पहलवानों के पीछे पैसा,परिवार,जातिवाद और राजनीति: बृजभूषण शरण
Sports WrestlingWill Not Resign From Wrestling Federation As A Criminal Said Brij Bhushan Sharan Singh
Wrestler Protest: इस्तीफा बड़ी चीज नहीं है लेकिन… प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के आरोप पर क्या-क्या बोले बृजभूषण शरण सिंह
बृजभूषण शरण सिंह
Wrestler Protest: भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का कहना है कि वह अपराधी बनकर अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे। उन्होंने साफ कर दिया है कि पूरी तरफ निर्दोष हैं और जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं।
गोंडा 29 अप्रैल: धरने पर बैठे पहलवानों के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि इस्तीफा देना उनके लिए कोई बहुत बड़ी बात नहीं है, किन्तु वह अपराधी बनकर इस्तीफा नहीं देंगे। महिला पहलवानों के बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के संबंध में दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को दो प्राथमिकी दर्ज कीं। विश्नोहरपुर स्थित अपने आवास पर मीडिया से बातचीत में बृजभूषण ने कहा,‘मैं पूरी तरह से निर्दोष हूं । मुझे सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली पुलिस पर पूरा भरोसा है। मैं हर तरह की जांच का सामना करने को तैयार हूं।’
उन्होंने कहा, ‘भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना मेरे लिए कोई बहुत बड़ी चीज नहीं है, लेकिन मैं अपराधी बनकर इस्तीफा नहीं दूंगा। मैं अपराधी नहीं हूं। इस्तीफा देने का मतलब है कि मैंने इनके आरोपों को स्वीकार कर लिया है।’
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बृजभूषण के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर में धरने पर बैठे पहलवानों से शनिवार को मुलाकात कर उनके प्रति समर्थन जताया और आरोप लगाया कि केंद्र सरकार एक बाहुबली एवं माफिया के सामने नतमस्तक हो गई है। इस पर बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, ‘आज दिखाई पड़ गया कि इस पूरे विवाद के पीछे किसका हाथ है। मैं शुरू से कह रहा हूं कि इसमें एक उद्योगपति और कांग्रेस का हाथ है। इन्हें मुझसे कष्ट है। जब मेरे खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हो गई तो अब पहलवान क्यों धरने पर बैठे हैं? वे लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और खेल मंत्रालय के खिलाफ क्यों बोल रहे हैं? यह खिलाड़ियों का धरना नहीं, षड्यंत्रकारियों का धरना है। हम बहाना हैं, निशाना हमारे ऊपर कहीं है।’
बृजभूषण ने कहा , ‘महिला पहलवानों की सभी मांगें मान ली गई हैं। मेरे खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है, फिर भी वे धरने पर बैठे हैं। क्यों?’
उन्होंने कहा कि उनका कार्यकाल पूरा हो चुका है और महासंघ के अध्यक्ष के चुनाव के साथ अपने आप ही इस्तीफा हो जाएगा। नए चुनाव तक वह सिर्फ कार्यवाहक की भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने सवाल दागा कि यदि वे पिछले 12 साल से खिलाड़ियों का यौन शोषण कर रहे थे, तो वे आज तक कभी पुलिस स्टेशन, फेडरेशन अथवा सरकार के पास शिकायत लेकर क्यों नहीं गए?सीधा जंतर-मंतर पर धरना देने क्यों पहुंच गए।
