ज्ञानवापी: व्यास गुफ़ा की छत पर टहलने, नमाज़ पर रोक को सुनवाई 17 अगस्त

ज्ञानवापी विवाद केस में सुनवाई टली, अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी

वाराणसी: जिला अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाने के ऊपर मुस्लिम समाज के लोगों के टहलने पर रोक लगाने और उसकी छत एवं खम्भों की मरम्मत करवाये जाने के हिन्दू पक्ष के प्रार्थना पत्र पर अगली सुनवाई के लिए 17 अगस्त की तारीख मुकर्रर की है। हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने शनिवार को बताया कि जिला जज संजीव पांडेय की अदालत ने हिन्दू पक्ष की दलीलें सुनने के बाद मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 अगस्त की तिथि तय की है।

हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार
जिला अदालत ने 31 जनवरी को ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाने में हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने का आदेश दिया था। यादव ने बताया कि अदालत के आदेश के बाद व्यास जी के तहखाने में 31 जनवरी से ही पूजा-पाठ शुरु हो गया तथा श्रद्धालु व्यास जी के तहखाने में स्थापित विग्रहों का झांकी दर्शन करते हैं। उन्होंने कहा कि नमाजी मुसलमान तहखाने की छत पर आकर टहलते हैं, जबकि पूजा स्थल के छत पर कोई टहले और नमाज पढे -यह ठीक नहीं है।”

तहखाने की छत पर टहलने से मुसलमानों को रोक
यादव ने यह भी कहा ,‘‘तहखाने की छत और खंभे काफी कमजोर हैं। ऐसा न हो यह किसी वजह से वह ध्वस्त हो जाये, इसलिए तहखाने की छत पर टहलने से मुसलमानों को रोकने के साथ ही उसकी (तहखाने की) छत और खम्भों की मरम्मत कराये जाने की मांग हिन्दू पक्ष के द्वारा की गई है।” उन्होंने बताया कि जिला जज ने मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख 17 अगस्त मुकर्रर की है। हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता के अनुसार नवंबर 1993 तक सोमनाथ व्यास जी का परिवार उस तहखाने में पूजा-पाठ करता था।

अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा गिराए जाने के बाद 1993 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के शासनकाल के दौरान तहखाने में पूजा-पाठ बंद करा दिया गया था और अवरोधक (बैरीकेड) लगा दिये गये थे। लेकिन अब वहां फिर हिंदुओं को पूजा का अधिकार अदालत ने दिया है। इस पर मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति जताते हुए अदालत से कहा था कि व्यास जी का तहखाना मस्जिद का हिस्सा है, लिहाजा उसमें पूजा-पाठ की अनुमति नहीं दी जा सकती।

 

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