विपक्षी सहयोग बिना पारित नहीं हो सकता ‘एक देश,एक चुनाव’ संविधान संशोधन विधेयक

one nation one election bill did not get majority in lok sabha these bjp mps are absent party will send notice

One Nation One election Bill: व्हीप जारी करने के भी सदन से गायब रहे 20 भाजपा सांसद, नोटिस भेजने की तैयारी में पार्टी

बताया जा रहा है कि एनडीए के सांसदों में जगदंबिका पाल, शांतुनु ठाकुर, बीएस राघवेंद्र, गिरीराज सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, विजय बघेल, भागीरथ चौधरी (मंत्री हैं और पीएम के प्रोग्राम में जयपुर में थे) उदयराजे भोंसले, जयंत कुमार रॉय, जगन्नाथ सरकार संसद में मौजूद नहीं थे. पार्टी सूत्रों की मानें तो इन सांसदों को नोटिस भेजा गया है

बिल के लिए चाहिए दो तिहाई बहुमत जो मिलना चुनौतीपूर्ण है.

बिल को जेपीसी में भेजा गया है.

नई दिल्ली 22 दिसंबर 2024। एक देश एक चुनाव (One Nation One election) पर लोकसभा वोटिंग हुई. वोटिंग के बाद सामने आये नंबर ने विपक्ष को उत्साहित कर दिया. भाजपा और उनके गठबंधन एनडीए ने सभी सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी किया था. इसके बावजूद 20 सांसद बिल लाने के समय गायब थे .

बिल पर वोटिंग हुई तो पक्ष में 269 वोट पड़े, जबकि बिल के विरोध में विपक्ष के 198 सांसद थे. संसद में बहुमत का नंबर है 272 है.  एनडीए के सांसदों में जगदंबिका पाल, शांतुनु ठाकुर, बीएस राघवेंद्र, गिरीराज सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, विजय बघेल, भागीरथ चौधरी (मंत्री और प्रधानमंत्री  के प्रोग्राम में जयपुर में थे) उदयराजे भोंसले, जयंत कुमार रॉय, जगन्नाथ सरकार संसद में नहीं थे. पार्टी ने इन सांसदों को नोटिस भेजा  है.

सरकार की चाबी राहुल गांधी के हाथों में?
देखें तो 2014 से 2024 के चुनाव तक मोदी सरकार को संसद में कभी बहुमत का टोटा नहीं रहा. सरकार ने जब जो चाहा पास कराया. जगन मोहन रेड्डी, नवीन पटनायक जैसे नॉन एनडीए पार्टियों ने सरकारी एजेंडा पूरा कराने में खूब मदद की. 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद देश की राजनीति ऐसी पलटी कि सरकार का दमखम चंद्रबाबू नायडू, नीतीश कुमार की बैसाखियों पर टिक गया. अब जो हुआ है उसमें चंद्रबाबू और नीतीश कुमार भी सरकार बचा नहीं पाएंगे. सरकार की चाबी आ गई है विपक्ष के नेता राहुल गांधी के हाथ.

वोटिंग का स्क्रीन शॉट भी हुआ वायरल
लोकसभा में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने वन नेशन वन इलेक्शन वाला संविधान संशोधन बिल रखा दिया. कांग्रेस से लेकर तमाम विरोधी पार्टियों ने बिल का खुला विरोध किया. शिवसेना और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) जैसे एनडीए के घटक दल खुलकर बिल के पक्ष में आए. स्पीकर ओम बिरला ने वोटिंग कराई तो सरकार के दमखम की पोल खुल गई.

लोकसभा में वोटिंग हो रही थी तब संसद टीवी से पूरे देश ने देखा कि वन नेशन वन इलेक्शन के पक्ष में कितने सांसद हैं, कितने विरोध में. सोशल मीडिया पर वायरल उसी वोटिंग के स्क्रीन शॉट में सरकार के नंबर का पोल खुल गई. कांग्रेस सांसद मणिक्कम टैगोर ने स्क्रीन शॉट वायरल कर लिखा ये तो हाल है, कहां से पास कराएंगे वन नेशन वन इलेक्शन बिल. हालांकि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग के बाद पर्चे से मतदान हुआ और तब जाकर बिल लोकसभा में पेश हो सका.

ध्यान देने वाली बात है कि देशभर में एक साथ चुनाव कराए जाने को लेकर पिछले साल सितंबर में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में कमेटी बनी थी जिसकी रिपोर्ट इसी साल सितंबर में मोदी कैबिनेट ने स्वीकारी थी. रिपोर्ट में लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा और पंचायत चुनाव एक साथ कराने को लेकर सुझाव हैं.
अब आगे क्या होगा?
माना जा रहा है कि सत्ता पक्ष के सांसदों ने वोटिंग में ये सोचकर जोश नहीं दिखाया कि बिल जेपीसी में जा ही रहा है. अभी कौन सा पास होने वाला है. सरकार की ओर से वोटिंग में प्रधानमंत्री  मोदी, नितिन गडकरी जैसे सांसद तक नहीं थे. विपक्ष से राहुल गांधी ने भी वोट नहीं डाला. सरकार तो जैसे इंतजार कर रही थी कि कोई मांग कर दे कि बिल जेपीसी यानी ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी में भेजा जाए. विपक्ष से जैसे ही मांग उठी, अमित शाह मान गए. कहा कि बिल कैबिनेट में आया था, तभी प्रधानमंत्री  नरेन्द्र भाई मोदी ने कहा था कि इसे संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजना चाहिए.

तो क्या पास हो पाएगा ये बिल?
सवाल ये है कि ये बिल लोकसभा और राज्यसभा में पास हो पाएगा? फिलहाल जो सामने दिख रहा है उसे देखकर तो लगता है कि विपक्ष की मदद बिना सरकार के लिए वन नेशन वन इलेक्शन बिल पास कराना मुश्किल होगा. बिल पास कराने को सरकार के पास न लोकसभा में बहुमत है, न राज्यसभा में. सरकार में बने रहने को लोकसभा, राज्यसभा में बहुमत है, लेकिन वन नेशन वन इलेक्शन जैसा संविधान संशोधन बिल पास कराने को सरकार के पास नंबर नहीं दिख रहा है.

272 वोटों से काम नहीं चलेगा. लोकसभा में 362 वोटों की जरूरत पड़ेगी. 543 में से दो तिहाई सांसदों ने पक्ष में वोट नहीं दिया तो बिल पास नहीं होगा. राज्यसभा में सरकार को 164 वोटों की जरूरत पड़ेगी. दोनों ही सदनों में सरकार के पास इतनी ताकत नहीं है. बिल का विरोध कर रहे विपक्ष के पास लोकसभा में 205 और राज्यसभा में 85 सांसद हैं.
जब वन नेशन बिल आया और वोटिंग हो रही थी तब विपक्ष के नेता राहुल गांधी संसद में नहीं थे. सबसे मेगा प्रोजेक्ट के नंबर गेम में सरकार कमजोर पड़ी तो विपक्ष के तेवर मनीष तिवारी, गौरव गोगोई, धर्मेंद्र यादव ने साफ कर दिये कि असंवैधानिक बिल है जो चुनाव आयोग को अवैध अधिकार देने को लाया गया है.

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *