यति नरसिंहानंद की हत्या को गुर्गे भेजने वाला सलीमुद्दीन भी गिरफ्तार

 

नागपुर निवासी विपुल विजयवर्गीय को गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर में जाने के लिए उसके विजयनगर सेक्टर-12 निवासी गुरु सलीमुद्दीन ने उकसाया था। रिमांड के दौरान विपुल व उसके साले कासिफ से पूछताछ में यह बात सामने आने के बाद मसूरी पुलिस ने शुक्रवार को सलीमुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने विपुल व कासिफ के खिलाफ दर्ज मुकदमे में सलीमुद्दीन को षड्यंत्रकारी के तौर पर शामिल किया है। गलत नाम बताकर मंदिर में घुसने पर मसूरी पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज कर विपुल व कासिफ को जेल भेजा था। इसके बाद मसूरी पुलिस आठ जून से पांच दिन के कस्टडी रिमांड पर लेकर दोनों से पूछताछ कर रही है। शुक्रवार को रिमांड के चौथे दिन मसूरी पुलिस के अलावा एटीएस ने भी विपुल व कासिफ से पूछताछ की थी। पूछताछ में सामने आया कि विजयनगर सेक्टर-12 निवासी सलीमुद्दीन ने विपुल को उर्दू की तालीम दी थी और पैरा मेडिकल की पढ़ाई भी कराई थी। साथ ही पूछताछ में यह भी सामने आया कि सलीमुद्दीन ने ही विपुल को कासिफ के साथ डासना देवी मंदिर जाने के लिए उकसाया था।

आरोपितों ने सलीमुद्दीन द्वारा उकसाने की बात तो कुबूल की, लेकिन मंदिर में जाने की वजह पूछने पर वह अपने पूर्व के बयान पर कायम हैं। उन्होंने पूर्व में बताया था कि वह शास्त्रार्थ करना चाहते हैं और इसी के लिए उन्हें मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती से मिलना था। जांच में सामने आया कि दोनों ने नजदीक में एक किताबों की दुकान पर घंटों तक रात होने का इंतजार किया था। यह रेकी करने की कोशिश हो सकती है।

मोबाइल व लैपटॉप का डाटा मिटाने की आशंका, रिकवर कराएगी पुलिस

एटीएस की जांच के दौरान सलीमुद्दीन के पास से लैपटॉप व कुछ किताबें बरामद हुई हैं, जिन्हें खंगाला जा रहा है। पुलिस को शक है कि सलीमुद्दीन ने अपने मोबाइल व लैपटॉप का डाटा डिलीट किया है। लिहाजा डाटा रिकवर कराने के लिए लैपटॉप व मोबाइल को एक्सपर्ट के पास भेजा जाएगा। इसके लिए पुलिस फोरेंसिक लैब की मदद भी ले सकती है। पूछताछ के बाद पुलिस ने सलीमुद्दीन को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था ।

गत दो जून की रात करीब साढ़े आठ बजे दो संदिग्ध डासना देवी मंदिर में घुसे थे। गेट पर दोनों ने अपने नाम नागपुर निवासी विपुल विजयवर्गीय तथा काशी गुप्ता लिखवाए थे। बाद में काशी गुप्ता नाम का युवक संजयनगर निवासी कासिफ निकला। पूछताछ में पता चला कि विपुल कासिफ का जीजा है। डेढ़ साल पहले ही विपुल ने उसकी बहन आयशा से शादी की थी।

आरोपितों के बैग से सर्जिकल ब्लेड, वेक्यूम थेरेपी में काम आने वाली मशीन, दो स्टील स्केल, साइनाइड, धार्मिक पुस्तकें मिली थीं। विपुल ने बताया था कि वह शास्त्रार्थ करने के लिए महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती से मिलने आया था। वहीं, महंत ने हत्या को आने का आरोप लगाया था। विशेषज्ञों के अनुसार किसी को काबू कर वैक्यूम थैरेपी के पंप से भी हत्या की जा सकती है। स्टील स्केल का इस्तेमाल सर्जिकल ब्लेड से गरदन काटने के बाद गरदन को धड़ से अलग करने में होता।

मसूरी थाना क्षेत्र के डासना देवी मंदिर में दो जून की रात संदिग्ध परिस्थितियों में घुसे संदिग्ध जीजा-साले विपुल विजयवर्गीय व कासिफ को विजयनगर निवासी सलीमुद्दीन ने उकसाया था। इसके कहने पर वह मंदिर में आए थे। पुलिस ने सलीमुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया है। उसके खिलाफ पुलिस ने साजिश में शामिल होने की धाराएं लगाई हैं।

सलीमुद्दीन ने ही विपुल विजयवर्गीय का निकाह उसका धर्म परिवर्तन कराकर कासिफ की बहन आयशा से कराया था और उसने ही विपुल उर्फ रहमान को पैरामेडिकल व उर्दू की तालीम दी थी। दैनिक जागरण ने अपने चार जून के अंक में सलीमुद्दीन की भूमिका संदिग्ध होने का पर्दाफाश करते हुए खबर प्रकाशित कर दी थी। एटीएस ने बृहस्पतिवार को सलीमुद्दीन को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। हालांकि आरोपितों ने अभी मंदिर में घुसने का मकसद कबूल नहीं किया है। पुलिस ने इसके पास से लैपटॉप, मोबाइल फोन व कुछ किताबें बरामद की हैं। लैपटॉप व मोबाइल का डाटा रिकवर किया जाएगा। पुलिस सलीमुद्दीन को पूछताछ के लिए कस्टडी रिमांड पर लेगी। फिलहाल कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।

विपुल विजयवर्गीय के पंथ परिवर्तन के बाद भी अपना पूर्व का हिंदू नाम इस्तेमाल के पीछे भी हिंदू विरोधी इकोसिस्टम में फिट होने और लोगों को कंफ्यूज करने को कर रहा है।

बता दें कि दो जून को रात करीब नौ बजे दो युवक विपुल विजयवर्गीय व कासिफ मंदिर परिसर में घुसे थे। कासिफ ने रजिस्टर में अपनी एंट्री काशी गुप्ता के नाम से करवाई थी। शक होने पर इनके बैग की तलाशी ली गई तो उसमें से तीन सर्जिकल ब्लेड, साइनाइड ज़हर, धार्मिक किताबें, लोहे के दो स्केल मिले थे। मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद के करीबी अनिल यादव ने महंत की हत्या के प्रयास का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने दोनों आरोपित को गिरफ्तार कर लिया था। सोमवार को कोर्ट ने दोनों की पांच दिन की कस्टडी रिमांड मंजूर की थी। खुफिया एजेंसियों की पूछताछ में सलीमुद्दीन की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी। कथित विपुल विजयवर्गीय को मंदिर क्षेत्र की तो जानकारी नहीं है लेकिन उसके कई राज्यों के बहुत से लोगों से संपर्क हैं।

 

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