कानून व्यवस्था में मोदी सरकार की हैं उपलब्धियां,तो लारेंस बिश्नोई कैसे बेलगाम?
Lawrence Bishnoi News Why Govt Unable To Rein In Bishnoi Gang After Baba Siddique Murder In Mumbai
यहां-वहां धमाके खत्म, कश्मीर शांत, ड्रग्स पर अंकुश… फिर लॉरेंस बिश्नोई किस खेत की मूली है?
एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और उसके सिंडिकेट पर ध्यान केंद्रित हो गया है। बिश्नोई का नेटवर्क कनाडा स्थित गोल्डी बरार के साथ काम करता है। यह गिरोह सलमान खान के घर के बाहर हुई गोलीबारी में शामिल था। बिश्नोई जेल में रहते हुए भी नेटवर्क ऑपरेट कर रहा है।
मुख्य बिंदु
मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की खुल्लमखुल्ला गोली मार हत्या
लॉरेंस बिश्नोई के गैंग ने लिया बाबा सिद्दीकी की हत्या का जिम्मा
जेल में बंद बिश्नोई के गैंग पर आखिर क्यों नहीं लग पा रहा अंकुश
नई दिल्ली 14 अक्टूबर 2024: एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या ने जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और उसके सिंडिकेट पर फिर से ध्यान केंद्रित कर दिया है। एनआईए, पंजाब पुलिस, मुंबई पुलिस और राजस्थान पुलिस उसके सिंडिकेट के खिलाफ हत्या और जबरन वसूली के एक दर्जन से अधिक मामलों की जांच कर रही है। बताया जाता है कि लॉरेंस बिश्नोई कथित तौर पर कनाडा स्थित सतिंदरजीत सिंह उर्फ गोल्डी बरार और उसके भाई अनमोल बिश्नोई के साथ मिलकर संचालित करता है। उसका नेटवर्क हाल ही में सलमान खान के घर के बाहर हुई गोलीबारी में शामिल था।
दाउद नेटवर्क से हो रही तुलना
एनआईए के अनुसार, देश में गैंगस्टर-खालिस्तान समर्थक तत्वों का गठजोड़ 90 के दशक की शुरुआत में मुंबई में मौजूद परिदृश्य जैसा है। एनआईए ने अपने कई आरोपपत्रों में पाया है कि अब दो मुख्य गिरोह लॉरेंस बिश्नोई और कौशल चौधरी के बीच टकराव चल रहा है। यह अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद और अब जेल में बंद छोटा राजन के बीच प्रतिद्वंद्विता के समान है। इस सिंडिकेट के 50 से अधिक सदस्यों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
कैसे चला रहा गैंग?
गिरोह पहले प्रसिद्ध गायक सिद्धू मूसेवाला, राजू ठेथ जैसे राजनीतिक पदाधिकारियों और प्रदीप कुमार जैसे सामाजिक धार्मिक नेता की हत्या में शामिल रहे हैं। गिरफ्तारी के बाद बिश्नोई के कई सहयोगियों ने खुलासा किया है कि उन्हें बिश्नोई या उनके भाई अनमोल बिश्नोई से ‘डब्बा कॉलिंग’ पद्धति का उपयोग करके निर्देश मिलते हैं। इसमें, इंटरनेट के माध्यम से जबरन वसूली की जाती है, उसके बाद गिरोह के नेता को दूसरी कॉल की जाती है। सलमान खान से सिद्दीकी की निकटता के कारण बिश्नोई गिरोह की संभावित संलिप्तता की भी जांच की जा रही है।
आतंकी घटनाओं में कमी, कश्मीर में शांति, नक्सली काबू
बिश्नोई गैंग के बेखौफ अंदाज के बाद एक सवाल लोगों के जेहन में साफ तौर पर आ रहा है। पहले त्योहारों के मौके पर अलग-अलग हिस्सों में बम विस्फोट की घटनाएं होती थीं। हालत यह थी कि मेट्रो समेत अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट में चलने में डर लगता था। फिर स्थितियां बदल गईं। अब लोग यह सोच रहे हैं कि जब इतनी गंभीर स्थिति से सरकार निपट सकते ही तो आखिर लॉरेन्स गैंग किस खेत की मूली है। अब सवाल है कि आखिर सरकार इसको लेकर कर क्या सोच रही है। यह वही, मोदी सरकार है जिसके कार्यकाल के दौरान पिछले 10 साल में कश्मीर से इतर आतंकी घटनाओं पर लगभग पूरी तरह से अंकुश लग चुका है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री संसद में यह बयान दे चुके हैं कि पिछले 10 साल में आतंकी घटनाओं में कमी आई है। इसके अलावा आतंकी घटनाओं में होने वाली मौतें भी 67 फीसदी तक कम हुई हैं। आतंकवाद को लेकर सरकार का रवैया जीरो टॉलरेंस का है। सरकार की सख्त रुख का ही असर है कि कश्मीर अब शांत हो चुका है। यहां बिना किसी हिंसक वारदात के लोकसभा के बाद विधानसभा चुनाव भी हुए हैं।
ड्रग कार्टेल पर भी धुआंधार ऐक्शन
देश में पिछले कुछ समय से ड्रग्स और नशे के कारोबार पर जबरदस्त कार्रवाई देखने को मिल रही है। गुजरात के अंकलेश्वर में दिल्ली पुलिस और गुजरात पुलिस ने रविवार को एक संयुक्त अभियान में 5,000 करोड़ रुपये मूल्य की करीब 518 किलोग्राम कोकीन बरामद की। यह देश में किसी भी एजेंसी द्वारा की गई अब तक की सबसे बड़ी जब्ती मानी जा रही है। इससे पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 2 अक्टूबर को दक्षिणी दिल्ली के महिपालपुर में एक गोदाम से 560 किलोग्राम से अधिक कोकीन और 40 किग्रा ‘हाइड्रोपोनिक थाईलैंड मारिजुआना’ जब्त किया था। इसकी अनुमानित कीमत 5,620 करोड़ रुपये बताई गई। इसमें चार लोगों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में ऑपरेशन जारी है।
तो लॉरेंस के गैंग पर लगाम क्यों नहीं
इस सब घटनाओं पर ऐक्शन के बावजूद आखिर लॉरेन्स गैंग पर लगाम क्यों नहीं लग पा रही है। लोगों को यह समझ नहीं आ रहा है कि कैसे गुजरात जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई अपने नेटवर्क से ना सिर्फ फिरौती की वसूली कर रहा है बल्कि बड़े-बड़े लोगों के नाम की सुपारी भी दे रहा है। उसके गुर्गे और शूटर खुलेआम भय का पर्याय बने घूम रहे हैं। जहां मन करता है गोलीबारी करते हैं, जिसे मन करता है उसके सीने में गोली उतार दे रहे हैं।
इस संबंध में अधिकारियों का कहना है कि लॉरेन्स बिश्नोई जेल के अंदर से काम करने में इतना निपुण है कि उसने पिछले कई सालों से किसी भी मामले में जमानत को आवेदन नहीं किया है। बिश्नोई उत्तर भारत के सबसे खूंखार आतंकी सिंडिकेट में से एक है। बिश्नोई के 700 से अधिक सहयोगी हैं, जिनमें से लगभग 300 तो पंजाब से ही हैं।