फैसला:रेल,बैंक और SSC प्राथमिक परीक्षायें अब एक
रेलवे, बैंक और एसएससी की प्राथमिक परीक्षा अब एक साथ होगी, मोदी कैबिनेट की बैठक में फ़ैसला
By: प्रशांत19 Aug 2020 08:28 PM (IST)
कैबिनेट ने रेलवे भर्ती बोर्ड, कर्मचारी चयन आयोग और आईबीपीएस की ओर से आयोजित होने वाली भर्ती परीक्षाओं के प्रारंभिक चरण के लिए एक Common Eligibility Test (CET) आयोजित करने का फ़ैसला किया है.
नई दिल्ली: अगर आप ऐसे परीक्षार्थी हैं जो रेलवे भर्ती बोर्ड, कर्मचारी चयन आयोग और आईबीपीएस (Institute of Banking Personnel Selection ) के ज़रिए होने वाली परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं तो जल्द ही आपको पहले चरण की अलग-अलग परीक्षा में भाग लेने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी. ऐसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में आज हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में एक फ़ैसले के बाद संभव हुआ है.
कैबिनेट ने ग्रुप बी और ग्रुप सी स्तर के पदों की नियुक्ति के लिए रेलवे भर्ती बोर्ड, कर्मचारी चयन आयोग और आईबीपीएस की ओर से आयोजित होने वाली भर्ती परीक्षाओं के प्रारंभिक चरण के लिए एक Common Eligibility Test (CET) आयोजित करने का फ़ैसला किया है. इन पदों को सामान्य भाषा में ग़ैर राजपत्रित (Non Gazetted ) पद कहा जाता है.
CET आयोजित करने के लिए इन नई संस्था राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (National Recruitment Agency ) का गठन करने का फ़ैसला किया है. शुरुआत में एजेंसी रेलवे भर्ती बोर्ड, कर्मचारी चयन आयोग और आईबीपीएस की ओर से होने वाली परीक्षाएं आयोजित करेंगी लेकिन कार्मिक राज्य मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने बताया कि आगे चलकर केंद्र की सभी भर्ती एजेंसियों को इसमें शामिल कर लिया जाएगा.
कैसे काम करेगी राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी
राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी तीनों भर्ती एजेंसियों की ओर से आयोजित होने वाली पहले चरण की परीक्षा आयोजित करेगी. परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को जो अंक प्राप्त होंगे उसके आधार पर तीनों एजेंसियों अपने अगले चरण की परीक्षा के लिए आवेदन मंगा सकेंगी. सरकार के मुताबिक़ तीनों एजेंसियां अपनी मांग के मुताबिक़ अंक लाए परीक्षार्थियों को अगले चरण की परीक्षा के लिए चयनित कर सकेंगी. कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसका सबसे बड़ा फ़ायदा छात्रों को मिल सकेगा क्योंकि अभी अलग-अलग परीक्षाओं में अलग-अलग भाग लेना पड़ता है.
हालांकि सरकार ने ये साफ़ किया कि रेलवे भर्ती बोर्ड, कर्मचारी चयन आयोग और आईबीपीएस को ख़त्म नहीं किया जा रहा. साथ ही राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के प्रथम चरण की परीक्षा आयोजित किए जाने के बाद ये स्वतंत्र रूप से अगले चरण परीक्षा ले सकेंगी. सरकार के मुताबिक़ राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी वर्ष 2021 से परीक्षा आयोजित करना शुरू करेगी क्योंकि इस साल भर्ती के लिए आवेदन मंगाए जा चुके हैं.
शुरुआत में सीईटी हर साल दो बार आयोजित की जाएगी लेकिन इसे बाद में ज़रूरत के हिसाब से बढ़ा दिया जाएगा. आयु सीमा के अंदर कोई भी परीक्षार्थी जितनी बार चाहे परीक्षा में बैठ सकेगा.परीक्षाओं में जो उसका सर्वश्रेष्ठ अंक होगा उसके चयन के लिए उसी को आधार बनाया जाएगा. परीक्षार्थी के प्राप्त अंक तीन साल के लिए वैध माना जाएगा. एजेंसी की ओर से तीन स्तरों के लिए परीक्षा आयोजित की जाएंगी-आठवीं कक्षा,12वीं कक्षा और स्नातक स्तर पर. फ़िलहाल ये परीक्षा देश की 12 भाषाओं में आयोजित की जाएगी.
नई व्यवस्था में एक ही रजिस्ट्रेशन पोर्टल बनाया जाएगा जिसके ज़रिए परीक्षार्थी आवेदन कर सकेंगे. इसमें एक ही बार रजिस्ट्रेशन करना होगा. सभी परीक्षाओं के लिए एक ही सिलेबस या पाठ्यक्रम होगा. शुरुआत में देश में क़रीब 1000 परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे. सरकार ने कहा कि ये सुनिश्चित किया जाएगा कि देश के हर ज़िले में कम से कम एक परीक्षा केंद्र ज़रूर बनाए जाएंगे. सरकार को उम्मीद है कि सभी परीक्षार्थियों को एक रजिस्ट्रेशन नम्बर आवंटित किए जाने से परीक्षा में जालसाज़ी में कमी आ जाएगी.
डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने दावा किया कि नई व्यवस्था से ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में रहने वाले परीक्षार्थियों को इसका लाभ मिल सकेगा क्योंकि प्राथमिक परीक्षा में हिस्सा लेने के लिए उन्हें दूर-दूर जाना पड़ता है. छात्रों की ये पुरानी शिकायत रहती है कि अलग-अलग संगठनों के परीक्षा लिए जाने के चलते कई बार परीक्षाओं की तारीख़ आपस में टकरा जाती हैं जिससे परीक्षार्थी मौका चूक जाते हैं. एक ही परीक्षा होने से ऐसी शिकायतों का निदान हो जाएगा. साथ ही, अलग-अलग परीक्षाओं में आवेदन के लिए हर बार आवेदन के साथ पैसा जमा करना पड़ता है लेकिन एक परीक्षा होने से एक ही बार आवेदन करना पड़ेगा.
इन तीनों एजेंसियों के हर साल औसतन 1.25 लाख पदों पर नियुक्ति के लिए परीक्षा आयोजित की जाती है जिसके लिए औसतन 2.5 करोड़ परीक्षार्थी आवेदन करते हैं.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने बुधवार को कहा कि आज कैबिनेट की बैठक में राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के गठन का ऐतिहासिक फैसला लिया गया है. आइए जानते हैं सरकार के इस फैसले के क्या मायने हैं और किन्हें इसका फायदा मिलेगा.
तीन संस्थाओं के लिए होगा कॉमन टेस्ट
फिलहाल नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी केवल तीन संस्थाओं (रेलवे, बैंकिंग और SSC) के लिए परीक्षा लेगी, लेकिन भविष्य में सभी केंद्रीय संस्थाओं की परीक्षा यही एजेंसी लेगी. इन तीन संस्थाओं में लगभग ढाई करोड़ विद्यार्थी भाग लेते हैं. सरकार के सचिव सी. चंद्रमौली ने बताया कि केंद्रीय सरकार में लगभग 20 से अधिक भर्ती एजेंसियां हैं. अभी हम केवल तीन एजेंसियों की परीक्षा कॉमन कर रहे हैं, समय के साथ हम सभी भर्ती एजेंसियों के लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट करेंगे.
युवाओं के लिए वरदान
वर्तमान में, सरकारी नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को पात्रता की समान शर्तें निर्धारित किए गए विभिन्नपदों के लिए अलग-अलग भर्ती एजेंसियों द्वारा संचालित अलग-अलग परीक्षाओं में सम्मिलित होना पड़ता है. उन्होंन अलग-अलग परीक्षा शुल्क भी देना पड़ता है. इन परीक्षाओं में भाग लेने के लिए लंबी दूरियां तय करनी पड़ती हैं. अलग-अलग भर्ती परीक्षाएं केवल उम्मीदवारों ही नहीं बल्कि संबंधित भर्ती एजेंसियों पर भी बोझ होती हैं. इन परीक्षाओं में औसतन, अलग से 2.5 करोड़ से 3 करोड़ उम्मीदवार शामिल होते हैं. ‘राष्ट्रीय भर्ती नीति’ लागू होने के बाद ये उम्मीदवार एक सामान्य योग्यता परीक्षा में केवल एक बार शामिल होंगे.
गरीब उम्मीदवारों को बड़ी राहत
वर्तमान में उम्मीदवारों को बहु-एजेंसियों द्वारा संचालित की जा रही विभिन्न परीक्षाओं में भाग लेना होता है. परीक्षा शुल्क के अतिरिक्त उम्मीदवारों को यात्रा, रहने-ठहरने और अन्य पर अतिरिक्त खर्च करना पड़ता है. ऐसे में एकल परीक्षा से उम्मीदवारों पर वित्तीय बोझ काफी हद तक कम होगा.
महिला उम्मीदवारों को और अधिक लाभ
महिला उम्मीदवारों, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र से आने वाली महिला उम्मीदवारों, को अलग-अलग परीक्षाओं में शामिल होने के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है क्योंकि उन्हें बहुत दूर वाले स्थानों में परिवहन और रुकने की व्यवस्था करनी होती है. इसके अलावा कई बार उन्हें दूरस्थ स्थानों पर स्थित परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने के लिए अपने साथ किसी को ले जाना पड़ता है. इसे देखते हुए सरकार ने प्रत्येक जिले में परीक्षा केंद्र बनाने की तैयारी की है जिससे महिला उम्मीदवारों की बड़ी राहत मिलेगी.
3 वर्षों के लिए वैध होगा स्कोर
उम्मीदवारों द्वारा सीईटी में प्राप्त स्कोर परिणाम घोषित होने की तिथि से 3 वर्षों के लिए वैध होंगे. वैध उपलब्ध अंकों में से सबसे उच्चतम स्कोर को उम्मीदवार का वर्तमान अंक माना जाएगा. उम्मीदवारों द्वारा सीईटी में भाग लेने के लिए अवसरों की संख्या पर कोई सीमा नहीं होगी.
मानक परीक्षाएं
राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी द्वारा गैर-तकनीकी पदों के लिए स्नातक, उच्च माध्यमिक (12वीं पास) और मैट्रिक (10 वीं पास) वाले उम्मीदवारों के लिए अलग से सीईटी का संचालन किया जाएगा. जिसके लिए वर्तमान में कर्मचारी चयन आयोग (SSC), रेलवे भर्ती बोर्ड और बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान द्वारा भर्ती की जाती है. सीईटी के अंक स्तर पर की गई स्क्रीनिंग के आधार पर, भर्ती के लिए अंतिम चयन के लिए अलग से विशेष परीक्षा ली जाएगी. जिसे संबंधित भर्ती एजेंसी द्वारा संचालित किया जाएगा. इन परीक्षाओं का पाठ्यक्रम सामान्य होने के साथ-साथ मानक भी होगा. यह उन उम्मीदवारों के बोझ को कम करेगा, जो वर्तमान में प्रत्येक परीक्षा के लिए अलग-अलग सिलेबस के अनुसार अलग-अलग तैयारियां करते हैं.