कांवड उठाने की इच्छा से पूरा मुस्लिम परिवार बना सनातनी,
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‘कांवड़ उठाने का था मन’, 3 बेटों की इच्छा जान मंदिर पहुंची मां ने इस्लाम छोड़ अपनाया हिन्दू धर्म, हसीना बी बनी रुक्मणी
Khandwa News: एमपी के खंडवा में एक बार फिर एक परिवार की इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म को अपनाया है। परिवार के 4 सदस्यों ने घर वापसी की है। एक मां अपने 3 बेटों के साथ सनातन धर्म अपनाया। शिव मंदिर में पहुंचकर विशेष पूजा कर हसीना बी रुक्मणी बन गई।
Reported by: हरेंद्र नाथ ठाकुर
खंडवाः जिले में एक बार फिर से इस्लाम धर्म छोड़कर एक परिवार की सनातन में वापसी हुई है। एक मां अपने तीन बेटों के साथ सनातन धर्म में घर वापसी की है। महिला इस्लाम में रहकर घुटन महसूस कर रह रही थी। हसीना बी तीन बच्चे फरीद, राशिब और असलम के साथ एक झटके में इस्लाम धर्म का त्याग कर दिया। खंडवा के महादेव गढ़ में एक धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन कर चारों लोगों की घर वापसी कराई गई।
Mother With 3 Sons Return to Sanatan Dharma In Khandwa
खंडवा में मां ने 3 बेटों के साथ सनातन धर्म अपनाया
दरअसल, जिले में पिछले 6 महीने में अब तक एक दर्जन से ज्यादा मामले सामने आए हैं। यहां लोगों ने इस्लाम धर्म का त्याग कर सनातन अपनाते हुए घर वापसी की है। एक बार फिर ऐसा ही नजारा शनिवार को खंडवा के महादेवगढ़ मंदिर में देखने को मिला। यहां 55 वर्षीय एक महिला हसीना बी ने अपने तीनों बेटे के साथ महादेवगढ़ मंदिर पहुंचकर धर्म परिवर्तन करवाया।
सनातन के लिए धड़कता था दिल
हसीना बी ने महादेवगढ़ मंदिर संचालक अशोक पालीवाल से मिल कर उसे अपने मन की बात बताई। हसीना बी का कहना है कि वह भले ही इस्लाम धर्म में रहती थी। लेकिन उसका दिल सनातन धर्म के लिए धड़कता था। उसके तीनों बेटे भी अपने मोहल्ले में हिंदू धर्म के सभी त्योहारों में ठाठ बाट से शिरकत करते थे और उसे उत्साह से मनाते थे। अशोक पालीवाल ने पूरे परिवार को शनिवार को महादेव गढ़ मंदिर में आमंत्रित किया।
बाहर से आए विशेष पुजारियों ने कराया
महादेव गढ़ संचालक अशोक पालीवाल ने पूरे मंदिर में खास तैयारी कर रखी थी। शनिवार को हसीना बी अपने तीनों बेटे के साथ महादेवगढ़ मंदिर पहुंची। इस आयोजन के लिए बाहर से महादेवगढ़ में पंडित बुलाए गए थे। पंडित ने मंदिर पहुंचकर विधि विधान से चारों लोगों का प्रायश्चित कर्म संस्कार आयोजित करवाया। जिसमें हसीना बी को रुक्मणी नाम दिया गया। वहीं, तीन बेटों में से फरीद को अक्षय, असलम को अजय और राशिब को राजकुमार नाम दिया गया। विधि विधान से पूजन पद्धति के बाद सभी ने भगवान शंकर की महाआरती की।
बचपन से बजरंगबली के हैं भक्त
फरीद से अक्षय, असलम से अजय और राशिब से राजकुमार बने युवकों ने बताया कि बचपन से ही उनकी रुचि बजरंगबली के प्रति थी। कुछ ही दिनों में सावन का महीना आने वाला है। ऐसे में पूरे महीनेभर भगवान शंकर की चारों ओर कांवड़ उठाकर लोग जय जयकार करेंगें। उसकी भी इच्छा कांवड़ उठाने की होती है। इस्लाम में रहकर यह संभव नहीं था। उन्होने अपने मन की बात अपनी मां से बताई। इसलिए पूरे परिवार के साथ उन्होंने यह धर्म परिवर्तन करवा लिया।
अब तक 14 लोग की हो चुकी है वापसी
महादेवगढ़ संरक्षक अशोक पालीवाल ने बताया कि वर्ष 2025 में अब तक एक दर्जन से ज्यादा लोगों ने घर वापसी की है। सभी धर्म परिवर्तन करने वाले युवक महादेवगढ़ में रहकर के अपनी सेवाएं दे रहे हैं तो कुछ युवतियाँ और कुछ युवक मुंबई जैसी कंपनियों में भी सेवाएं दे रहे हैं तो कुछ पति-पत्नी बनकर साथ रह रहे हैं।
धर्म परिवर्तन वालों के लिए मुख्यमंत्री से खास मांग