पहलवानों के धरना प्रदर्शन को राजनीति प्रेरित षड्यंत्र बताते हुए भाजपा सांसद के अनुसार उन्होंने जांच समिति को एक ऑडियो सौंपा है, जिसमें एक व्यक्ति किसी से कह रहा है कि एक लड़की की व्यवस्था कर दो, उसे (बृजभूषण को) फंसाने को। बृजभूषण ने दावा किया कि पूरे हरियाणा और उत्तर प्रदेश के अखाडे उनके साथ है और सिर्फ एक परिवार का अखाड़ा ही उनके खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि आरोप 14 साल से यौन शोषण का है और आंदोलन तब हो रहा है जब कुश्ती में नियम बदले कि पहलवान अपने ही राज्य से लडेगा, अंतरराष्ट्रीय पहलवानों को भी नेशनल खेलना होगा आदि। अब तक हो ये रहा था कि टीम किसी राज्य की हो, पहलवान हरियाणा के ही होते रहे हैं।
इस्तीफा बड़ी चीज नहीं पर अपराधी बनकर नहीं दूंगा, पूरे विवाद के पीछे कांग्रेस… पर बिफरे Brijbhushan sharan Singh
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सरकारी अधिकारी पहलवान बैठे धरने पर, क्या कहते हैं कानून
डब्ल्यूएफआई चीफ बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जंतर-मंतर पर प्रदर्शनकारी रेसलर्स ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। ओलिंपिक मेडलिस्ट बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक जैसे बड़े पहलवान प्रदर्शन को लीड कर रहे हैं। कई सीनियर रेसलर्स प्रोटेस्ट का हिस्सा हैं। इनमें से कई सरकार के नौकर हैं। कोई रेलवे में काम करता है तो कोई किसी अन्य विभाग में। मंच से वे लगातार सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। क्या सरकारी कर्मचारी का ऐसा करना सही है? क्या सरकार चाहे तो इनके खिलाफ एक्शन ले सकती है? नियम तो कहते हैं कि सरकारी कर्मचारी धरना-प्रदर्शन नहीं कर सकता। ऐसा करने पर कार्रवाई का प्रावधान भी है। आइए जानते हैं कि सरकारी कर्मचारियों के लिए प्रोटेस्ट से जुड़े नियम क्या हैं और क्या इन पहलवानों के खिलाफ एक्शन हो सकता है।
बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट हैं सरकारी ऑफिसर
बता दें कि बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट तीनों सरकारी ऑफिसर हैं। तीनों ही पहलवान रेलवे के लिए काम करते हैं। गवर्नमेंट जॉब से इनको बेनिफिट भी काफी हैं। लेकिन अब आज यही अफसर जंतर-मंतर पर धरना दे बैठे हैं। तो क्या इन सरकारी अफसरों को धरना के समय की सैलरी मिलेगी? कायदे से देखें तो अगर कोई भी एम्पलॉई अपनी नौकरी में काम पर नहीं आता तो उस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होती है। खैर यह तो भविष्य ही बताएगा कि धरने पर बैठे इन रेसलर्स को सैलरी मिलेगी या नहीं। कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृज भूषण सिंह के खिलाफ 2 एफआईआर भी हो चुकी। ऐसे में दिल्ली पुलिस प्रदर्शनकारी पहलवानों को जंतर-मंतर पर से हटाना चाहती है। लेकिन पहलवानों ने पहले ही कह दिया था कि जब तक बृज भूषण की गिरफ्तारी नहीं होगी तब तक वह धरने पर बैठे रहेंगे।
क्या धरना-प्रदर्शन कर सकते हैं सरकारी कर्मचारी?
सेंट्रल सिविल सर्विसिज (कंडक्ट) रूल्स, 1964 के अनुसार, कोई सरकारी कर्मचारी किसी तरह की हड़ताल में हिस्सा नहीं ले सकता। अगर कोई कर्मचारी किसी धरना-प्रदर्शन या हड़ताल में हिस्सा लेता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। डिपार्टमेट ऑफ ट्रेनिंग एंड पर्सोनल (DoPT) ने पिछले महीने एक ऑर्डर में कहा था कि किसी भी तरह की हड़ताल, सामूहिक छुट्टी, धरना प्रदर्शन इत्यादि CCS (कंडस्ट), रूल्स, 1964 के नियम 7 का उल्लंघन हैं। सरकार की आलोचना भी नियमों का उल्लंघन है। कई एथलीट्स रेलवे के कर्मचारी हैं, उसका भी नियम कहता है है कि ऑफिस आवर्स में धरना नहीं दे सकते।
धरने पर बैठे पहलवानों पर बृज भूषण ने साधा निशाना
बृज भूषण ने हाल ही में हुई प्रेस कॉनफ्रेंस में कहा कि, ‘धरने पर बैठे पहलवानों की डिमांड रोजाना बदल रही है। इन्हीं कहने पर जांच कमिटी बनी। इनके कहने पर जिसे शामिल नहीं करना चाहिए था, उसे भी शामिल किया। मैंने आपत्ति नहीं की। 12 साल से केवल हरियाणा के खिलाड़ियों के साथ यौन शोषण हो रहा है. देश के अन्य राज्यों के खिलाड़ियों को परेशानी नहीं हो रही है। हरियाणा के 90 प्रतिशत खिलाड़ी हमारे साथ हैं। 12 साल में एक अखाड़ा और एक फैमिली है। ये कभी पुलिस स्टेशन, और फेडरेशन में शिकायत लेकर नहीं गए। ये जो आज धरने पर बैठे हैं, जो इन्होंने शादी में क्यों बुलाया। मेरे साथ फोटो क्यों लेते थे। मैं संवैधानिक पद पर हूं। मामला सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली पुलिस के हाथ में है।’ बहरहाल, अब आगे यह देखना बहुत महत्वपूर्ण होगा कि यह पहलवानों का धरना आगे कौन सा मोड़ लेता है।
Wrestlers Protest Wfi Chief Brij Bhooshan Press Confrence Statement
एक ही अखाड़ा एक ही परिवार मेरे पीछे पड़ा है… बृज भूषण ने धरने पर बैठे पहलवानों पर साधा निशाना
अब बृज भूषण ने इस पूरे मामले को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एक ही परिवार मेरे पीछे पड़ा है।
बृज भूषण ने दी बड़ी प्रतिक्रिया
बीजेपी के एमपी बृज भूषण ने प्रेस कॉनफ्रेंस में कहा कि, ‘धरने पर बैठे पहलवानों की डिमांड रोजाना बदल रही है। इन्हीं कहने पर जांच कमिटी बनी। इनके कहने पर जिसे शामिल नहीं करना चाहिए था, उसे भी शामिल किया। मैंने आपत्ति नहीं की। 12 साल से केवल हरियाणा के खिलाड़ियों के साथ यौन शोषण हो रहा है. देश के अन्य राज्यों के खिलाड़ियों को परेशानी नहीं हो रही है। हरियाणा के 90 प्रतिशत खिलाड़ी हमारे साथ हैं। 12 साल में एक अखाड़ा और एक फैमिली है। ये कभी पुलिस स्टेशन, और फेडरेशन में शिकायत लेकर नहीं गए। ये जो आज धरने पर बैठे हैं, जो इन्होंने शादी में क्यों बुलाया। मेरे साथ फोटो क्यों लेते थे। मैं संवैधानिक पद पर हूं। मामला सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली पुलिस के हाथ में है।’
‘एफआईआर हो गई तो क्यों धरने पर बैठे हैं’
बृज भूषण सिंह ने आगे अपने बयान में इस बात का भी जिक्र किया कि इसमें कांग्रेस और उद्योगपति का हाथ है। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने पहलवानों को निशाने पर लेते हुए कहा कि जब एफआईआर दर्ज हो गई तो वह अब क्यों धरने पर बैठे हैं? बृज भूषण ने कहा, ‘मैं शुरू से कह रहा हूं कि इसमें उद्योगपति और कांग्रेस का हाथ है। इन्हें मुझ से कष्ट है। आज दिखाई पड़ गया कि किसका हाथ है आज एफआईआर दर्ज हो गई, तो क्यों धरने पर बैठे हैं। क्यों मोदी जी के खिलाफ और खेल मंत्रालय के खिलाफ क्यों बोल रहे हैं। प्रियंका गांधी को तथ्य नहीं मालूम। दीपेंद्र हुड्डा ने कहां लगाकर फंसा दिया। केजरीवाल और सत्यपाल मलिक क्यों पूछ रहे हैं। पूरा मामला पता नहीं जंतर-मंतर पहुंच गए। जांच रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए था। ये खिलाड़ियों का धरना नहीं है। ये षड़यंत्रकारियों का धरना है। हम बहाना हैं, निशाना हमारे ऊपर है।’