ट्रंप के प्रतिबंधों से अमेरिकियों की भी कटेगी जेब
अमेरिका के टैरिफ से कटेगी वहीं के लोगों की जेब! भारत को भी होगा नुकसान, जानिए US में क्या-क्या हो जाएगा महंगा
इस फैसले का असर न सिर्फ भारतीय कंपनियों पर पड़ेगा, बल्कि अमेरिकी ग्राहकों की जेब पर भी यह भारी पड़ेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि जो प्रोडक्ट भारत से अमेरिका जाते हैं, अब वह महंगे हो जायेगें।
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भारत से अमेरिका को बहुत से सामान एक्सपोर्ट किए जाते हैं. इनमें टेक्सटाइल, जेम्स एंड ज्वेलरी, फार्मा, मशीनरी, केमिकल्स, ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स, ऑटो पार्ट्स, स्टील और प्लास्टिक के सामान शामिल हैं. इनकी खपत अमेरिका में काफी ज्यादा है और भारत इस मांग को पूरा करने वाला बड़ा सप्लायर है.
इन प्रोडक्ट्स पर बढ़ेगा असर
25% टैरिफ का मतलब है कि जो सामान पहले 100 रुपये में अमेरिका पहुंचता था, अब उस पर 25 रुपये का अतिरिक्त टैक्स देना होगा. इसका सीधा असर कीमत पर पड़ेगा. जैसे-जैसे लागत बढ़ेगी, कंपनियां ये खर्च ग्राहकों पर डालेंगी. इससे अमेरिकी बाजार में भारतीय सामान महंगे हो जाएंगे. भारतीय कंपनियों के बिजनेस पर भी इसका असर पड़ सकता है, क्योंकि प्रोडक्ट महंगे होने की वजह से डिमांड में कमी आ सकती है.
क्या-क्या होता है एक्सपोर्ट?
भारत से अमेरिका को जिन चीजों का सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट होता है, उनमें सबसे ऊपर हैं हीरे, कीमती पत्थर, धातुएं और सिक्के. इसके बाद इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का नंबर आता है, जिनका इस्तेमाल अमेरिका की टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री में बड़े पैमाने पर होता है.
तीसरे नंबर पर हैं फार्मास्युटिकल प्रोडक्ट्स यानी दवाइयां, जो भारत की सबसे मजबूत इंडस्ट्री में से एक है. इसके अलावा, मिनरल फ्यूल्स, ऑयल और डिस्टिलेशन प्रोडक्ट्स जैसे पेट्रोलियम से जुड़ी चीजें भी भारत से बड़ी मात्रा में अमेरिका भेजी जाती हैं.
भारत अमेरिका को मशीनरी, न्यूक्लियर रिएक्टर्स और बॉयलर्स भी एक्सपोर्ट करता है, जो अमेरिका के इंडस्ट्रियल सेक्टर में काम आती हैं. इसके अलावा, लोहे और स्टील से बनी चीजें, जैसे पाइप, प्लेट्स या स्ट्रक्चरल आइटम्स, भी प्रमुख एक्सपोर्ट में शामिल हैं.
भारत से पुराने या वॉर्न कपड़े, रेडीमेड गारमेंट्स और अन्य कपड़ा उत्पाद भी अमेरिका जाते हैं. ऑटोमोबाइल सेक्टर की बात करें तो भारत अमेरिका को रेल और ट्राम को छोड़कर बाकी वाहनों का भी एक्सपोर्ट करता है. इसके अलावा ऑर्गेनिक केमिकल्स और नॉन-निटेड या नॉन-क्रोशेड परिधान भी बड़ी मात्रा में भारत से अमेरिका पहुंचते हैं. ये सारे प्रोडक्ट्स भारत की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत अहम हैं और अमेरिका में इनकी भारी मांग है.