महादेवगढ़ प्रमुख अशोक पालीवाल ने मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव से खास मांग की है। उन्होंने कहा कि जो लोग इस्लाम धर्म त्याग कर सनातन धर्म में घर वापसी कर रहे हैं। उनके दस्तावेज में भी तत्काल नाम परिवर्तन किया जाए। धर्म परिवर्तन के बाद यह प्रक्रिया लंबे समय से बंद होने के कारण लोग परेशान हो रहे हैं। लिहाजा इनकी समस्याओं का निराकरण जल्द से जल्द होना चाहिए।
khandwaGirl Converted To Hinduism After Leaving Muslim Religion, Married Her Boyfriend By Taking Seven Rounds Of Fire, Told Why She Left Islam
सात फेरे लिए, मांग में सिंदूर, मुस्लिम लड़की ने प्रेमी के लिए छोड़ दिया अपना धर्म, सम्मान के लिए बन गई हिन्दू
खंडवा के महादेवगढ़ मंदिर में महाराष्ट्र की युवती सुमैया ने मुस्लिम धर्म का त्याग कर हिंदू धर्म अपनाया और पाखी बन गई। युवती ने न सिर्फ हिंदू धर्म अपनाया बल्कि अपने मनपसंद बचपन के दोस्त विकास के साथ विवाह भी रचाया। धर्म परिवर्तन करने के बाद उसने कहा कि हिन्दू धर्म में हमेशा महिलाओं का सम्मान होता है।
मध्य प्रदेश के खंडवा के महादेवगढ़ मंदिर में एक मुस्लिम युवती ने अपना धर्म बदलकर हिन्दू रीति-रिवाज से शादी की है। तीन दिनों के भीतर यह दूसरा प्रेम विवाह है जो इस मंदिर में हुआ है। दो दिन पहले छत्तीसगढ़ की एक युवती जो पुणे में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है उसने भी खंडवा के महादेवगढ़ मंदिर आकर विवाह रचाया था। अब सुमैया शेख ने भी हिम्मत दिखाई और महाराष्ट्र से खंडवा आकर महादेवगढ़ मंदिर पहुंचकर शादी की है।
पाखी रखा अपना नाम
युवती ने मंदिर के प्रबंधक अशोक पालीवाल से मुलाकात की। महादेवगढ़ संरक्षक से उन्होंने अपनी मन की बात बताई। मंदिर संरक्षक द्वारा खंडवा आने के बाद में सिर्फ युवती को संरक्षण दिया गया बल्कि युवती का धूमधाम से विवाह भी कराया गया। सुमैया का वैदिक मन्त्रोंच्चार करके पहले इस्लाम धर्म का त्याग करवाकर विधि विधान से उसका अपना धर्म परिवर्तन करवाया गया और सनातन धर्म में उसका नाम सुमैया से पाखी रखा गया।
मंदिर में युवती का हुआ विवाह
सुमैया असल में अपने प्रेमी से विवाह के लिए महाराष्ट्र से खंडवा आई थी। लेकिन उसका इस्लाम धर्म इसकी आड़े आ रहा था। लिहाजा युवती ने पहले अपना धर्म परिवर्तन करवाया। फिर मंदिर प्रबंधन ने कुछ ही देर में उसेक विवाह का इंतजाम किया। पंडितों ने युवती का विकास उसेक बचपन के साथी विकास के साथ विधि विधान से कराया। दोनों ने अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए और विकास के गले में वरमाला डाली।
सनातन धर्म में महिलाओं का होता है सम्मान
सुमैया से धर्म परिवर्तन करवाकर हिन्दू धर्म अपनाने वाली पाखी ने बताया कि सनातन धर्म में महिलाओं का काफी सम्मान होता है। महिलाओं के सम्मान के किस्से हिन्दू धर्म में भरे पड़े हैं फिर चाहे वह माता सीता हो या माता दुर्गा या लक्ष्मी या काली या सरस्वती सभी देवियों को बराबर की सम्मान दी गई है। इसीलिए सुमैया ने जिस बचपन से इस्लाम धर्म मे बड़ी हुई उसका पलभर मे हीं त्याग कर सनातन धर्म को अपना लिया।
पिछले 3 महीने में अब तक 25 लोग अपना चुके हैं हिंदू धर्म
महादेवगढ़ 12वीं शताब्दी का अति प्राचीन शिव मंदिर है। यहां पर अब तक देश के अलग-अलग हिस्से से आकर 25 युवक युवतियों ने इस्लाम धर्म का त्याग कर हिंदू धर्म अपना लिया है। महादेव गढ़ संचालक अशोक पालीवाल का कहना है की भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है इसके लिए उन्होंने मंदिर के द्वारा सभी के लिए खोल रखे हैं। जिसे जिस रूप में आना हो यहां आए और यहां से सनातनी बनकर देश की सेवा करें।


