ओड़िशा रेल दुर्घटना: न आईकार्ड,न परिजनों को पता,सारथी एप ने ढूंढें 185 पीड़ित

How Sanchar Saathi Portal Helps To Identify 185 Crash Victims In Odisha Train Accident

ओडिशा ट्रेन दुर्घटना : कोई आईकार्ड नहीं, घरवाले भी थे अनजान, इस पोर्टल से हुई 185 पीड़ितों की पहचान

पिछले महीने लॉन्च हुए टेलिकॉम मिनिस्ट्री के एक पोर्टल ने ओडिशा ट्रेन दुर्घटना के पीड़ितों की पहचान में बड़ी भूमिका निभाई। खोए हुए मोबाइल फोन को ट्रैक करने के लिए बने पोर्टल संचार साथी की मदद से 185 पीड़ितों की पहचान हुई।

हाइलाइट्स
संचार साथी पोर्टल ने की ओडिशा ट्रेन दुर्घटना के 185 पीड़ितों की पहचान में मदद
चेहरा पहचानने की तकनीक से पीड़ितों को मोबाइल नंबर लिया और पोर्टल से खोजा डीटेल
ओडिशा ट्रेन दुर्घटना में 288 लोगों की हुई मौत, 1100 से ज्यादा यात्री हुए घायल 

नई दिल्ली 08 जून : ओडिशा के बालासोर ट्रेन दुर्घटना के बाद वहां का दृश्य बहुत डरावना था। जगह-जगह खून से पटरियां लाल थीं। शव का ढेर लगा था। घायलों की चीख-पुकार मची थी। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी था। कई घायल गंभीर रूप से घायल थे जो कुछ भी बोल पाने की स्थिति में नहीं थे। तमाम घायलों के परिजन इस बाद से अनजान थे कि उनका कोई अपना ट्रेन दुर्घटना में घायल है। ऐसे में पीड़ितों के परिजनों तक दुर्घटना के बारे में सूचना पहुंचाना अपने आप में बड़ी चुनौती थी। न कोई आधार कार्ड, न ही कोई दूसरा आईकार्ड। उनकी पहचान हो तो कैसे। इन सबके बीच भारत सरकार के एक पोर्टल ने बड़ा काम किया। वैसे तो ये पोर्टल खोए हुए मोबाइल फोन को ट्रैक करने के लिए बना है लेकिन इसने कम से कम 185 पीड़ितों की पहचान में मदद की। घटना में जान गंवाने वाले 64 लोगों की पहचान भी इसी पोर्टल से हुई।

लोगों के खोए हुए मोबाइल फोन को ट्रैक करने और उसे ब्लॉक करने के लिए बने संचार साथी पोर्टल ने राहत और बचाव के काम के वक्त रेलवे और अन्य सरकारी एजेंसियों की बहुत बड़ी मदद की। टेलिकॉम मिनिस्ट्री के एक वरिष्ठ अधिकारी ने  बताया कि पीड़ितों की पहचान करने और उनका मोबाइल नंबर जानने के लिए चेहरा पहचान करने की तकनीक का इस्तेमाल किया गया।

अधिकारी ने बताया, ‘एक बार जब सिस्टम में मोबाइल नंबर फीड किया गया तो हमें उन यात्रियों के नाम, पता और दूसरे कॉन्टैक्ट नंबरों के बारे में जानकारी मिल गईं जिन्होंने दुर्घटना में जान गंवाई थी और उनके परिजन इससे अनजान थे।’

अधिकारी ने बताया कि जिन 100 शवों की पहचान नहीं हो पाई थी उनमें से 64 की पहचान करने में पोर्टल ने मदद की। इस वजह से इनमें से 48 यात्रियों के परिजनों को जानकारी दी जा सकती। संचार साथी पोर्टल को रेलवे और टेलिकॉम मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने पिछले महीने ही लॉन्च किया था।

2 जून को ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन दुर्घटना में 288 लोगों की मौत हुई थी। हादसा तब हुआ जब बहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास कोरोमंडल एक्सप्रेस मैन लाइन के बजाय लूप लाइन में चली गई और उसके 21 डिब्बे बेपटरी हो गए। ये डिब्बे बगल से गुजर रही बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस से टकरा गईं। पास में एक मालगाड़ी भी खड़ी थी। इस तरह इस दुर्घटना में तीन ट्रेनें शामिल थीं। ये भारत में अबतक के सबसे भीषण दुर्घटनाओं में से एक थी जिसमें 288 लोगों की मौत हुई और 1175 लोग घायल हुए।

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