भारत की चुनौती और उम्मीद
इस टैरिफ के चलते भारतीय एक्सपोर्टर्स को नुकसान हो सकता है, खासतौर पर उन कंपनियों को जो सिर्फ अमेरिकी बाजार पर निर्भर हैं. लेकिन सरकार की कोशिश है कि अमेरिका से बातचीत करके यह मामला सुलझाया जाए. दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते (BTA) पर बातचीत चल रही है और उम्मीद की जा रही है कि यह टैरिफ अस्थायी होगा.
भारत से अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले शीर्ष उत्पाद और वस्तुएं (वित्त वर्ष 2024-2025)
वित्त वर्ष 2024-2025 में अमेरिका को भारत का निर्यात 11.6% बढ़कर 86.5 अरब डॉलर हो गया, जिससे अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य बन गया। प्रमुख उत्पादों में कीमती पत्थर, इलेक्ट्रॉनिक्स, दवाइयाँ और इंजीनियरिंग सामान शामिल हैं, जो पारंपरिक क्षेत्रों से परे विविधीकरण को दर्शाते हैं। अमेरिका द्वारा अनुकूल टैरिफ बदलावों ने भारतीय निर्यातकों को और बढ़ावा दिया, जिससे यह महत्वपूर्ण व्यापारिक संबंध और मजबूत हुआ।
भारत ने वित्त वर्ष 2024-2025 में संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ अपने व्यापार संबंधों का विस्तार किया है, जिससे अमेरिका भारत के सबसे बड़े निर्यात गंतव्य के रूप में स्थापित हुआ है। इस अवधि में विभिन्न क्षेत्रों के उत्पादों और वस्तुओं की विविध श्रृंखला के कारण निर्यात में मज़बूत वृद्धि देखी गई।
भारत-अमेरिका व्यापार अवलोकन (वित्त वर्ष 2024-2025)
अमेरिका को कुल निर्यात: 86.5 बिलियन डॉलर (पिछले वर्ष से 11.6% अधिक)
प्रमुख क्षेत्र: फार्मास्यूटिकल्स, इंजीनियरिंग सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स, रत्न और आभूषण, पेट्रोलियम उत्पाद, वस्त्र और परिधान
भारत से अमेरिका को शीर्ष 10 निर्यात उत्पाद (वित्त वर्ष 2024-2025)
रैंक उत्पाद/वस्तु निर्यात मूल्य (बिलियन अमेरिकी डॉलर में) मुख्य नोट्स
1 मोती, कीमती पत्थर और धातुएँ 10.17
इसमें हीरे, सोना, रत्न, आभूषण शामिल हैं
2 विद्युत एवं इलेक्ट्रॉनिक उपकरण 9.89
स्मार्टफोन, दूरसंचार उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक्स
3 फार्मास्यूटिकल्स और चिकित्सा उपकरण 7.55–8.10
जेनेरिक दवाएं, टीके, एपीआई
4 खनिज ईंधन और पेट्रोलियम उत्पाद 6.52–7.0
परिष्कृत पेट्रोलियम, ईंधन, तेल
5 मशीनरी और इंजीनियरिंग सामान 5.99–7.1
बॉयलर, टर्बाइन, मशीनरी, ऑटो घटक
6 रत्न और आभूषण ~5.3–8.5
उत्तम आभूषण, प्रसंस्कृत पत्थर
7 परिधान और वस्त्र 2.51–2.8
सूती वस्त्र, वस्त्र, रेडीमेड
8 लोहे या स्टील की वस्तुएँ 2.76
स्टील पाइप, बार, शीट
9 जैविक रसायन 2.55
मध्यवर्ती, थोक रसायन
10 वाहन (रेल/ट्राम को छोड़कर) 2.58
कारें, ऑटो पार्ट्स, मोटरसाइकिलें
प्रमुख रुझान:
इलेक्ट्रॉनिक्स और दवाइयों के शिपमेंट में वृद्धि
परिधान और वस्त्र जैसे पारंपरिक क्षेत्रों में लचीलापन
