धामी के अनुरोध पर उत्तराखंड कृषि औद्यानिकी की 38 अरब की योजनाओं को केंद्र से सहमति
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराजसिंह चौहान से भेंट कर राज्य में कृषि से सम्बधित विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में विशेष सहयोग का किया अनुरोध
केन्द्र सरकार से कृषि एवं बागवानी विकास की विभिन्न योजनाओं को मिली 3800 करोड़ रुपए की सैद्धांतिक सहमति
केन्द्रीय कृषि मंत्री ने की उत्तराखण्ड सरकार के कृषि एवं ग्रामीण विकास के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों की सराहना
देहरादून 07 जुलाई 2025। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय कृषि, ग्राम्य विकास एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान से भेंट कर प्रदेश की कृषि एवं उससे जुडी विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन एवं विस्तार के संबंध में चर्चा की। मुख्यमंत्री धामी ने राज्य के पर्वतीय एवं मैदानी क्षेत्रों की कृषि एवं बागवानी आवश्यकताओं तथा किसानों की सुदृढ आर्थिकी को राज्य सरकार की प्रस्तावित योजनाओं पर भी चर्चा की। मुख्यमंत्री धामी ने श्री चौहान को अवगत कराया कि उत्तराखण्ड सरकार ने कृषि एवं बागवानी क्षेत्र के समग्र विकास एवं किसानों को आत्मनिर्भर बनाने को 38 अरब रुपये की व्यापक योजनाएं तैयार की हैं। इन योजनाओं में नवाचार, यंत्रीकरण, तकनीकी समावेशन एवं पारम्परिक कृषि प्रोत्साहन जैसे विविध पक्ष शामिल किये गये है। केन्द्रीय कृषि मंत्री चौहान के राज्य की कृषि संबधि योजनाओं हेतु 38 अरब रुपए की सैद्धांतिक सहमति देने पर मुख्यमंत्री धामी ने उनका आभार जताया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह सहयोग राज्य के कृषि क्षेत्र को आत्मर्निभर और आधुनिक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय मंत्री चौहान को अवगत कराया कि राज्य में पर्वतीय क्षेत्रों की फसलों को जंगली जानवरों से बचाने को कृषि बाड़ निर्माण को 1,053 करोड़ रुपये की आवश्यकता चिह्नित की गई है। इसके अतिरिक्त राज्य में 10,000 फार्म मशीनरी बैंक स्थापित करने हेतु ,चार अरब रुपए की योजना प्रस्तावित की गई है, जिससे लघु, सीमांत किसान एवं महिलाएं लाभान्वित होंगी। पारम्परिक पोषक फसलों को बढ़ावा देने को स्टेट मिलेट मिशन में 135 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। बीज उत्पादन में आत्मनिर्भरता हेतु राज्य को सीड हब के रूप में विकसित करने को 5 करोड़ रुपये की योजना भी तैयार की गई है। सेब उत्पादन प्रोत्साहन, भंडारण और विपणन तंत्र सुदृढ़ बनाने हेतु 1,150 करोड़ रुपये की योजना प्रस्तावित है। नकदी फसलों जैसे कीवी के संवर्धन एवं खेती को वन्यजीवों से संरक्षित करने हेतु 894 करोड़ रुपये की आवश्यकता दर्शाई गई है। कृषि व बागवानी क्षेत्र में नवाचार और स्टार्टअप्स प्रोत्साहन को 885.10 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है। ड्रैगन फ्रूट जैसी कम जोखिम वाली फसलों के प्रोत्साहित हेतु 42 करोड़ रुपये की योजना भी तैयार की गई है।
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन के क्षेत्र में राज्य सरकार सक्रियता से कार्य कर रही है। जैविक खेती प्रोत्साहन को विश्लेषण प्रयोगशालाओं की स्थापना को 37 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। भूमि अभिलेखों के आधुनिकीकरण और डिजिटल सर्वेक्षण को 379 करोड़ रुपये की योजना प्रस्तावित की गई है। इसके साथ ही पंतनगर विश्वविद्यालय से युवाओं को कृषि क्षेत्र में दक्ष बनाने हेतु 14 करोड़ रुपये तथा एग्रीटूरिज्म स्कूल स्थापना हेतु 14 करोड़ रुपये की योजना तैयार की गई है। उत्तराखंड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, भरसार में माइक्रोबायोलॉजी प्रयोगशाला की स्थापना को 16.11 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री धामी ने प्रदेश में सेब उत्पादन के दृष्टिगत उच्च गुणवत्ता की नर्सरी, कोल्ड स्टोरेज, सॉर्टिंग व ग्रेडिंग यूनिट की स्थापना, कीवी व ड्रैगन फ्रूट मिशन प्रोत्साहन, सुपर फूड्स (मशरूम व एग्जॉटिक वेजिटेबल्स) हेतु सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापना तथा पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय में एग्रो टूरिज्म स्कूल की स्थापना को भी केंद्रीय सहायता का अनुरोध केन्द्रीय मंत्री से किया।
मुख्यमंत्री धामी के अनुरोध पर केन्द्रीय मंत्री चौहान ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पी.एम.जी.एस.वाई) 1 व 2 के अवशेष कार्यों की समय सीमा बढ़ाने की सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई। साथ ही पी.एम.जी.एस.वाई 4 के प्रस्ताव पर भी सैद्धांतिक सहमति का आश्वासन दिया। केन्द्रीय मंत्री चौहान ने उत्तराखंड सरकार के कृषि एवं ग्रामीण विकास के विभिन्न क्षेत्रों में किये जा रहे उत्कृष्ट कार्यों की सराहना की।
केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान ने मुख्यमंत्री धामी के प्रस्तावों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए आश्वस्त किया कि उत्तराखण्ड की कृषि आवश्यकताओं को प्राथमिकता के आधार पर संज्ञान में लिया जाएगा तथा राज्य के किसानों की समृद्धि हेतु हरसंभव सहयोग प्रदान किया जाएगा।
बैठक में भारत सरकार के कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी, भारत सरकार के ग्रामीण विकास सचिव सैलेश कुमार सिंह तथा उत्तराखंड के स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा उपस्थित रहे।

