नियम: बेसहारा कुत्तों को न मार सकते,न भगा सकते

 

Centre Asks States To Enforce New Policy To Check Stray Dog Numbers Know What Is The New Rule
सावधान! स्ट्रे डॉग को मारने से पहले पढ़ लीजिए केंद्र सरकार का नया नियम क्या कहता है?

New Rules For Stray Dogs In India: केंद्र सरकार ने पहले ही सभी राज्यों के मुख्य सचिवों, पशु पालन विभाग एवं शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिवों को पत्र जारी कर दिया है। केंद्र सरकार ने पशु क्रूरता को रोकने के लिए नए नियमों को पालन करने का निर्देश दिया है।

हाइलाइट्स
1-नए नियमों में पशु जन्म नियंत्रण कार्यक्रम की जिम्मेदारी नगर निगमों की है
2-पशु जन्म नियंत्रण कार्यक्रम का उद्देश्य आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण करना है
3-आवारा कुत्तों को स्थानांतरित किए बिना मनुष्यों और कुत्तों के संघर्ष को कम करना है

नई दिल्ली 21 अप्रैल: बीते रविवार को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) परिसर के एक पार्क में आवारा कुत्तों के एक झुंड ने सुबह वक्त टहलने निकले एक बुजुर्ग व्यक्ति पर हमला कर उसे मार डाला। सीसीटीवी फुटेज मे यह पूरी घटना कैद है। यह कोई पहला वाकया नहीं है, इससे पहले भी आवारा कुत्तों के आतंक के मामले दिल्ली, मुंबई, उत्तर प्रदेश, बिहार समेत कई राज्यों से सामने आते रहे हैं। आवारा कुत्तों के आतंक से केंद्र सरकार भी चिंतित है। सरकार ने कुत्तों के आतंक से पीड़ित लोगों और पशुओं की सुरक्षा को ध्यान रखकर नए नियमों को लागू करने की सलाह राज्यों को दी है। केंद्र सरकार ने पशुपालन मंत्रालय की ओर से तैयार किए गए पशु जन्म नियंत्रण नियमों के नए नियम को राज्यों, स्थानीय निकायों और आरडब्ल्यूए तक पहुंचाने का फैसला किया है। केंद्र सरकार ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के तहत और पशु जन्म नियंत्रण ( कुत्ता ) नियमावली, 2021 के अधिक्रमण के बाद दिनांक 10 मार्च, 2023 के जीएसआर 193 (ई) के द्वारा पशु जन्म नियंत्रण नियमावली, 2023 अधिसूचित कर दी है। केंद्र सरकार ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने विशेष रूप से उल्लेख किया है कि कुत्तों के स्थानांतरण की अनुमति नहीं दी जा सकती है

क्या कहते हैं नए नियम

1-नए नियमों में पशु जन्म नियंत्रण (ABC) कार्यक्रम को चलाने के लिए नगर पालिकाओं, नगर निगमों और पंचायतों सहित स्थानीय निकाय जिम्मेदार हैं।
2-पशु जन्म नियंत्रण कार्यक्रम का उद्देश्य आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण करना, उनकी आबादी कम करना और पशु कल्याण के मुद्दों को संबोधित करना है।
3-नियम कुत्तों को स्थानांतरित किए बिना मनुष्यों और आवारा कुत्तों के बीच संघर्ष को कैसे संभालना है, इस पर दिशानिर्देश प्रदान करते हैं।
4-पशु जन्म नियंत्रण कार्यक्रम को AWBI से मान्यता प्राप्त संगठनों की ओर से विशेष रूप से इस उद्देश्य के लिए मान्यता प्राप्त होना चाहिए।
5-ऐसे संगठनों की सूची AWBI की वेबसाइट पर उपलब्ध होगी और इसे नियमित रूप से अपडेट किया जाएगा।

भारतीय पशु कल्याण बोर्ड के बारे में जानिए

भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (AWBI) एक वैधानिक सलाहकार निकाय है जो भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय को मार्गदर्शन प्रदान करता है। भारतीय पशु कल्याण बोर्ड के कुछ प्रमुख कार्यों में पशु कल्याण पर अनुसंधान करना, पशु अधिकारों के बारे में जागरूकता पैदा करना और जानवरों से संबंधित गतिविधियों जैसे परिवहन, वध और मनोरंजन में जानवरों के उपयोग की निगरानी करना शामिल है।

क्या है पशु क्रूरता निवारण अधिनियम

भारत में पशुओं के खिलाफ क्रूरता को रोकने के लिए साल 1960 में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम लागू हुआ था। साथ ही इस ऐक्ट की धारा-4 के तहत साल 1962 में भारतीय पशु कल्याण बोर्ड का गठन किया गया। इस अधिनियम का उद्देश्य पशुओं को अनावश्यक सजा या जानवरों के उत्पीड़न की प्रवृत्ति को रोकना है। मामले को लेकर कई तरह के प्रावधान इस एक्ट में शामिल हैं। जैसे अगर कोई पशु मालिक अपने पालतू जानवर को आवारा छोड़ देता है, या उसका इलाज नहीं कराता, भूखा-प्यासा रखता है तब ऐसा व्यक्ति पशु क्रूरता का अपराधी होगा। ऐसे अपराधों के लिए कम से कम 10 रुपये से लेकर 2 हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। साथ ही अधिकतम तीन साल की सजा हो सकती है।र

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