2025 में अमेरिकी टैरिफ बदलाव के कारण भारतीय निर्यातकों को प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिलेगी ।
उत्पाद अंतर्दृष्टि
1. मोती, कीमती पत्थर और धातुएँ
भारत अमेरिका को हीरे, सोने के आभूषण और कीमती पत्थरों का एक महत्वपूर्ण आपूर्तिकर्ता बना हुआ है, तथा सूरत जैसे केंद्रों का उपयोग कटाई और पॉलिशिंग केन्द्रों के रूप में करता है।
2. विद्युत एवं इलेक्ट्रॉनिक उपकरण
स्मार्टफोन और दूरसंचार उपकरणों (विशेष रूप से आईफोन उत्पादन) के नेतृत्व में निर्यात में वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि देखी गई, जिसे अमेरिकी मांग और सकारात्मक टैरिफ का समर्थन प्राप्त हुआ।
3. फार्मास्यूटिकल्स
भारत जेनेरिक दवाओं और वैक्सीन इंटरमीडिएट्स का एक प्रमुख वैश्विक निर्यातक है, जिसका सबसे बड़ा एकल बाजार अमेरिका है।
4. पेट्रोलियम उत्पाद
इसके निर्यात में परिष्कृत पेट्रोल, डीजल और जेट ईंधन शामिल हैं, जो भारत की शोधन क्षमता में वृद्धि को दर्शाता है।
5. मशीनरी और इंजीनियरिंग सामान
इसमें औद्योगिक मशीनों, ऑटो पार्ट्स, बॉयलरों और टर्बाइनों की एक विशाल श्रृंखला शामिल है।
6. रत्न और आभूषण
खुले रत्नों के अतिरिक्त, भारत उच्च मूल्य वाले आभूषणों और मूल्यवर्धित रत्नों का निर्यात भी करता है।
7. परिधान और वस्त्र
वस्त्र, परिधान (कपास, रेशम, ऊन) और घरेलू वस्त्रों में क्लासिक मजबूती के कारण निर्यात की गति बहुत मजबूत बनी हुई है।
8. लोहे या स्टील की वस्तुएँ
इसमें स्टील की वस्तुएं, पाइप और निर्माण सामग्री शामिल हैं।
9.कमोडिटी और विशेष रसायन
कमोडिटी और विशेष रसायनों की अमेरिका में बढ़ती मांग ने भारतीय निर्यात को मजबूत किया है।
10. वाहन
भारत अमेरिका को विभिन्न प्रकार के ऑटोमोबाइल, मोटरसाइकिल और ऑटो पार्ट्स का निर्यात करता है।
निर्यात विकास को बढ़ावा देने वाले रणनीतिक तत्व
टैरिफ गतिशीलता: अधिकांश उद्योगों में, लेकिन विशेष रूप से रसायन, वस्त्र और स्मार्टफोन में, भारतीय निर्यातकों को अमेरिकी टैरिफ में परिवर्तन से वित्तीय लाभ हुआ है।
विविधीकरण: भारतीय निर्यात कपड़ों जैसी पारंपरिक वस्तुओं से मशीनरी और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी अधिक मूल्यवान वस्तुओं की ओर स्थानांतरित हो रहा है।
सरकारी कार्यक्रम: हाल ही में हुए विस्तार को विनिर्माण और निर्यातोन्मुख क्षेत्रों को दिए गए समर्थन से बढ़ावा मिला है।
वित्त वर्ष 2024-2025 में संयुक्त राज्य अमेरिका को भारत का निर्यात गुणात्मक और संख्यात्मक दोनों तरह से विविधीकरण दर्शाता है। इस फलते-फूलते व्यापारिक संबंध का आधार इंजीनियरिंग उत्पाद, हाइड्रोकार्बन, रत्न, इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मास्यूटिकल्स हैं।
भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार अभी भी संयुक्त राज्य अमेरिका ही रहेगा, खासकर तब जब अंतर्राष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखलाएं पुनः चालू हो जाएंगी और नए व्यापार समझौते होंगें।
