा हटकर है।
डाक्टर कमर चीमा ने भारत के वक्फ कानून के बारे में कहा कि उनका मानना है कि मोदी सरकार जो कर रही है वह ठीक है। उन्होंने कहा कि ‘मोदी सरकार कह रही है कि वह वक्फ संपत्तियों का डिजिटलाइजेशन करना चाहती है, ट्रांसपेरेंसी लाना चाहती है। ये कोई बुरी चीज तो नहीं है।’ चीमा ने कानून में अवैध अतिक्रमण रोकने के लिए लाए गए प्रावधानों का समर्थन किया और कहा कि मुस्लिमों को खुद इस बात का समर्थन करना चाहिए।
सरकारी नियंत्रण को बताया सही कदम
चीमा ने आगे कहा कि दरगाह और मस्जिदें बहुत चीजों का गलत इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने पाकिस्तान का हवाला देते हुए बताया कि मस्जिदों के गलत इस्तेमाल पर पाकिस्तान में भी ऐक्शन होता रहा है। साथ ही यह भी कहा कि दरगाह और मस्जिदें कानून से ही संचालित होनी चाहिए। इन्हें बेलगाम नहीं छोड़ा जा सकता है।
‘वक्फ माफिया’ वाले बयान का समर्थन
पाकिस्तानी एक्सपर्ट ने वक्फ माफिया वाले बयान को दुरुस्त बताया और कहा कि मोदी सरकार ने कोई गलत बात नहीं कही है। भारत में 50000 वक्फ संपत्तियों के विवादित होने पर हैरानी जताई और कहा कि इन संस्थाओं में बैठे लोग अपनी मनमानी चलाना चाहते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या वक्फ ने अपने अंदर कोई रिफॉर्म करने की कोशिश की? अगर आप खुद सुधार नहीं करते हैं तो आपको ऐक्शन की जद में आना होगा।
पाकिस्तान का दिया उदाहरण
चीमा ने पाकिस्तान का उदाहरण दिया और बताया कि बहुत सारे मुस्लिम धार्मिक संस्थान सरकार के अंदर जाने से बचाने के लिए सारी जुगत लगाते हैं। इससे यहां आने वाले पैसे पर उनका कंट्रोल बना रहता है और लूट चलती रहती है। उन्होंने सवाल पूछा कि क्या मुसलमानों को धार्मिक संस्थाओं में भ्रष्टाचार करना सही बात है? वक्फ के नाम पर बहुत सारे फर्जी दावे कर दिए जाते हैं। ये कहां तक सही है? उन्होंने कहा कि ‘मोदी सरकार के पास बहुमत है और वे जो करना चाहेंगे, करेंगे। ये हर सरकार का हक है। आप कुछ नहीं कर सकते।’
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वक्फ कानून में बदलाव मुस्लिम विरोधी, बढ़ेगा तनाव… भारतीय संसद में बिल पेश होने पर क्या बोला पाकिस्तान, कतर, UAE का मीडिया
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया। रिजिजू ने बताया कि राज्यों के अल्पसंख्यक कमीशन और धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों से बातचीत के बाद ये बिल लाया गया है। इससे पहले लोकसभा में बुधवार को वक्फ बिल पास हो गया है।
वक्फ संशोधन बिल, 2025 पर पाकिस्तान से लेकर अरब देशों तक की मीडिया की नजर है।
पाकिस्तान की वेबसाइट जियो न्यूज ने कहा है कि भारत सरकार वक्फ कानून बदल रही है। इससे वक्फ की जमीन के प्रबंधन में बड़ा बदलाव आएगा। इससे सरकार और अल्पसंख्यक मुसलमानों में तनाव बढ़ने की संभावना है। नरेंद्र मोदी की सरकार के वक्फ (संशोधन) विधेयक में केंद्रीय वक्फ परिषद और वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम सदस्य शामिल करने का प्रस्ताव है। यह सरकार को विवादित वक्फ संपत्तियों के स्वामित्व का निर्धारण करने में सक्षम बनाएगा। विपक्षी सांसदों और इस्लामी समूहों ने इसे मुसलमानों के स्वामित्व वाली संपत्तियों को संविधान में उनके संपत्ति अधिकार कमजोर करने की योजना के रूप में देखा है।
खाड़ी देशों से भी आया रिएक्शन
कतर से संचालित खाड़ी देशों के बड़े मीडिया नेटवर्क अल जजीरा ने वक्फ बिल विवादित बताया है। उसकी रिपोर्ट कहती है कि लोकसभा में नरेंद्र मोदी सरकार का विवादास्पद विधेयक मंजूर हो गया है। बिल में 14 अरब डॉलर से ज्यादा कीमत वाली मुस्लिम संपत्तियों से जुड़े कानूनों में संशोधन करने का प्रावधान है।
अल जजीरा के अनुसार बिल पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का तर्क है कि 1995 के वक्फ कानून में बदलाव भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन से लड़ने में मदद करेंगें और विविधता को बढ़ावा देंगे। दूसरी ओर मुसलमानों को डर है कि इससे वक्फ संपत्तियां- ऐतिहासिक मस्जिदें,दुकानें,दरगाह,कब्रिस्तान और हजारों एकड़ जमीन पर कब्जा और हमले बढ़ जाएंगे।
यूएई के गल्फ न्यूज ने वक्फ बिल पर लोकसभा में 12 घंटे चली बहस का जिक्र करते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के बयान का जिक्र किया है,जिसमें उन्होंने मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने के आरोप खारिज किये हैं। गल्फ न्यूज ने ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल अध्यक्ष सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती का भी जिक्र है,उन्होंने कहा है कि ये विधेयक मुस्लिमों की धार्मिक संपत्तियां जब्त करने को है। रिपोर्ट समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, कांग्रेस नेता राशिद अल्वी समेत कई नेताओं के बयानों का जिक्र है।